नया ताजा
आगामी कार्यक्रम
खासम-खास
Content
एक प्रकार की भू-आकृति जो सरलता से घुलने वाले चूनाश्मी शैलों के क्षेत्र में विकसित होती है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें सभी आकार के अनेक विलय गर्त (Sink) या छिद्र होते हैं और भीतर ही भीतर परस्पर जुड़े हुए अनेक विलय-मार्ग या सुरंगे बनी होती है जिनके बीच में शैलों के सहसा कटक और प्रोदवर्द्ध दिखाई पड़ते हैं। कार्स्ट-स्थलाकृति के नीचे-नीचे गुफाएँ और अंतर्भौम सरिताएँ भी मिलती हैं। इसका प्रारूपिक स्थान एड्रियाटिक समुद्र के पूर्व तट पर कार्स्ट नामक एक चूनाश्म पठार है।
जिस समय दिल्ली में सरदार सरोवर बांध की ऊँचाई को 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर किए जाने की बैठक चल रही थी, ठीक उसी समय इंदौर के विसर्जन आश्रम में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर 11 अप्रैल 2010 से प्रारंभ होने वाली जीवन अधिकार यात्रा एवं इंदौर स्थित नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरने की रूपरेखा समझा रहीं थीं। बैठक में शहर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। एकाएक फोन बजा और खबर आई कि देवेन्द्र पांडे की अध्यक्षता में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा गठित पर्यावरणीय उप समिति जो कि सरदार सरोवर एवं इंदिरा सागर परियोजनाओं में पर्यावरणीय सुरक्षा से संबंधित दिशानिर्देशों
अखै तीज रोहिनी न होई। पौष, अमावस मूल न जोई।।
राखी स्रवणो हीन विचारो। कातिक पूनों कृतिका टारो।।
महि-माहीं खल बलहिं प्रकासै। कहत भड्डरी सालि बिनासै।।
शब्दार्थ- तज-छोड़ना। मही-धरती। खल-दुष्ट।
भावार्थ- भड्डरी कहते हैं कि बैशाख अक्षय तृतीया को यदि रोहिणी नक्षत्र न पड़े, पौष की अमावस्या को यदि मूल नक्षत्र न पड़े, सावन की पूर्णमासी को यदि श्रवण न पड़े, कार्तिक की पूर्णमासी को यदि कृत्तिका न पड़े, तो समझ लेना चाहिए कि धरती पर दुष्टों का बल बढ़ेगा और धान की उपज नष्ट होगी।
Pagination
प्रयास
नोटिस बोर्ड
Latest
खासम-खास
Content
कार्स्ट स्थलाकृति (Karst topography)
एक प्रकार की भू-आकृति जो सरलता से घुलने वाले चूनाश्मी शैलों के क्षेत्र में विकसित होती है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें सभी आकार के अनेक विलय गर्त (Sink) या छिद्र होते हैं और भीतर ही भीतर परस्पर जुड़े हुए अनेक विलय-मार्ग या सुरंगे बनी होती है जिनके बीच में शैलों के सहसा कटक और प्रोदवर्द्ध दिखाई पड़ते हैं। कार्स्ट-स्थलाकृति के नीचे-नीचे गुफाएँ और अंतर्भौम सरिताएँ भी मिलती हैं। इसका प्रारूपिक स्थान एड्रियाटिक समुद्र के पूर्व तट पर कार्स्ट नामक एक चूनाश्म पठार है।
नर्मदा की छाती पर एक नया पत्थर
जिस समय दिल्ली में सरदार सरोवर बांध की ऊँचाई को 122 मीटर से बढ़ाकर 139 मीटर किए जाने की बैठक चल रही थी, ठीक उसी समय इंदौर के विसर्जन आश्रम में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री सुश्री मेधा पाटकर 11 अप्रैल 2010 से प्रारंभ होने वाली जीवन अधिकार यात्रा एवं इंदौर स्थित नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण (एनसीए) पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरने की रूपरेखा समझा रहीं थीं। बैठक में शहर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। एकाएक फोन बजा और खबर आई कि देवेन्द्र पांडे की अध्यक्षता में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा गठित पर्यावरणीय उप समिति जो कि सरदार सरोवर एवं इंदिरा सागर परियोजनाओं में पर्यावरणीय सुरक्षा से संबंधित दिशानिर्देशों
ज्योतिष सम्बन्धी कहावतें
अखै तीज रोहिनी न होई। पौष, अमावस मूल न जोई।।
राखी स्रवणो हीन विचारो। कातिक पूनों कृतिका टारो।।
महि-माहीं खल बलहिं प्रकासै। कहत भड्डरी सालि बिनासै।।
शब्दार्थ- तज-छोड़ना। मही-धरती। खल-दुष्ट।
भावार्थ- भड्डरी कहते हैं कि बैशाख अक्षय तृतीया को यदि रोहिणी नक्षत्र न पड़े, पौष की अमावस्या को यदि मूल नक्षत्र न पड़े, सावन की पूर्णमासी को यदि श्रवण न पड़े, कार्तिक की पूर्णमासी को यदि कृत्तिका न पड़े, तो समझ लेना चाहिए कि धरती पर दुष्टों का बल बढ़ेगा और धान की उपज नष्ट होगी।
Pagination
प्रयास
सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Read more about सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Comments
नोटिस बोर्ड
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Read more about 28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Comments
पसंदीदा आलेख