तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। इस मौके पर वह देशवासियों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाएंगे। शपथ की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं, महात्मा गांधी ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जो न केवल स्वतंत्र बल्कि साफ सुथरा और विकसित हो, अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को साफ सुथरा रखकर भारत माता की सेवा करें.....मैं स्वच्छता के प्रति समर्पित रहूंगा और इसकी खातिर समय दूंगा.......न मैं गंदगी फैलाऊंगा और न किसी को फैलाने दूंगा।
गांधी जी का सफाई पर बहुत जोर था वह इसके लिए किसी का इंतजार नहीं करते थे बल्कि खुद साफ-सफाई के काम में जुट जाते थे। अपने आश्रम में शौचालय भी वह स्वयं ही साफ करते थे। उनका यह वाक्य बहुत मशहूर हुआ था कि ‘‘अगर उन्हें भारत का लाट साहब बना दिया जाए तो वह सबसे पहले वाल्मीकि समुदाय की गंदी बस्तियों को साफ करना पसंद करेंगे।’’ सफाई से उनका यह मतलब बिल्कुल नहीं था कि कचरा एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाए। बल्कि उनके लिए सफाई का अर्थ कचरे का निपटान और उसका सही उपयोग था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। इस मौके पर वह देशवासियों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाएंगे। शपथ की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं, महात्मा गांधी ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जो न केवल स्वतंत्र बल्कि साफ सुथरा और विकसित हो, अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को साफ सुथरा रखकर भारत माता की सेवा करें.....मैं स्वच्छता के प्रति समर्पित रहूंगा और इसकी खातिर समय दूंगा.......न मैं गंदगी फैलाऊंगा और न किसी को फैलाने दूंगा।
गांधी जी का सफाई पर बहुत जोर था वह इसके लिए किसी का इंतजार नहीं करते थे बल्कि खुद साफ-सफाई के काम में जुट जाते थे। अपने आश्रम में शौचालय भी वह स्वयं ही साफ करते थे। उनका यह वाक्य बहुत मशहूर हुआ था कि ‘‘अगर उन्हें भारत का लाट साहब बना दिया जाए तो वह सबसे पहले वाल्मीकि समुदाय की गंदी बस्तियों को साफ करना पसंद करेंगे।’’ सफाई से उनका यह मतलब बिल्कुल नहीं था कि कचरा एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया जाए। बल्कि उनके लिए सफाई का अर्थ कचरे का निपटान और उसका सही उपयोग था।
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