तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

मध्य प्रदेश में शुरू हुए जल आन्दोलन ने बुनियादी मोर्चे पर एक बुनियादी रास्ता पकड़ा है। यह रास्ता है -सामुदायिक संपदाओं के रख-रखाव में लोक सहभागिता का। पहले जल, जमीन के रखरखाव व संवर्द्धन में किसी परियोजना के गुंबद से लगाकर नींव तक ब्यूरोक्रेसी लगी रहती थी। लोक सहभागिता को नगण्य महत्व दिया जाता था। मध्य प्रदेश में नए पानी आन्दोलन ने इस प्रवृत्ति को बदला है। पानी समिति के पदाधिकारी और गांव स्तर पर जुटा समाज अब नायक के रूप में है। योजना के क्रियान्वयन में इन की भूमिका अहम होती है। जबकि सरकारी अमला मददगार के रूप में खड़ा है।
मध्य प्रदेश में शुरू हुए जल आन्दोलन ने बुनियादी मोर्चे पर एक बुनियादी रास्ता पकड़ा है। यह रास्ता है -सामुदायिक संपदाओं के रख-रखाव में लोक सहभागिता का। पहले जल, जमीन के रखरखाव व संवर्द्धन में किसी परियोजना के गुंबद से लगाकर नींव तक ब्यूरोक्रेसी लगी रहती थी। लोक सहभागिता को नगण्य महत्व दिया जाता था। मध्य प्रदेश में नए पानी आन्दोलन ने इस प्रवृत्ति को बदला है। पानी समिति के पदाधिकारी और गांव स्तर पर जुटा समाज अब नायक के रूप में है। योजना के क्रियान्वयन में इन की भूमिका अहम होती है। जबकि सरकारी अमला मददगार के रूप में खड़ा है।
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