जलवायु परिवर्तन से मुकाबले को साझा कदम

Submitted by Hindi on Thu, 01/29/2015 - 11:54
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राष्ट्रीय सहारा, 26 जनवरी 2015

ओबामा ने कहा, ‘इस मुद्दे पर भारत की आवाज बेहद महत्वपूर्ण है। संभवतः कोई अन्य देश जलवायु परिवर्तन से इतना अधिक प्रभावित नहीं हो सकता और न ही भारत के अलावा कोई अन्य देश एक मजबूत समझौते की दिशा में आगे बढ़ने में इतना अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है।’

नई दिल्ली (एसएनबी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्सर्जन कटौती के संबंध में अमेरिका और चीन के बीच हुए समझौते के समान कोई समझौता करने के लिए भारत पर किसी प्रकार का दबाव होने से इनकार किया और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने तथा जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए भारत और अमेरिका ने कई कदम उठाने की घोषणा की।

बराक ओबामा के साथ वार्ता के बाद मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रपति और मैंने इस वर्ष जलवायु परिवर्तन पर पेरिस सम्मेलन की सफलता की उम्मीद जताई।’ ओबामा ने कहा कि दोनों देश सौर ऊर्जा पहलों को विस्तार देने के अलावा प्रमुख ग्रीनहाउस गैसों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने तथा भारतीय शहरों में वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए संयुक्त परियोजनाओं की शुरुआत के लिए ‘ठोस प्रगति’ करने पर सहमत हुए हैं। ओबामा ने कहा, ‘हम भारतीय शहरों में हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नई संयुक्त परियोजनाएं भी शुरु कर रहे हैं। अमेरिका, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के आकलन तथा उसके अनुसार ढालने के लिए और संवेदनशील समुदायों को अधिक लचीला बनाने में भारत की मदद के लिए उसके साथ अधिक आंकड़े साझा करेगा और साथ ही उपकरण विकसित करने में मदद देगा।’

अमेरिका और चीन के बीच उत्सर्जन कटौती पर हुए समझौते के समान ही भारत के साथ ऐसे किसी समझौते के लिए दबाव होने संबंधी सवाल पर मोदी ने कहा, ‘भारत एक स्वतंत्र देश है। किसी देश या किसी व्यक्ति का दबाव भारत को प्रभावित नहीं करता।’ उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे पर एक दबाव यह है कि हम अपनी भावी पीढ़ियों को किस प्रकार का वातावरण देना चाहते हैं।’ मोदी ने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन अपने आप में एक दबाव है। ग्लोबल वार्मिंग अपने आप में एक दबाव है। जिन्हें भावी पीढ़ियों की चिंता है, यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे जलवायु परिवर्तन के बारे में सजग हों और नीतियां अपनाएं ताकि हम अगली पीढ़ी को अच्छा भविष्य और अच्छा वातावरण दे सकें।’

उन्होंने कहा, ‘मैं महसूस करता हूं कि हर सरकार, हर देश और हर व्यक्ति पर यह दबाव होना चाहिए। हम इस दबाव को समझते हैं और उसके अनुसार जवाब दे रहे हैं।’ मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों देशों के लिए ‘निजी और राष्ट्रीय प्राथमिकता है।’ उन्होंने कहा, ‘हम इस क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता और नवोन्मेषी भागीदारी को आगे मजबूत बनाने पर भी सहमत हुए हैं। मैंने नवीकरणीय ऊर्जा तक विश्व की अधिक पहुंच और सस्ता बनाने के प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की कमान संभालने को कहा।’

दोनों देशों ने इस वर्ष दिसम्बर में पेरिस में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में उत्सर्जन कटौती पर एक मजबूत वैश्विक जलवायु समझौते को ‘आगे’ बढ़ाने पर भी समहति जताई। ओबामा ने कहा, ‘इस मुद्दे पर भारत की आवाज बेहद महत्वपूर्ण है। संभवतः कोई अन्य देश जलवायु परिवर्तन से इतना अधिक प्रभावित नहीं हो सकता और न ही भारत के अलावा कोई अन्य देश एक मजबूत समझौते की दिशा में आगे बढ़ने में इतना अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है।’