पानी को तरसता महाराष्ट्र

Submitted by Hindi on Wed, 05/01/2013 - 16:08
Source
एबीपी न्यूज,

महाराष्ट्र इस समय पानी के प्रत्येक बूंद के लिए तरस रहा है। किसी मज़दूर के पैरों में फटी बिवाईं की तरह दरार युक्त धरती, पानी के अभाव में गर्म हवा से झुलसे पेड़-पौधे, पानी की तलाश में दूर-दूर तक परवाज भरते पक्षी, चारे-पानी के लिए रंभाते पशु, गहन प्यास के चलते पपड़ाए होंठों पर ज़ुबान फेर कर गीला करने की कोशिश में बाल, वृद्ध और युवा, प्यास लगने पर रेलगाड़ी, नाली, तालाब, बावड़ियों के कीचड़ युक्त पानी को पीने लायक बनाने की जद्दोजहद में लगे लोगों की भीड़। कुछ ऐसी ही त्रासदी से गुज़र रहा है महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ के किसी भी इलाके में इन दिनों जाने पर पानी के अभाव में दम तोड़ते पशु-पक्षी, सूखती फसलें, सूखी ताल-तलैये ही स्वागत करेंगे। पानी को लेकर हाहाकार मचाते मराठवाड़ा और विदर्भ के हालात उस कथन को पुष्ट करते हैं कि अगला विश्व युद्ध सिर्फ पानी के लिए लड़ा जाएगा। पानी जीवन के लिए कितना आवश्यक है, इसका एक-एक बूंद कितना कीमती है, इसका मूल्य मराठवाड़ा और विदर्भ के लोग अच्छी तरह से समझ चुके हैं।