वायु अथवा जल की अनियमित तथा बाधित प्रवाह या गति जिससे गौण भंवरे उत्पन्न हो जाती हैं। वायुमंडल की निचली परत में लगभग 600 मीटर की ऊँचाई तक भंवर (eddies) के रूप में वायु विक्षोभ (निम्नदाब) पाये जाते हैं जिनकी उत्पत्ति भूतल के असमान ऊष्मन (heating) द्वारा होती है। इसमें अनेक पदार्थों जैसे जलवाष्प, धूलि, धूम आदि का मिश्रण पाया जाता है। ऊपर उठती हुई हवाओं के शीतल होने से जलवाष्प का संघनन होने लगता है और बादल का निर्माण होता है। चक्रवात वायु विक्षोभ का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
नदी की अपरदनात्मक क्षमता विक्षोभ की मात्रा से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित होती है। जल के साथ मलवा या अवसादों के परिवहन में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। विक्षोभ की मात्रा न्यून होने पर पदार्थों का निक्षेप होता है और इसमें वृद्धि होने पर अपरदन की मात्रा बढ़ जाती है। जल की प्रवाहगति में वृद्धि, जलमार्ग की तली पर अवरोध की उपस्थिति, जल की गहराई में वृद्धि आदि के कारण जलीय विक्षोभ की उत्पत्ति होती है।
नदी की अपरदनात्मक क्षमता विक्षोभ की मात्रा से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित होती है। जल के साथ मलवा या अवसादों के परिवहन में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। विक्षोभ की मात्रा न्यून होने पर पदार्थों का निक्षेप होता है और इसमें वृद्धि होने पर अपरदन की मात्रा बढ़ जाती है। जल की प्रवाहगति में वृद्धि, जलमार्ग की तली पर अवरोध की उपस्थिति, जल की गहराई में वृद्धि आदि के कारण जलीय विक्षोभ की उत्पत्ति होती है।
अन्य स्रोतों से
वेबस्टर शब्दकोश ( Meaning With Webster's Online Dictionary )
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