नया ताजा
आगामी कार्यक्रम
खासम-खास
Content
पृथ्वी दिवस, 22 अप्रैल 2017 पर विशेष
खतरे में पृथ्वी का अस्तित्वपृथ्वी दिवस प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है। पहले पहल तो यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि यह इसी तिथि को ही क्यों मनाया जाता है? इसके प्रस्तोता संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेटर जेराल्ड नेल्सन हैं। उनकी सोच यह थी कि पृथ्वी पर बढ़ते दबावों, तनावों और चिन्ताओं के लिये मानव मात्र को जागरूक करना नितान्त अनिवार्य है। क्योंकि विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय ज्ञान के केन्द्र हैं और वहाँ समूची मानव जाति की युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित किया जाता है।
अतः जेराल्ड नेल्सन ने इस चेतना की जागृति हेतु इस दिनांक यानी 22 अप्रैल को चुना। क्योंकि यह वह समय है जब यूरोप में न तो धार्मिक छुट्टियाँ होती हैं और न ही परीक्षाएँ। अतः परिसर में छात्रों की संख्या का आँकड़ा काफी अच्छा रहता है। इस समय मौसम भी अच्छा ही रहता है। अतः उन्होंने इस तिथि का चयन किया।
वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल का पोस्टरपरसों खबर मिली कि विशेषज्ञ समिति ने माना है कि श्री श्री रविशंकर द्वारा गत वर्ष यमुना पर किये आयोजन के कारण यमुना की क्षति हुई है। कल खबर मिली कि दिल्ली के जलसंसाधन मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने विशेषज्ञ समिति के निष्कर्षों का मजाक ही नहीं उड़ाया, बल्कि श्री श्री को पुनः यमुना तट पर आयोजन हेतु आमंत्रित भी किया है। मजाक भी किसी प्राइवेट लिमिटेड विशेषज्ञ समिति का नहीं, बल्कि खुद भारत सरकार के जलसंसाधन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति का उड़ाया गया है।
दुखद भी, अविश्वसनीय भी
मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि पर्यावरण विशेषज्ञ समिति का मजाक उड़ाने वाला यह शख्स वही है, जिसे मैंने पर्यावरण के जाने-माने विशेषज्ञ स्व. श्री अनुपम मिश्र की अन्तिम संस्कार के मौके पर गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान से लेकर निगम बोध घाट तक हर जगह घंटों हाथ बाँधे खड़ा देखा था।
Pagination
प्रयास
नोटिस बोर्ड
Latest
खासम-खास
Content
पर्यावरण विकास का आधार बने तभी धरती बचेगी
पृथ्वी दिवस और पृथ्वी सिद्धान्त
पृथ्वी दिवस, 22 अप्रैल 2017 पर विशेष
पृथ्वी दिवस प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है। पहले पहल तो यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि यह इसी तिथि को ही क्यों मनाया जाता है? इसके प्रस्तोता संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेटर जेराल्ड नेल्सन हैं। उनकी सोच यह थी कि पृथ्वी पर बढ़ते दबावों, तनावों और चिन्ताओं के लिये मानव मात्र को जागरूक करना नितान्त अनिवार्य है। क्योंकि विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय ज्ञान के केन्द्र हैं और वहाँ समूची मानव जाति की युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित किया जाता है।
अतः जेराल्ड नेल्सन ने इस चेतना की जागृति हेतु इस दिनांक यानी 22 अप्रैल को चुना। क्योंकि यह वह समय है जब यूरोप में न तो धार्मिक छुट्टियाँ होती हैं और न ही परीक्षाएँ। अतः परिसर में छात्रों की संख्या का आँकड़ा काफी अच्छा रहता है। इस समय मौसम भी अच्छा ही रहता है। अतः उन्होंने इस तिथि का चयन किया।
जलमंत्री कपिल मिश्रा को भी लगा राजरोग
परसों खबर मिली कि विशेषज्ञ समिति ने माना है कि श्री श्री रविशंकर द्वारा गत वर्ष यमुना पर किये आयोजन के कारण यमुना की क्षति हुई है। कल खबर मिली कि दिल्ली के जलसंसाधन मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने विशेषज्ञ समिति के निष्कर्षों का मजाक ही नहीं उड़ाया, बल्कि श्री श्री को पुनः यमुना तट पर आयोजन हेतु आमंत्रित भी किया है। मजाक भी किसी प्राइवेट लिमिटेड विशेषज्ञ समिति का नहीं, बल्कि खुद भारत सरकार के जलसंसाधन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति का उड़ाया गया है।
दुखद भी, अविश्वसनीय भी
मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि पर्यावरण विशेषज्ञ समिति का मजाक उड़ाने वाला यह शख्स वही है, जिसे मैंने पर्यावरण के जाने-माने विशेषज्ञ स्व. श्री अनुपम मिश्र की अन्तिम संस्कार के मौके पर गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान से लेकर निगम बोध घाट तक हर जगह घंटों हाथ बाँधे खड़ा देखा था।
Pagination
प्रयास
सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Read more about सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Comments
नोटिस बोर्ड
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Read more about 28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Comments
पसंदीदा आलेख