नया ताजा
आगामी कार्यक्रम
खासम-खास
Content
गंगा के बारे में आस्ट्रेलिया के 2डे एफएम रेडियो की एंकर काइली सैंडिलैंड्स का मानना है कि गंगा एक कचराघर बन चुकी है। पर हंगामे की डर से सिडनी शहर में स्थित 2डे एफएम रेडियो स्टेशन और काइली ने गंगा को कचराघर कहने के मामले में माफी मांग ली है। पर क्या काइली के वक्तव्य में कोई सच्चाई नहीं है? गंगा सचमुच नाले में नहीं तब्दील हो रही है? प्रभात खबर की एक रपट
भारत और गंगा नदी के बारे में एक ऑस्ट्रेलियाई रेडियो कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता काइल सेंडीलैंड्स की टिप्पणियों से वहां रहने वाले भारतीय नाराज हैं. यह नाराजगी भारत तक पहुंच गयी है.लोगों का कहना है कि काइल ने हमारी पवित्र नदी गंगा और हिंदुओं का मजाक उड़ाया है. लेकिन थोड़ा ठहर कर सोचने पर यह एहसास होता है कि काइल के वक्तव्य में कुछ सच्चाई भी है. गंगा आज सचमुच नाले में तब्दील हो रही है. उसकी इस हालत के लिए हम खुद भी जिम्मेदार हैं.
गंगा भारत की प्रमुख नदी है. देश की एक चौथाई जल की आपूर्ति गंगा नदी से होती है. गंगा जात-पात, ऊंच-नीच और क्षेत्रवाद का भेदभाव नहीं करती है, सबको एक भाव से मिलती है. इसकी इन्हीं खूबियों की वजह से भारत सरकार ने इसे ‘राष्ट्रीय नदी’
खारे और दलदली सुंदरवन के डेल्टा में उगने वाले मैनग्रोव एप्पल यानी चाक केवड़ा की एक प्रजाति के पौधे कोलकाता में गंगा तट पर दिखे हैं। विशेषज्ञ इसे प्रकृति की नाराजगी का संकेत मानकर शोध में जुट गए हैं ….
मीठे पानी की गंगा और गंगा के किनारे उगते मैनग्रोव एप्पल यानी चाक केवड़ा ! यह कैसे संभव है? खारे पानी वाले दलदली क्षेत्र में उगने वाला पेड़ मीठे पानी के दलदल में आखिर क्यों उग रहा है? कोलकाता में गंगा के किनारे हाल में उगे ढेरों मैनग्रोव के पेड़ दिखे हैं। फौरी तौर पर वैज्ञानिकों का यह मानना है कि चूंकि सुंदरवन के डेल्टा इलाकों में समुद्र के पानी का जलस्तर 33 सेंटीमीटर सालाना की दर से बढ़ रहा है और संभव है कि समुद्र का खारा पानी ज्वार के समय गंगा के पानी में घुल रहा हो। इसका प्रतिफल हो सकता है कि मैनग्रोव की प्रजाति कोलकाता में उगने लगी है। अगर ऐसा है तो इसके दूरगामी खतरों का अंदाजा भर लगाया जा सकता है।सुंदरवन के डेल्टा क्षेत्र से लगभग सौ-सवा सौ किलोमीटर दूर कोलकाता के गंगा तट पर पिछले दो सौ वर्षों के शोध इतिहास में कभी मैनग्रोव दिखने की चर्चा नहीं आई। समुद्र
आस्ट्रेलिया के 2डे एफएम रेडियो की एंकर काइली सैंडिलैंड्स के पिछले दिनों भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा को कचराघर कहने से हंगामा मचा गया। मामले की गंभीरतर भांपते हुए सिडनी शहर में स्थित 2डे एफएम रेडियो स्टेशन और काइली ने गंगा को कचराघर कहने के मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांग ली।
आस्ट्रेलिया के 2डे एफएम रेडियो की एंकर काइली सैंडिलैंड्स के पिछले दिनों भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा को कचराघर कहने से हंगामा मचा गया। मामले की गंभीरतर भांपते हुए सिडनी शहर में स्थित 2डे एफएम रेडियो स्टेशन और काइली ने गंगा को कचराघर कहने के मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांग ली। जन्म से मरण तक अनेक रूप् में गंगा भारतीय जनमानस से इस तरह जुड़ी हैं कि आदरभाव से उन्हें मैया कहा जाता है।
काइली ने पतित पावनी गंगा को कचराघर कहकर लाखों-करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। ये कड़वी सच्चाई है कि अपनी मूर्तिवत् स्थिति और धार्मिक धरोहर के बावजूद आज गंगा प्रदूशण-संबंधी भारी दबावों का सामना कर रही है और इसकी जैव-विविधता तथा पर्यावरण-संबंधी व्यावहारिकता (सस्टेनबिलिटी)
Pagination
प्रयास
नोटिस बोर्ड
Latest
खासम-खास
Content
गंगा क्या सूख जाएगी
गंगा के बारे में आस्ट्रेलिया के 2डे एफएम रेडियो की एंकर काइली सैंडिलैंड्स का मानना है कि गंगा एक कचराघर बन चुकी है। पर हंगामे की डर से सिडनी शहर में स्थित 2डे एफएम रेडियो स्टेशन और काइली ने गंगा को कचराघर कहने के मामले में माफी मांग ली है। पर क्या काइली के वक्तव्य में कोई सच्चाई नहीं है? गंगा सचमुच नाले में नहीं तब्दील हो रही है? प्रभात खबर की एक रपट
भारत और गंगा नदी के बारे में एक ऑस्ट्रेलियाई रेडियो कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता काइल सेंडीलैंड्स की टिप्पणियों से वहां रहने वाले भारतीय नाराज हैं. यह नाराजगी भारत तक पहुंच गयी है.लोगों का कहना है कि काइल ने हमारी पवित्र नदी गंगा और हिंदुओं का मजाक उड़ाया है. लेकिन थोड़ा ठहर कर सोचने पर यह एहसास होता है कि काइल के वक्तव्य में कुछ सच्चाई भी है. गंगा आज सचमुच नाले में तब्दील हो रही है. उसकी इस हालत के लिए हम खुद भी जिम्मेदार हैं.
