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यदि सूखे की आशंका आपको खाए जा रही है तो एक काम कीजिए। दिल्ली से उत्तर में आप जितनी दूर जा सकते हैं, ड्राइव करते हुए चले जाइए। शिमला जाइए, चंडीगढ़ जाइए या फिर अमृतसर, लेकिन सड़क मार्ग से जाइए, उड़कर नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि एक सुखद आश्चर्य आपका इंतजार कर रहा होगा, ऐसा आश्चर्य जिस पर आपको एकबारगी तो यकीन ही नहीं होगा। हाईवे के दोनों तरफ धान के हरे-भरे लहलहाते खेत ही खेत नजर आएंगे, न कोई ओर न कोई छोर, दूर-दूर क्षितिज तक फैले हुए खेत।
थार में फिर अकाल के हालात बन पड़े हैं- इस समय की सबसे खतरनाक पंक्ति को सवाल की तरह कहा जाना चाहिए. दरअसल अकाल को बरसात से जोड़कर देखा जाता है और राजस्थान के अकालग्रस्त जिलों से लेकर जयपुर या दिल्ली तक नेताओं, अफसरों और जनता के बड़े तबके तक यही समझ बनी हुई है. कुछ तो जानबूझकर और कुछ मजबूरी में. लेकिन हकीकत यह भी है कि आस्ट्रेलिया या खाड़ी जैसे दुनिया के अनेक हिस्सों में तो और भी कम बरसात होती है मगर वहां अकाल का साया नहीं पड़ता. तो क्या भारत में अकाल की जड़े सरकारी अनदेखी से जुड़ी हैं?
देश में शुद्ध पानी की विकराल समस्या है। लोगों को हलक तर करने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है परंतु जिन कंधों पर इस समस्या के समाधान की जिम्मेदारी है, वे घोटाले कर सरकारी धन का डकारने में जुटे हैं।
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एक और हरित क्रांति
यदि सूखे की आशंका आपको खाए जा रही है तो एक काम कीजिए। दिल्ली से उत्तर में आप जितनी दूर जा सकते हैं, ड्राइव करते हुए चले जाइए। शिमला जाइए, चंडीगढ़ जाइए या फिर अमृतसर, लेकिन सड़क मार्ग से जाइए, उड़कर नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि एक सुखद आश्चर्य आपका इंतजार कर रहा होगा, ऐसा आश्चर्य जिस पर आपको एकबारगी तो यकीन ही नहीं होगा। हाईवे के दोनों तरफ धान के हरे-भरे लहलहाते खेत ही खेत नजर आएंगे, न कोई ओर न कोई छोर, दूर-दूर क्षितिज तक फैले हुए खेत।
थार का अकाल
थार में फिर अकाल के हालात बन पड़े हैं- इस समय की सबसे खतरनाक पंक्ति को सवाल की तरह कहा जाना चाहिए. दरअसल अकाल को बरसात से जोड़कर देखा जाता है और राजस्थान के अकालग्रस्त जिलों से लेकर जयपुर या दिल्ली तक नेताओं, अफसरों और जनता के बड़े तबके तक यही समझ बनी हुई है. कुछ तो जानबूझकर और कुछ मजबूरी में. लेकिन हकीकत यह भी है कि आस्ट्रेलिया या खाड़ी जैसे दुनिया के अनेक हिस्सों में तो और भी कम बरसात होती है मगर वहां अकाल का साया नहीं पड़ता. तो क्या भारत में अकाल की जड़े सरकारी अनदेखी से जुड़ी हैं?
इटावा में पानी के नाम पर घोटाला
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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