जल संवर्द्धन की बात ना 100 दिनों और ना आने वाले दिनों में

Submitted by Editorial Team on Tue, 06/27/2017 - 13:13


उत्तराखण्ड सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर पुस्तिका का विमोचन करते मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावतउत्तराखण्ड सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर पुस्तिका का विमोचन करते मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावतसूचना एवं लोक सर्म्पक विभाग द्वारा आयोजित सरकार के सौ दिन पर एक विशाल सम्मेलन का आयोजन बीते 25 जून को राजधानी के विशाल मैदान परेड ग्राउंड में किया गया। इस सम्मेलन के पश्चात और पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने क्रमशः देहरादून के टपकेश्वर, मुख्यमंत्री आवास कैंट रोड देहरादून और उधम सिंह नगर में सरकार के 100 दिन की सफलता का बखान किया है।

इस वक्तव्य में जिस तरह से मुख्यमंत्री श्री रावत ने सरकार की प्रशंसा विकास के कार्यों बावत की है वह तरीफे काबिल था। पर श्री रावत के वक्तव्य को सुनने पहुँचे किसान और पर्यावरण कार्यकर्ता इस बात से आश्चर्यचकित हो रहे थे कि जो राज्य प्राकृतिक संसाधनों के बलबूते विकास की कहानी बनाता है उस राज्य का जो विकास का मॉडल मुख्यमंत्री प्रस्तुत कर रहे हैं वह तो सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के लिये साबित हो रहा है। और-तो-और जिस प्रकृति प्रदत्त जल से लोग जीवित हैं उसके संरक्षण बावत सरकार के 100 दिन और भविष्य के दिनो में कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।

उल्लेखनीय हो कि सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित ‘100 दिन सरकार के, 100 दिन विकास के’ पुस्तिका का लोकार्पण परेड ग्राउंड में एक विशाल जन सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत और सरकार की पूरी कैबिनेट और केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा, भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्री श्याम जाजू, सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने संयुक्त रूप से किया।

पुस्तिका में मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवरनेंस, सीएम डैशबोर्ड, जिम्मेदारी से जवाबदेही तक, विकास का बजट, डबल इंजन का कमाल विकास को मिली रफ्तार, गाँव बनें विकास का केन्द्र, पशुपालन से होगी आर्थिकी मजबूत, उन्नत खेती : समृद्ध प्रदेश, स्मार्ट बनेगा उत्तराखण्ड, सबल नारी सशक्त उत्तराखण्ड, समृद्ध पंचायत मजबूत लोकतंत्र, सहकारिता से बदलेंगे गाँव का अर्थतंत्र, आदि विषयों के माध्यम से राज्य की अर्थव्यवस्था पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेंगे, पुस्तिका के माध्यम से उपलब्धियों एवं कार्यों को फोटो एलबम बनाकर प्रस्तुत किया गया है। अर्थात सरकार के विकासीय कार्यों एवं योजनाओं का सजीव चित्रण किया गया। 72 पृष्ठों की इस पुस्तिका में शानदार कलर कम्बीनेशन के जरिए पुस्तक को आकर्षक रूप प्रदान किया गया।

पुस्तिका में विषयों के अन्तर्गत दी गई सामग्री को बाक्स के अन्दर समावेशित कर अधिक रोचक एवं आकर्षक बनाया गया। पुस्तिका में उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था को सकारात्मक दिशा में विकसित करने के लिये सरकार द्वारा जो नीतियाँ बनाई गई हैं उन पर भी प्रकाश डाला गया है। उत्तराखण्ड को एक विकसित प्रदेश बनाने के लिये एक द्वीवास्वप्न भी दिखाया गया है। मगर पुस्तिका में कहीं भी ऐसा नहीं बताया गया कि जल की उत्पादकता कैसी होगी। हाँ ऐसा जरूर बताया गया जल पर जल ऊर्जा को भारी मात्रा में विकसित किया जाएगा। जल ऊर्जा की ऐसी योजनाओं की जानकारी प्रस्तुत की गई जो पहले से ही राज्य में विवादित है।

 

 

ऐसे थे सरकार सौ दिन


सरकार के 100 दिन पूर्ण होने के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने परेड ग्राउंड देहरादून में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ने जो वायदे जनता से किये थे, उन्हें पूरा करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। श्री रावत ने कहा कि पलायन को रोकने के लिये एक आयोग का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही राज्य स्तरीय सैन्य स्मारक का निर्माण भी राज्य सरकार द्वारा स्वयं किया जाएगा।

राज्य के विकास के लिये उनकी सरकार ठोस रोडमैप तैयार करने का काम किया है। सरकार ने इन 100 दिन में राज्य के विकास को दिशा देने के लिये कुछ निर्णय लिये हैं, जिनके दूरगामी परिणाम सामने आएँगे। केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग राज्य को मिल रहा है और अब डबल इंजन का फायदा जल्द ही लोगों को दिखने लगेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विकास पुस्तिका के माध्यम से अपनी अपनी सरकारी प्रमुख योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी दी। जिनमें प्रमुख रूप से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, लोक निर्माण, पेयजल आदि क्षेत्रों में शुरू की जा रही योजनाओं का विवरण दिया गया है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का फोकस भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाना है, जिस दिशा में वे कामयाब हुए हैं। इसके साथ ही सरकार ने भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी ढंग से आयोजित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। सरकार ने अहम निर्णय लिया है कि किसानों को एक लाख रुपए तक का ऋण दो प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा। जबकि आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये मानक में भी परिवर्तन किया गया है। अब न्याय पंचायत को मानक माना जाएगा और 33 प्रतिशत तक आपदा के कारण खेती को नुकसान होने पर किसानों को मुआवजा मिल सकेगा।

