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स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद का तीसरा कथन आपके समक्ष पठन-पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है :
30 सितम्बर, 2013 : हित तीन तरह के होते हैं : एक-भौतिक पक्ष, दूसरा-दैविक पक्ष, जो मन, इच्छा...थिंकिंग से जुड़ा और तीसरा आध्यात्मिक पक्ष; यह सुप्रीम होता है। जैसे जब मैं जेल के हॉस्पिटल वार्ड में था, तो कुछ कैदी, स्वयं को रोगी बताकर भर्ती हो जाते थे। डॉक्टर जानते थे कि दर्द नापने का कोई थर्मामीटर नहीं है। यह दर्द, एक मानसिक पक्ष है।
आध्यात्मिक पक्ष..जैसे आत्मा के बारे में क्लियरिटी.. भारतीय दर्शन में जैसा है, वह आध्यात्मिक पक्ष है। गंगाजी का भौतिक पक्ष - इसमें जो गंगा जी का रोगनाशक पक्ष है, इसे कौन कोई समझता है; आजीविका को समझते हैं। इसीलिये गंगाजी का दोहन करना चाहते हैं।
आर्द्रभूमि का अर्थ है नमी या दलदली क्षेत्र। आर्द्रभूमि की मिट्टी झील, नदी, विशाल तालाब के किनारे का हिस्सा होता है जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है। इसके कई लाभ भी हैं। आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र कहलाता है जिसका सारा या थोड़ा भाग वर्ष भर जल से भरा रहता है।
भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से होकर मध्य भारत के कटिबन्धी मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है। हमारे देश में दक्षिण प्रायद्वीप में उपस्थित आर्द्रभूमि अधिकतर मानव निर्मित हैं जिन्हें ‘एरी’ यानी हौदी कहते हैं। यह एरी मानव आवश्यकताओं के लिये जल उपलब्ध कराती हैं।
यूँ तो झीलों की नगरी भोपाल में 18 तालाब और एक नदी है। इसीलिये इसे ‘सिटी ऑफ लेक’ कहा जाता है। अगर पूरे मध्य प्रदेश की बात करें, तो यहाँ लगभग 2400 छोटे-बड़े तालाब हैं।
इनमें भोपाल का बड़ा तालाब अन्तरराष्ट्रीय वेटलैण्ड के रूप में जाना जाता है। यह तालाब जलसंग्रहण की पुरानी तकनीक का बेहतरीन नमूना है और मनुष्यों द्वारा निर्मित यह तालाब एशिया का सबसे बड़ा तालाब है। इस तालाब का कैचमेंट क्षेत्र 361 किलोमीटर और पानी से भरा क्षेत्र 31 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
आज भी सारे शहर की प्यास यह तालाब बुझा रहा है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यहाँ पानी बी. कैटेगरी का है और यह पीने योग्य नहीं है। वर्तमान में इस तालाब के चारों ओर अवैध कब्ज़ा हो चुका है।
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उन्हें मुझसे सहानुभूति है, लेकिन गंगाजी से नहीं - स्वामी सानंद
स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद का तीसरा कथन आपके समक्ष पठन-पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है :
30 सितम्बर, 2013 : हित तीन तरह के होते हैं : एक-भौतिक पक्ष, दूसरा-दैविक पक्ष, जो मन, इच्छा...थिंकिंग से जुड़ा और तीसरा आध्यात्मिक पक्ष; यह सुप्रीम होता है। जैसे जब मैं जेल के हॉस्पिटल वार्ड में था, तो कुछ कैदी, स्वयं को रोगी बताकर भर्ती हो जाते थे। डॉक्टर जानते थे कि दर्द नापने का कोई थर्मामीटर नहीं है। यह दर्द, एक मानसिक पक्ष है।
आध्यात्मिक पक्ष..जैसे आत्मा के बारे में क्लियरिटी.. भारतीय दर्शन में जैसा है, वह आध्यात्मिक पक्ष है। गंगाजी का भौतिक पक्ष - इसमें जो गंगा जी का रोगनाशक पक्ष है, इसे कौन कोई समझता है; आजीविका को समझते हैं। इसीलिये गंगाजी का दोहन करना चाहते हैं।
जैवविविधता का स्वर्ग - आर्द्रभूमियाँ
विश्व आर्द्रभूमि दिवस, 2 फरवरी 2016 पर विशेष
आर्द्रभूमि का अर्थ है नमी या दलदली क्षेत्र। आर्द्रभूमि की मिट्टी झील, नदी, विशाल तालाब के किनारे का हिस्सा होता है जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है। इसके कई लाभ भी हैं। आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र कहलाता है जिसका सारा या थोड़ा भाग वर्ष भर जल से भरा रहता है।
भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से होकर मध्य भारत के कटिबन्धी मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है। हमारे देश में दक्षिण प्रायद्वीप में उपस्थित आर्द्रभूमि अधिकतर मानव निर्मित हैं जिन्हें ‘एरी’ यानी हौदी कहते हैं। यह एरी मानव आवश्यकताओं के लिये जल उपलब्ध कराती हैं।
भोपाल का बड़ा तालाब यानी अन्तरराष्ट्रीय आर्द्रभूमि (वेटलैण्ड) खतरे में
यूँ तो झीलों की नगरी भोपाल में 18 तालाब और एक नदी है। इसीलिये इसे ‘सिटी ऑफ लेक’ कहा जाता है। अगर पूरे मध्य प्रदेश की बात करें, तो यहाँ लगभग 2400 छोटे-बड़े तालाब हैं।
इनमें भोपाल का बड़ा तालाब अन्तरराष्ट्रीय वेटलैण्ड के रूप में जाना जाता है। यह तालाब जलसंग्रहण की पुरानी तकनीक का बेहतरीन नमूना है और मनुष्यों द्वारा निर्मित यह तालाब एशिया का सबसे बड़ा तालाब है। इस तालाब का कैचमेंट क्षेत्र 361 किलोमीटर और पानी से भरा क्षेत्र 31 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
आज भी सारे शहर की प्यास यह तालाब बुझा रहा है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यहाँ पानी बी. कैटेगरी का है और यह पीने योग्य नहीं है। वर्तमान में इस तालाब के चारों ओर अवैध कब्ज़ा हो चुका है।
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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