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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री…
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र: आस्था, आध्यात्मिकता एवं जल संपदा का संगम
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आदि गंगा गोमती के तट पर स्थित वह पुरातन तीर्थ है जो हमें भारतीय संस्कृति की विरासत से…
द्वाराहाट, अल्मोड़ा में पानी बोओ, पानी उगाओ
पहले गांव के नजदीक के स्रोत से पानी नल के माध्यम से लाया गया। वह सूख गया तो पास के गाड-गधेरों से नल में लाया गया। उसमें…
जल का कटोरा, ललितपुर का ताल गाँव अनौरा
सतत विकास के लक्ष्य को पूरा करने की दौड़ में ललितपुर जिले की ग्राम पंचायत अनौरा सबसे आगे की पंक्ति में पहुँच गई है।…
उदयपुर के इस गांव को वेटलैंड घोषित किया जाना तय
इससे मेवाड़ के ग्रामीण क्षेत्र को रामसर स्थल का दर्जा मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। गाँव की दो झीलें ब्रह्मा और धंध में…
एस्टोल प्रोजेक्ट से बुझेगी 4.5 लाख लोगों की प्यास
इस परियोजना की सबसे ख़ास बात ये है कि ये इंजीनियरिंग के लिहाज से एक मील का पत्थर साबित हो रही है क्योंकि इस पानी को 200…
भारतीय बच्चों को फ्लोराइड से मुक्ति दिलाएंगे एवेन्जर्स के सुपरस्टार जेरेमी रेनर
इस क्षेत्र में पानी को लेकर एक बड़ा सर्वे किया था जहां उन्हें यहां के पानी में फ्लोराइड की
बिंदाल नदी क्षेत्र में पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित किए जाने के लिए शोध परियोजना
देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदी बरसात में कभी भी कहर बरपाने लगती हैं। इन नदियों में किनारे पर बसी लगभग 30-40 बस्तियां…
जापानी इन्सेफेलाइटिस और एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (जेई-एईएस) प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल उपलब्धता की जद्दोजहद
रत में इस बीमारी का निदान 1955 में तमिलनाडु में किया गया था। तब से, यह भारत के कई हिस्सों में फैल गया है। एक्यूट…
पानी भर कर लाने में महिलाओं के बर्बाद हो रहे हैं 20 करोड़ घंटे
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में, लगभग 15.7 करोड़ घर ऐसे हैं जिनके यहाँ नल के पानी का कनेक्शन नहीं है इस वजह से कई इलाकों…
गंगानदी में डॉल्फिन मछली को बचाने में जुटे प्रो.पार्थंकर चौधरी
पर्यावरण मंत्रालय को उत्तर प्रदेश और असम की राज्य सरकारों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में साल 2015…
किरणजीत ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए 20 गावों में चलाई मुहिम
किरणजीत कौर आगे कहती है कि उन्होंने अपने गांव में जल संरक्षण का कार्य करने के बाद उनके गांव के नजदीकी 20 गांवों में…
पानी-पर्यावरण आंदोलन की अम्मा - मायलम्मा
मायलम्मा का सालों भर पानी से लबालब रहनेवाला कुआँ जब अचानक ही सूखा तो उनके पचास साला अनुभवी दिमाग ने भाँप लिया कि ऐसा क्…
पाली सोलर लिफ्टिंग योजना: एक साझा अनुभव
उत्तराखण्ड राज्य के पौडी जनपद के अर्न्तगत द्वाराीखाल ब्लाक का सुदूरवर्ती छोटा सा गांव पाली, सडक से लगभग 1 किमी0 दूरी पर…
जन शक्ति से जल शक्ति की मिसाल है मूंडवा गांव
मंडोर से विस्थापित होकर वर्तमान मूंडवा कस्बा बसाया गया. उस समय पीने के पानी का संकट यहां की प्रमुख समस्या थी. भूजल गहरा…
बुन्देलखण्ड का सूखाग्रस्त गांव बन गया पानीदार
मध्यप्रदेश में बुन्देलखण्ड के क्षेत्र के छतरपुर जिले के क्यूपिया गाँव में कम बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है।…
बोरी बाँध से बढ़ेगा जल स्तर
छिंदवाडा जिले के ग्राम पंचायत खुमकाल के ग्रामवासियों ने श्रमदान कर अपने यहां पानी का स्तर बढ़ाने का काम किया है। कई…
छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे देते है
दरअसल,यह नाला खीरी रजवहे से शुरू होकर करीब दो दर्जन गांवों से होते हुए खपटिहा से चार किलोमीटर आगे लपरी नदी में जाकर…
पर्यावरण का अलख जगाता एक किशोर
वरद ने 12 साल की उम्र में ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता का काम शुरू कर दिया था। जब उन्होंने पहली बार समुद्री पक्षी…
प्राकृतिक नाले को बचाने का अनोखा प्रयास
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के कोरांव तहसील के खपटिहा गांव में सैकड़ों वर्ष पुराना और प्राकृतिक नाला को लेकर…
29 लाख कृषकों को मिलेगा सरयू नहर परियोजना का लाभ
इस परियोजना से पूर्वाचंल के बहराइच, गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, सन्तकबीर नगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर और महराजगंज…
पहाड़ का 'बेशकीमती चंदन' 6 साल में लगा डाले 40 हजार पेड..
