बुंदेलखंड के बांदा जिले के रहने वाले उमा शंकर पांडे ने सूखे और बदहाल अपने गांव जखनी में पानी स्थिति सुधारने का काम 15 साल पहले शुरू किया था। ग्रामीणों को जलसंरक्षण के बारे में समझाकर उन्होंने बिना किसी सरकारी मदद के किसानों और श्रमिकों के साथ मिलकर " मेड़बंदी" का काम शुरू कियाअपने पुरखों की जलसंरक्षण की तकनीक को अपनाकर उन्होंने अपने गांव को एक आदर्श गांव बना दिया है जखनी गांव को आदर्श माॅडल बनाकर देश के 1034 गांवों को जलग्राम बनाने की घोषणा की गई है। वही जलशक्ति मंत्रालय ने देशभर में 1050 जलग्राम बनाये इतना ही नहीं केंद्र सरकार की अटल भूजल परियोजना भी जखनी मॉडल पर ही तैयार की गयी है । उमाशंकर इस सफलता का श्रेय गांव वासियों और जलग्राम समिति को देते हैं। और उनके इस प्रयास क भारत के विभिन्न राज्यों में किसान भी अपना रहे है।
सूखाग्रस्त गाँव बन गया देश का आदर्श मॉडल
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