भूमध्य रेखा के दोनों ओर अयनवृत्तों (कर्क तथा मकर वृत्त) के मध्य स्थित पृथ्वी का भाग। इस कटिबंध में स्थित प्रत्येक भाग में वर्ष में कम से कम एक दिन सूर्य की किरणें अवश्य लम्बवत् पड़ती हैं। इस कटिबंध के बाहर उत्तर या दक्षिण सूर्य कभी भी लम्बवत् नहीं होता है। उष्ण कटिबंध में सूर्य की किरणें कभी भी अधिक तिरछी नहीं होने पाती हैं जिसके कारण यहाँ वर्ष भर तापक्रम ऊँचा रहता है यद्यपि भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण बढ़ने पर तापंतर में वृद्धि होती जाती है। भूमध्य रेखा के समीपस्थ भागों में तापमान सदैव ऊँचा रहता है और शीत ऋतु नहीं होती है किन्तु कर्क एवं मकर रेखाओं के समीप शीत तथा ग्रीष्म ऋतुएं स्पष्ट हो जाती हैं। समान जलवायविक दशाओं के आधार पर उष्ण कटिबंध का विस्तार 300 उत्तर अक्षांश से 300 दक्षिण अक्षांश तक भी माना जाता है।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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