इस हृदयविदारक घटना नें चंदन को अंदर ही अंदर से तोडकर रख दिया था। कुछ महीनों तक उन्हें कुछ समझ में नहीं आया की क्या…
गांवों को जगाता एक शिक्षक
सीड’ आज 15 गांवों में बालवाड़ियां चला रही है। इनमें ढाई से 5 साल तक के बच्चों को न सिर्फ रोजाना 4 घंटे देखभाल की जाती…
पाइप से 24X7 पानी की आपूर्ति दुनिया के शीर्ष पर पहुंची
जल जीवन मिशन (JJM) योजना का उद्देश्य है कि 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से पानी पहुंचाया जाये। 2014 की…
इस खास तकनीक से खेत का पानी खेत में संरक्षित
यह एक ऐसी तकनीक है जिससे खेत का पानी खेत में रहता है और पैदावार भी खूब होती है यह तकनीक पुरखों द्वारा इस्तेमाल की…
सूखाग्रस्त गाँव बन गया देश का आदर्श मॉडल
बुंदेलखंड के बांदा जिले के रहने वाले उमा शंकर पांडे ने सूखे और बदहाल अपने गांव जखनी में पानी स्थिति सुधारने का काम 15…
एक युवक के प्रयास से घर-घर तक पहुँच रहा है पानी
बुंदेलखंड हमेशा पानी की किल्लत को लेकर चर्चा में रहता है. यहां के कई गांव ऐसे हैं, जहां आज भी लोग बूंद-बूंद के लिए…
मोहन मास्साब ने जगाई अलख
महिला मंगल दलों का गठन किया। इस अभियान का सुखद परिणाम है कि क्षेत्र के छः दर्जन से अधिक गांवों की महिलाओं ने महिला…
पढ़ाते रसायन, सिखाते पर्यावरण
‘पर्यावरण वाले मास्साब’ सुरईखेत क्षेत्र इलाके में उन्हें इसी नाम से जाना जाता है, उनका असली नाम ‘मोहन चन्द्र कांडपाल’…
पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीणों ने नई तरकीब निकाली
जिला देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार में गर्मी का मौसम आते ही यहां के लोगो को पानी कि किल्लत से जूझना पड़ता है आज हम…
उत्तराखंड जल संकट : छोटे प्रयास से बड़ा समाधान निकलेगा
उत्तराखंड में 2013 में आई आपदा और फिर 7 फरवरी को चमोली के तपोवन में आई जलप्रलय की घटनाएँ पूरी दुनिया को बड़े बांधों के…
नैनीतालः जगदीश ने नाला बन चुकी शिप्रा नदी को किया साफ, ढूंढ़ा उद्गम स्थल
हमेशा कल-कल निनाद करके बहते हुए सभी की प्यास बुझाने और सिंचाई में सहयोग करने वाली शिप्रा नदी पिछले दो दशकों में नाला बन…
सूखे बुंदेलखंड में जल संरक्षण की मिसाल है जखनी गांव
जखनी गांववासियों की मेहनत का ही नतीजा है कि 2012 में तत्कालीन जिला कलेक्टर ने जिले के 470 गांवों में जखनी माॅडल को…
फिर लाल-काली हो गई कान्ह नदी
मध्यप्रदेश के मिनी मुम्बई कहे जाने वाले इंदौर शहर के बीचोबीच से बहने वाली और आगे जाकर उज्जैन की क्षिप्रा नदी में मिलने…
मिलिए कोयंबटूर के आर मणिकंदन से जिन्होंने बेस्ट वाटर वॉरियर का अवॉर्ड जीता है
38 वर्ष के मणिकंदन बताते है की "मुझे इस बारे में जनवरी में बता दिया गया था लेकिन ये भी हिदायत दी गई थी जब तक…
आत्मनिर्भरता की इबारत लिख रहा है भारत का एक गाँव
मध्यप्रदेश का एक छोटा सा गाँव नवादपुरा इन दिनोंआत्मनिर्भर भारत की एक ऐसी इबारत लिख रहा है जो शायद पूरे भारत के लिए एक…
आजीविका की बदौलत सामाजिक बदलाव
मध्यप्रदेश के इंदौर में आजीविका की बदौलत ग्रामीण महिलाओं में सामाजिक बदलाव की सुहानी सूरत देखने को मिल रही है। महिलाओं…
हिमालय को नया जीवन दे रहे प्रदीप सांगवान
पहाड़ों को बचाने के लिए एक टीम खड़ी करने के लिए अपने जैसे विचारधारा के लोगों की तलाश करने लगे, ताकि वे लोग भी उनके इस…