इस वर्ष के लिये एक हजार से अधिक पटवारियों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार राज्य को पूरा सहयोग देगा। राज्य में पर्यटन से सम्बन्धित योजनाओं के लिये धन की कमी को आड़े नही आने दिया जाएगा। केन्द्र सरकार द्वारा देश भर के कुछ शहरों का चयन किया गया, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा, इस श्रेणी में हरिद्वार जनपद का भी चयन किया गया है।

केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि राज्य सरकार श्री रावत के नेतृत्व में अच्छा कार्य कर रही है। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिये एक विजन लेकर कार्य किया जा रहा है, जिसके लिये राज्य सरकार बधाई की पात्र है। कार्यक्रम को पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद श्री भगत सिंह कोश्यारी, कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत, श्री मदन कौशिक, प्रदेश प्रभारी श्री श्याम जाजू, प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट आदि ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री हरक सिंह रावत, श्री यशपाल आर्य, श्री अरविन्द पांडेय, श्री सुबोध उनियाल, श्री धन सिंह रावत, विधायक एवं राष्ट्रीय सचिव श्री तीरथ सिंह रावत, विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान, श्री विनोद चमोली, श्री गणेश जोशी, श्री सहदेव पुंडीर, श्री विशन सिंह चुफाल, भाजपा नेता श्री नरेश बंसल, श्री उमेश अग्रवाल, श्री सुनील गामा आदि उपस्थित रहे।

 

 

 

 

भविष्य की दिशा पर अकादमिक सेमिनार


मुख्यमंत्री आवास पर विभिन्न सरकारी संस्थानों ने सरकार के 100 दिन पूरे होने पर और भविष्य की विकास की दिशा राज्य में कैसी हो को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि विकास कैसे हो और जो विकास कार्य सम्पन्न होने जा रहा है उसको और अच्छे ढंग से सम्पादित कैसे करें पर ऐसी सेमिनारों का आयोजन प्रत्येक तीन माह में किये जाएँगे। उन्होंने कहा कि इस बावत वॉट्सएप ग्रुप में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। इस दौरान राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून, ने अपनी प्रस्तुती के द्वारा सुझाव दिये। राजकीय नर्सिंग कॉलेज, देहरादून द्वारा ‘जन स्वास्थ्य सेवाओं का प्रतिपादन’ दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टॉफ व उपकरणों की कमी की ओर ध्यान आकर्षित किया। टीएचडीसी (आईएचटी) नई टिहरी द्वारा विभिन्न विभागों में डिजिटलीकरण की सहायता से कुशल प्रबन्धन पर सुझाव दिये। जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी, द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया कि स्किल इण्डिया प्रोग्राम के उत्तराखण्ड में रोजगार के नए अवसर किस प्रकार से प्रदान करना है। महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (डब्ल्यूआईटी) द्वारा बताया गया कि बेटियों के देश में घटते शिक्षा स्तर तथा बेटों के प्रति बढ़ते लिंगानुपात को एक गम्भीर समस्या के रूप में लेते लिंगानुपात को कम करना तथा बेटियों को शिक्षित कर स्वावलम्बी तथा आत्मनिर्भर बनाना है। श्री गुरु राम राय (पी.जी.) कॉलेज भंडारी बाग देहरादून द्वारा ‘जैव विविधता के संरक्षण पोषण एवं उपयोग’ पर प्रस्तुती के द्वारा बताया गया कि जैवविविधता संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है। कुकरेजा इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट देहरादून द्वारा ‘प्रोमोशन ऑफ टूरिज्म इन उत्तराखण्ड’ विभिन्न प्रकार के पर्यटनों की रूपरेखा का जिक्र किया गया। प्रस्तुती के दौरान बताया गया कि पर्यटन को कैसे विकसित किया जा सकता है।

महादेवी कन्या पाठशाला, देहरादून द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के अन्तर्गत हर परिवार को शौचालय सहित स्वच्छता सुविधा उपलब्ध कराना है। यह भी सुझाव दिये गए कि किस प्रकार से गाँव में सफाई और सुरक्षित तथा पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। शहीद दुर्गामल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डोईवाला सुशासन तात्पर्य को समझाते हुए सुझाव दिये गए कि पर्यटन क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में, बिजली, पानी, रोजगार, गरीबों की निवास व्यवस्था के अन्तर्गत बिजली पानी, शौचालय आदि की किस प्रकार उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों एवं प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर चयनित होने वाले टीमों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। प्रथम पुरस्कार राजकीय दून मेडिकल कॉलेज को रु. 45 हजार, द्वितीय पुरस्कार जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी को रु. 30 हजार एवं तृतीय पुरस्कार टीएचडीसी (आईएचटी) नई टिहरी को रु. 15 हजार दिया गया। निर्णायक मंडल में विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान, पूर्व अध्यक्ष लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड डॉ.डी.पी.जोशी एवं प्रमुख सचिव श्री आनंद वर्धन शामिल थे।