वाष्पन, वाष्पीकरण, वाष्पीभवन
एक प्रक्रम जिसके द्वारा कोई पदार्थ तरल से वाष्प अवस्था में परिवर्तित होता है। उदाहरणार्थ, जल को अधिक गर्म करने पर वह वाष्प का रूप धारण कर लेता है। भूतल पर स्थित जलाशयों (महासागरों, सागरों, झीलों, नदियों आदि) का जल सूर्यातप से गर्म होकर जल वाष्प का रूप धारण करके वायुमंडल में पहुँचाता है। भूमंडल के विभिन्न भागों में वाष्पीकरण की मात्रा में पर्याप्त भिन्नता पायी जाती है। भूतल पर प्राप्त होने वाली सूर्यातप की मात्रा, वायु का तापमान, वायुमंडल में विद्यमान जलवाष्प की मात्रा, जल की सतह की प्रकृति, प्रचलित पवन आदि कारकों द्वारा वाष्पीकरण की दर निर्धारित होती है। उच्च तापमान, तेज पवन प्रवाह तथा विस्तृत जल सतह की उपस्थिति में वाष्पीकरण की मात्रा सर्वाधिक होती है।