आईएएस हीरालाल की प्रेरणा से बुझ रही ग्रामीणों की प्यास, लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज
पहले चरण में बांदा के जन-जन तक चले अभियान का काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला। बांदा के तत्कालीन जिलाधिकारी डाॅ.…
राजस्थानः श्रीमाली के प्रयास से सूख चुकी राजसमंद झील हुई जिंदा
अपनी गलतियों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से भी किसी सरकारी विभाग ने सीख नहीं ली। इसी दौर में औद्योगिक विकास की…
छत्तीसगढ़ः पर्यावरण संरक्षण में जुटे वीरेंद्र, 35 तालाब, एक नदी और 2 कुंड किए स्वच्छ
वीरेंद्र का जन्म बालोद जिला के दल्लीराजहरा गांव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। बचपन से ही वें प्रकृति से काफी…
नैनीतालः श्रमदान से दूर हुआ 6 गांवों का जल संकट, सहेज रहे 75 लाख लीटर वर्षाजल
पानी की किल्लत के कारण पानी और खेती प्रभावित हुई। इसका असर ग्रामीणों की आजीविका पर पड़ा। स्रोतों में पानी कम होते ही…
पानी अन्ना अकेले 14 तालाब खोदकर अपने गांव को बनाया पानीदार
85 वर्षीय कामे गौड़ा मूल रूप से कर्नाटक के मंडया जिले के देशनाडोडी गांव के रहने वाले हैं। वह चरवाहा समुदाय से आते हैं…
पहाड़ को जल संकट से उबारने में जुटे चंदन
उत्तराखंड़ का भौगोलिक और पौराणिक महत्व किसी भी अन्य क्षेत्र की अपेक्षा कईं ज्यादा अलौकिक और वृहद है। उत्तराखंड़ के संदर्भ…
डाकुओं को भी बनाया पर्यावरण प्रेमी, लगाए 26 लाख पौधे
वैसे तो पौधारोपण हम सभी करते हैं, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जिनके जीवन का उद्देश्य ही पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण है।…
अपना तन, मन और धन लगाकर इस सेवानिवृत्त अधिकारी ने बनवा दी 100 से ज्यादा जल संचयन प्रणालियां
दिल्ली निवासी शासकीय सेवानिवृत्त रामचंद वीरवानी, जो अभी तक जल संरक्षण के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे हैं…
आईएफएस संदीप के प्रयासों से लौटी दयारा बुग्याल की खूबसूरती
उत्तरकाशी में 3408 मीटर की ऊंचाई पर 28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला दयारा बुग्याल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए…
आईएफएस सुधा रमन के प्रयासों से पुनर्जीवित हुई सूखी झील
चेन्नई में भीषण जल संकट का कारण अनियमित विकास, भूजल का अतिदोहन और जलवायु परिवर्तन था। इन सबसे चेन्नई के वंडलूर चिड़ियाघर…
वृक्ष पुरुष किशन सिंह मलड़ा के प्रयास से प्यास बुझा रहे कई गांव
उत्तराखंड के बागेश्वर जिलेे के मंडलसेरा निवासी किशन सिंह मलड़ा भी शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक खुद और लोगों के साथ मिलकर…
पानी बचाने के लिए महिलाओं ने बनाए 20 हजार सोखता गड्ढे
डेढ़ से दो हजार रुपये में तैयार होने वाले सोखता गड्ढों को इन महिलाओं ने श्रमदान और खुद के खर्चे से बनवाया है। समूह की…
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खांसी या जुखाम है, कैसे पता लगाएं कि यह कोविड(COVID-19) है, सामान्य सर्दी या प्रदूषण
केंद्र की ये नई परियोजना कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को करेगी कम
वाराणसी में अगले साल से चलेगी जल टैक्सी
कैसे अंतरिक्ष से झीलों और नदियों की निगरानी करेगा नासा का नया उपग्रह