गंगा भारत की प्रमुख नदी है. देश की एक चौथाई जल की आपूर्ति गंगा नदी से होती है. गंगा जात-पात, ऊंच-नीच और क्षेत्रवाद का भेदभाव नहीं करती है, सबको एक भाव से मिलती है. इसकी इन्हीं खूबियों की वजह से भारत सरकार ने इसे ‘राष्ट्रीय नदी’
क्या कह रहे हैं ये मैनग्रोव
खारे और दलदली सुंदरवन के डेल्टा में उगने वाले मैनग्रोव एप्पल यानी चाक केवड़ा की एक प्रजाति के पौधे कोलकाता में गंगा तट पर दिखे हैं। विशेषज्ञ इसे प्रकृति की नाराजगी का संकेत मानकर शोध में जुट गए हैं ….
मीठे पानी की गंगा और गंगा के किनारे उगते मैनग्रोव एप्पल यानी चाक केवड़ा ! यह कैसे संभव है? खारे पानी वाले दलदली क्षेत्र में उगने वाला पेड़ मीठे पानी के दलदल में आखिर क्यों उग रहा है? कोलकाता में गंगा के किनारे हाल में उगे ढेरों मैनग्रोव के पेड़ दिखे हैं। फौरी तौर पर वैज्ञानिकों का यह मानना है कि चूंकि सुंदरवन के डेल्टा इलाकों में समुद्र के पानी का जलस्तर 33 सेंटीमीटर सालाना की दर से बढ़ रहा है और संभव है कि समुद्र का खारा पानी ज्वार के समय गंगा के पानी में घुल रहा हो। इसका प्रतिफल हो सकता है कि मैनग्रोव की प्रजाति कोलकाता में उगने लगी है। अगर ऐसा है तो इसके दूरगामी खतरों का अंदाजा भर लगाया जा सकता है।सुंदरवन के डेल्टा क्षेत्र से लगभग सौ-सवा सौ किलोमीटर दूर कोलकाता के गंगा तट पर पिछले दो सौ वर्षों के शोध इतिहास में कभी मैनग्रोव दिखने की चर्चा नहीं आई। समुद्र
पतित पावनी गंगा और काइली का ‘कचराघर’
आस्ट्रेलिया के 2डे एफएम रेडियो की एंकर काइली सैंडिलैंड्स के पिछले दिनों भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा को कचराघर कहने से हंगामा मचा गया। मामले की गंभीरतर भांपते हुए सिडनी शहर में स्थित 2डे एफएम रेडियो स्टेशन और काइली ने गंगा को कचराघर कहने के मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांग ली।
आस्ट्रेलिया के 2डे एफएम रेडियो की एंकर काइली सैंडिलैंड्स के पिछले दिनों भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा को कचराघर कहने से हंगामा मचा गया। मामले की गंभीरतर भांपते हुए सिडनी शहर में स्थित 2डे एफएम रेडियो स्टेशन और काइली ने गंगा को कचराघर कहने के मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांग ली। जन्म से मरण तक अनेक रूप् में गंगा भारतीय जनमानस से इस तरह जुड़ी हैं कि आदरभाव से उन्हें मैया कहा जाता है।
काइली ने पतित पावनी गंगा को कचराघर कहकर लाखों-करोड़ों हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। ये कड़वी सच्चाई है कि अपनी मूर्तिवत् स्थिति और धार्मिक धरोहर के बावजूद आज गंगा प्रदूशण-संबंधी भारी दबावों का सामना कर रही है और इसकी जैव-विविधता तथा पर्यावरण-संबंधी व्यावहारिकता (सस्टेनबिलिटी)
Pagination
प्रयास
सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Read more about सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Comments
नोटिस बोर्ड
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Read more about 28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Comments
पसंदीदा आलेख