देश का जहाँ आधे से ज्यादा हिस्सा गर्मी से जूझ रहा है वही इस भीषण गर्मी में आसाम के हालात बाढ़ की वजह से बेहद खराब होते जा रहे है देश के कुछ राज्यों को हर वर्ष बाढ़ का सामना करना पड़ता है जिसमें मुख्यतः बिहार उत्तरप्रदेश महरारष्ट्र जम्मू कश्मीर ओडिसा और अन्य प्रदेश भी है लेकिन बिहार को सबसे ज्यादा बाढ़ का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से उसे करोडो का आर्थिक नुक्सान भी होता है आज हम आपको बाटेंगे की बाढ़ किन कारणों से आती है
वर्तमान में देश में बाढ़ का सामना करने वाले कुल इलाकों की संख्या 12.5 प्रतिशत है. बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, असम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बाढ़ का असर ज्यादा होता है. वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में बाढ़ से होने वाली कुल मौतों में से 20 फीसदी अकेले भारत में होती है
दरअसल भारत तीन ओर से समुद्र, अरब सागर, हिन्द महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा है. भारत के ज्योलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया का कहना है कि भारत के तीनों ओर से समुद्र से समुद्र से घिरे होने के कारण बाढ़ की विभीषिका को लेकर भारत ज्यादा संवेदनशील है. समुद्र में बनने वाले मौसमी सिस्टम की वजह से पूरे भारत में बारिश होती है. इस दौरान समुद्री क्षेत्र में कई दवाब क्षेत्र भी बनते हैं जिसके कारण सामान्य बारिश भी भारी बारिश में बदल जाती है. वहीं, कई बार एक ही दिन में औसतन बारिश के मुकाबले कई गुणा ज्यादा बारिश हो जाती है, जिसकी वजह से नदी-नालों में में जलस्तर बढ़ जाता है और उनका पानी ओवर फ्लो होने से बाढ़ आ जाती है.
मॉनसून के सीजन में तीन से चार महीने तक देश में भारी बारिश होती है. इसके कारण नदियों का जलस्तर बढ़ जाता है, जो बाढ़ का कारण बनता है वही बादल फटने से भी पहाड़ी राज्यों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाता है जैसे हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड शहरों के विकास, सड़क और रेल मार्ग, लोगों को पानी की आपूर्ति और बिजली बनाने समेत कई कारणों ने नदियों पर बांध बनाए जाते हैं. इसके कारण नदियों की प्रवाह रुक जाता है और वो बाढ़ का कारण बन जाता है
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट कहती है कि भारत में पिछले 64 सालों में 1,07,487 लोगों की मौत बाढ़ या उससे हुए हादसों में हुई है हम बाढ़ के खतरों को रोक सकते है लेकिन उसके लिए जरूरी है की विकास के नाम पर जो अतिक्रमण प्रकृति का हो रहाहै उसे रोका जाय वर्नायही देश बाढ़ से झूझता रहेगा और जान माल का नुक्सान सहता रहेगा