नया ताजा
आगामी कार्यक्रम
खासम-खास
Content
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। इस मौके पर वह देशवासियों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाएंगे। शपथ की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं, महात्मा गांधी ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जो न केवल स्वतंत्र बल्कि साफ सुथरा और विकसित हो, अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को साफ सुथरा रखकर भारत माता की सेवा करें.....मैं स्वच्छता के प्रति समर्पित रहूंगा और इसकी खातिर समय दूंगा.......न मैं गंदगी फैलाऊंगा और न किसी को फैलाने दूंगा।
गांधी जी का सफाई पर बहुत जोर था वह इसके लिए किसी का इंतजार नहीं करते थे बल्कि खुद साफ-सफाई के काम में जुट जाते थे। अपने आश्रम में शौचालय भी वह स्वयं ही साफ करते थे। उनका यह वाक्य बहुत मशहूर हुआ था कि ‘‘अगर उन्हें भारत का लाट साहब बना दिया जाए तो वह सबसे पहले वाल्मीकि समुदाय की गंदी बस्तियों को साफ करना पसंद करेंगे।’’ सफाई से उनका यह मतलब बिल्कुल नहीं था कि कचरा एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाए। बल्कि उनके लिए सफाई का अर्थ कचरे का निपटान और उसका सही उपयोग था।
मौका था बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के स्थापना दिवस का। 47 साल के गांधी को तब बापू की उपाधि नहीं दी गई थी। बीचयू के स्थापना दिवस के मौके पर वह मंच पर बैठे थे। उनके साथ मंच पर ऐनी बेसेंट, पंडित मदन मोहन मालवीय और दरभंगा महाराज जैसी कई हस्तियां मौजूद थीं।
सामने कई राजा महराजा और प्रबुद्ध वर्ग के लोग बैठे हुए थे। अब मंच से लोगों को संबोधित करने की बारी मोहनदास करम चंद गांधी की थी। सभी को उम्मीद थी कि बीएचयू के स्थापना दिवस पर वह शिक्षा के विषय पर बोलेंगे लेकिन उन्होंने जो बोला उसे सुनकर वहां बैठे सभी लोग हैरान रह गए।
यह किसी से छिपा नहीं हैं कि देश की सभी बड़ी परियोजनाएं कभी भी समय पर पूरी होती नहीं हैं, उनकी लागत बढ़ती जाती है और जब तक वे पूरी होती है, उनका लाभ, व्यय की तुलना में गौण हो जाता है। यह भी तथ्य है कि तालाबों को बचाना, उनको पुनर्जीवित करना अब अनिवार्य हो गया है और यह कार्य बेहद कम लागत का है और इसके लाभ अफरात हैं।
Pagination
प्रयास
नोटिस बोर्ड
Latest
खासम-खास
Content
स्वच्छता अभियान के साथ कचरा प्रबंधन भी जरूरी है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। इस मौके पर वह देशवासियों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाएंगे। शपथ की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं, महात्मा गांधी ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जो न केवल स्वतंत्र बल्कि साफ सुथरा और विकसित हो, अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को साफ सुथरा रखकर भारत माता की सेवा करें.....मैं स्वच्छता के प्रति समर्पित रहूंगा और इसकी खातिर समय दूंगा.......न मैं गंदगी फैलाऊंगा और न किसी को फैलाने दूंगा।
गांधी जी का सफाई पर बहुत जोर था वह इसके लिए किसी का इंतजार नहीं करते थे बल्कि खुद साफ-सफाई के काम में जुट जाते थे। अपने आश्रम में शौचालय भी वह स्वयं ही साफ करते थे। उनका यह वाक्य बहुत मशहूर हुआ था कि ‘‘अगर उन्हें भारत का लाट साहब बना दिया जाए तो वह सबसे पहले वाल्मीकि समुदाय की गंदी बस्तियों को साफ करना पसंद करेंगे।’’ सफाई से उनका यह मतलब बिल्कुल नहीं था कि कचरा एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाए। बल्कि उनके लिए सफाई का अर्थ कचरे का निपटान और उसका सही उपयोग था।
गांधी का स्वच्छ भारत
मौका था बनारस हिंदू विश्व विद्यालय के स्थापना दिवस का। 47 साल के गांधी को तब बापू की उपाधि नहीं दी गई थी। बीचयू के स्थापना दिवस के मौके पर वह मंच पर बैठे थे। उनके साथ मंच पर ऐनी बेसेंट, पंडित मदन मोहन मालवीय और दरभंगा महाराज जैसी कई हस्तियां मौजूद थीं।
सामने कई राजा महराजा और प्रबुद्ध वर्ग के लोग बैठे हुए थे। अब मंच से लोगों को संबोधित करने की बारी मोहनदास करम चंद गांधी की थी। सभी को उम्मीद थी कि बीएचयू के स्थापना दिवस पर वह शिक्षा के विषय पर बोलेंगे लेकिन उन्होंने जो बोला उसे सुनकर वहां बैठे सभी लोग हैरान रह गए।
तो नदियों को जोड़ो तालाबों से
यह किसी से छिपा नहीं हैं कि देश की सभी बड़ी परियोजनाएं कभी भी समय पर पूरी होती नहीं हैं, उनकी लागत बढ़ती जाती है और जब तक वे पूरी होती है, उनका लाभ, व्यय की तुलना में गौण हो जाता है। यह भी तथ्य है कि तालाबों को बचाना, उनको पुनर्जीवित करना अब अनिवार्य हो गया है और यह कार्य बेहद कम लागत का है और इसके लाभ अफरात हैं।
Pagination
प्रयास
सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Read more about सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Comments
नोटिस बोर्ड
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Read more about 28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Comments
पसंदीदा आलेख