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सबकी राय का सम्मान और साझेदारी का ऐलान
पहाड़, जंगल, जमीन सब बेच दोगे अगर
क्या नदी बिकी (नुक्कड़ों पर एकल पाठ के लिये)
मुनाफाखोर नदियों को भी बाजारों में लाये
सुनता है नदियों का बहता पानी
सूखेंगी नदियां तो, रोयेगी, सदियां
आ देख जरा तू आने वाले पानी को
भूकम्प (संदर्भः 1991 का उत्तरकाशी भूकम्प)
नदी के साथ बहें, सदी के साथ बहें
अब तो सड़कों पर आओ ओ शब्दों के सौदागर
अब नदियों पर संकट है सारे गांव इकट्ठा हों
नदी तू बहती रहना
कहीं पे आग कहीं पर नदी बहा के रहो
आज तो नदियां हमारे पास हैं
कह रही हर बार ये अपनी नदी
नदियों में आग लगी है इन दिनों
जैतापुर परमाणु परियोजना और भूकंप
‘समुदाय संचालित संपूर्ण स्वच्छता’ मार्गनिर्देशिका
शौच सफाई में भी मुनाफे की ताक में कंपनियां
विदर्भ के जल संकट के कारण होंगे थर्मल पॉवर स्टेशन
आजादी बचाओ आंदोलन का पानी के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन
अविरल गंगा और निर्मल गंगा आंदोलन- राजेंद्र सिंह उर्फ पानी बाबा
लूट पानी की
उत्पाद नहीं, जीने का जरूरी संसाधन है पानी
सिंगरौली: बीमारियां बांटते ताप बिजली घर
ਕੀਟ ਵਿਗਿਆਨ ਦਾ ਇੱਕ ਅਨੋਖਾ ਸਕੂਲ
विस्थापन, पुनर्वास में गुम शिक्षा का अधिकार
हिमयुग का फिल्मी रूप
ध्रुवीय परिवर्तन के कारण आता है हिमयुग
स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है असर
हिम युग की वापसी
मैं भविष्य देख सकता हूं
ऐसे में, यह अविश्वसनीय लगता है कि उच्चतम तापमान पर चले जाने के बाद एकाएक इसमें गिरावट आएगी और इतनी गिरावट कि हिमयुग में…
कोरी नहीं शीतयुग की बात
लगातार बढ़ रहा है मौसमी आपदाओं का खतरा
हिंदी सिनेमा में पानी
बाजार में पानी
तालाबों को तार न सके अफ़सर
बड़े बांधों से न बुझेगी प्यास
बड़े बांध और छोटे तालाब
कुपोषण देता दूषित पानी
पानी पर पटकथा
जल, जंगल, जमीन को बचाने की जद्दोजहद
पानी नहीं रहा तो कुछ नहीं रहेगा
याद आते हैं सतपुड़ा के जंगल और नदियां
चंबल बनी यमुना नदी की तारणहार
रहिमन पानी राखिए...
<b>आज हम पानी की समस्या से जुझ रहे हैं। पूरी तरह सूखे से हम छुटकारा नहीं पा सके हैं। सूखा कहीं भी और कभी भी पड़…
मौसम में है बड़ी उथल-पुथल
आएगा बर्फीला युग
गंगा की फिक्र
गढ़मुक्तेश्वर में गंगा संसद सम्पन्न
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