पंजाब के प्रसिद्ध पर्यावरणवादी बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा निकाली जा रही “पर्यावरण बचाओ” यात्रा, बुरी तरह प्रदूषित हो चुकी “चिट्टी बेन” के किनारे स्थित गाँवों में अलख जगाती चली जा रही है। यात्रा के दूसरे चरण में अर्थात अपनी जनजागरण यात्रा के दौरान “बाबा” लगभग 12 गाँवों का दौरा करेंगे, यात्रा की शुरुआत कोटखुर्द गाँव से की जायेगी। प्रदूषित जलस्रोतों के किनारे रहने वाले ग्रामीणों को अपनी यात्रा के दौरान बाबा साथ चलते वाहन पर लगे लाउडस्पीकर से एक नारा देते हैं, “जन-जन जगौना है, वातावरण बचौना है…”। जिस क्षेत्र से बाबा का काफ़िला गुज़रता है, ग्रामीणजन, विशेषकर महिलायें बाबा का हाथ जोड़कर अभिवादन करती हैं, गाँव वाले बाबा और उनके साथ यात्रा में चल रहे कार्यकर्ताओं को फ़ल और अन्य खाने-पीने की वस्तुऐं देते हैं। पंजाब विश्वविद्यालय की एक टीम भी साथ चलती है जो प्रत्येक गाँव से पानी के नमूने एकत्रित करके परीक्षण हेतु चंडीगढ़ भेजते हैं।जसमेर गाँव के गुरुद्वारे में एकत्रित जनसभा से बतियाते हुए बाबा कहते हैं कि “जो ग्रामीण प्रदूषित जलस्रोतों जिसमें चिट्टी बेन, काली बेन भी शामिल हैं, के किनारे स्थित गाँवों में रहते हैं, उनका जीवन बहुत ही दुखद हो चुका है। पानी और हवा के प्रदूषण के कारण ग्रामीणों और उनके पशुओं का स्वास्थ्य लगाता खराब होता जा रहा है और अब तो जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है। भूजल लगभग 250-300 फ़ीट तक प्रदूषित हो चुका है। बाबा ने कहा है कि यात्रा का तीसरा चरण राजस्थान में पूरा करके वे लुधियाना में डेरा जमायेंगे और वहाँ के निवासियों से, स्थानीय “बुढ्ढा नाला” सफ़ाई में अभियान चलाने हेतु जागरूक करेंगे।
इस बीच कुछ स्थानीय वकीलों ने एक पैनल बनाकर पर्यावरण से सम्बन्धित कोर्ट केस मुफ़्त में लड़ने का निश्चय किया है, ताकि आम आदमी को इसका लाभ मिले, इन वकीलों में विनय गोयल, नवतेज सिंह मिन्हास, भारती शर्मा, सुखजीत सिंह, केसी मल्होत्रा और राजिन्दर सिंह शामिल हैं।
मूल रिपोर्ट – बिपिन भारद्वाज (ट्रिब्यून न्यूज़) अनुवाद – सुरेश चिपलूनकर