स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट-डॉलफिन" योजना की घोषणा की है। जिसमें प्रॉजेक्ट टाइगर की तरह काम किया जाएगा। जैसे प्रोजेक्ट टाइगर में बाघों की संख्या बढ़ाने का काम किया गया था कुछ इसी तरह डॉलफिन को संरक्षित करने के लिये कदम उठाए जाएंगे।
इस प्रोजेक्ट को पिछले साल कानपुर में पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई नमामि गंगे परियोजना की बैठक मंजूरी मिली थी।
बता दे गंगा डॉलफिन संसार की नदियों में पाई जाने वाली डॉलफिन की पांच प्रजातियों में से एक है जो देश की सबसे पुरानी जीव जंतु में से एक है ।
इस डॉलफिन का वैज्ञानिक नाम "प्लेटेनिस्टा गेंगेटिका" है। ये मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाने वाली विशेषकर गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और करनपुली-सांगू नदी प्रणालियों में से एक है ।
गंगा डॉलफिन कुछ समय पहले डॉल्फिन बंगाल की खाड़ी और हिमालय की तलहटी के ऊपर इलाकों में देखा जा सकता था कुछ विशेषज्ञ के मुताबिक 19 वीं शताब्दी के गंगा डॉलफिन यमुना में दिल्ली तक देखी गई । गंगा में बढ़ते प्रदूषण से इनकी संख्या में काफी गिरावट आई है जो चिंता का विषय बनी हुई है। अतः इनकी संख्या में और कम ना हो उसके लिए केंद्र सरकार इनको संरक्षित करने पर ध्यान दे रही है