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खासम-खास

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

Submitted by Shivendra on Fri, 08/02/2019 - 16:36
Source:
दैनिक जागरण (आई नेक्स्ट), 28 जुलाई 2019
climate change in india
मौसम की बेरुखी से देश के कई हिस्से मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। एक ओर कई राज्यों में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं तो वहीं दूसरी ओर कई इलाके ऐसे भी हैं जो सूखे के कारण भयानक जल संकट की चपेट में हैं। तमिलनाडु में भयानक सूखे से चेन्नई में लोग भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि राज्य सरकार को चेन्नई में जलापूर्ति के लिए ट्रेन का सहारा लेना पड़ा है। इसके उलट उत्तरप्रदेश, बिहार और असम में 33 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
Submitted by Shivendra on Fri, 08/02/2019 - 15:16
Source:
अमर उजाला, 29 जुलाई, 2019
environment and development in mumbai
 मुम्बई की जिस समुद्रतटीय सड़क यानी कोस्टल रोड की लोगों को बहुत अधिक जरूरत है, उसके निर्माण में अब समय लगेगा, क्योंकि मुम्बई उच्च न्यायालय ने इसका निर्माण रोकने का आदेश दिया है। न्यायालय ने इस सड़क का निर्माण रोकने का आदेश पर्यावरण के कुछ पहरेदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। गौरतलब है कि इस सड़क के निर्माण पर अभी तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं।
Submitted by Shivendra on Fri, 08/02/2019 - 14:49
Source:
राष्ट्रीय सहारा, 20 जुलाई, 2019
zero budget agriculture beneficial for farmers

शून्य बजट कृषि से खत्म होगी किसानों की समस्या।

स्वतंत्रता प्राप्ति के 72 वर्ष बाद भी भारत की बहुसंख्यक आबादी आज भी कृषि पर आश्रित है। आबादी का लगभग 58 फीसद हिस्सा आज भी गाँवों में निवास करता है और मूलतः कृषि से जीवन यापन करता है। एक अनुमान के अनुसार गाँवों में रहने वाले लगभग 10 करोड़ परिवारों में से 70 फीसद परिवार अभी भी गरीबी रेखा के नीचे हैं। कृषि की उत्पादकता और किसानों की आय लगातार चिन्ता का विषय है। ऐसी विषम परिस्थिति में जहाँ आज प्रत्येक हाथ को उपयुक्त काम नहीं मिल रहा है, जीविका प्रभावित है, रोजगार का अभाव है, मन हताश और निराशा के चरम पर है। न्यू इंडिया और भारत को पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कृषि, गाँव एवं किसान की समृद्धि पर विशेष ध्यान देना होगा।

प्रयास

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
Source:
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे
Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
Source:
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया
Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
Source:
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
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कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

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जलवायु परिवर्तन से 20 साल में 5.2 लाख लोगों ने गवाई जान

Submitted by Shivendra on Fri, 08/02/2019 - 16:36
jalvayu-parivartan-se-20-saal-mein-5.2-lakh-logon-ne-gavai-jaan
Source
दैनिक जागरण (आई नेक्स्ट), 28 जुलाई 2019
climate change in india
मौसम की बेरुखी से देश के कई हिस्से मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। एक ओर कई राज्यों में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं तो वहीं दूसरी ओर कई इलाके ऐसे भी हैं जो सूखे के कारण भयानक जल संकट की चपेट में हैं। तमिलनाडु में भयानक सूखे से चेन्नई में लोग भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि राज्य सरकार को चेन्नई में जलापूर्ति के लिए ट्रेन का सहारा लेना पड़ा है। इसके उलट उत्तरप्रदेश, बिहार और असम में 33 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं।

मुम्बई : पर्यावरण या विकास

Submitted by Shivendra on Fri, 08/02/2019 - 15:16
Source
अमर उजाला, 29 जुलाई, 2019
environment and development in mumbai
 मुम्बई की जिस समुद्रतटीय सड़क यानी कोस्टल रोड की लोगों को बहुत अधिक जरूरत है, उसके निर्माण में अब समय लगेगा, क्योंकि मुम्बई उच्च न्यायालय ने इसका निर्माण रोकने का आदेश दिया है। न्यायालय ने इस सड़क का निर्माण रोकने का आदेश पर्यावरण के कुछ पहरेदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। गौरतलब है कि इस सड़क के निर्माण पर अभी तक करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं।

शून्य बजट कृषि से खत्म होगी किसानों की समस्या

Submitted by Shivendra on Fri, 08/02/2019 - 14:49
Source
राष्ट्रीय सहारा, 20 जुलाई, 2019
zero budget agriculture beneficial for farmers

शून्य बजट कृषि से खत्म होगी किसानों की समस्या।शून्य बजट कृषि से खत्म होगी किसानों की समस्या।

स्वतंत्रता प्राप्ति के 72 वर्ष बाद भी भारत की बहुसंख्यक आबादी आज भी कृषि पर आश्रित है। आबादी का लगभग 58 फीसद हिस्सा आज भी गाँवों में निवास करता है और मूलतः कृषि से जीवन यापन करता है। एक अनुमान के अनुसार गाँवों में रहने वाले लगभग 10 करोड़ परिवारों में से 70 फीसद परिवार अभी भी गरीबी रेखा के नीचे हैं। कृषि की उत्पादकता और किसानों की आय लगातार चिन्ता का विषय है। ऐसी विषम परिस्थिति में जहाँ आज प्रत्येक हाथ को उपयुक्त काम नहीं मिल रहा है, जीविका प्रभावित है, रोजगार का अभाव है, मन हताश और निराशा के चरम पर है। न्यू इंडिया और भारत को पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कृषि, गाँव एवं किसान की समृद्धि पर विशेष ध्यान देना होगा।

प्रयास

सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
sitapur-aur-hardoi-ke-36-gaon-milaakar-ho-raha-hai-'naimisharany-tirth-vikas-parishad'-gathan
Source
लोकसम्मान पत्रिका, दिसम्बर-2022
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
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Source
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे

​यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
USERC-dvara-tin-divasiy-jal-vigyan-prashikshan-prarambh
Source
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया

28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें

Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
28-july-ko-ayojit-hone-vale-jal-shiksha-vyakhyan-shrinkhala-par-bhag-lene-ke-liye-panjikaran-karayen
Source
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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