पानी के संस्मरण

Submitted by admin on Thu, 09/26/2013 - 13:54
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काव्य संचय- (कविता नदी)
कौंध : दूर घोर वन में मूसलाधार वृष्टि
दुपहर : घना ताल, ऊपर झुकी आम की डाल
बयार : खिड़की पर खड़े, आ गई फुहार
रात : उजली रेती के पार, सहसा दिखी
शांत नदी गहरी
मन में पानी के अनेक संस्मरण हैं

(1954)