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खासम-खास

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

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Submitted by Shivendra on Mon, 07/29/2019 - 08:14
Source:
save water in mosque
मस्जिदों में बचेगा 18 करोड़ लीटर पानी। इंदौर पहले ही पानी की बड़ी किल्लत से जूझ रहा है। इंदौर शहर जीरो वाटर जोन की तरफ भी तेजी से बढ़ रहा है। जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ग्रे-वाटर कानून को सख्ती से लागू करने जा रही है। कानून के अंतर्गत काॅलोनी, टाउनशिप और इमारत बनाने वालो को किचन की पाइप लाइन अलग से डालनी होगी। इस पानी को ट्रीटमेंट के बाद वापस घरों में उपयोग किया जाएगा, जहां इसे टाॅयलेट और अन्यों कामों में उपयोग किया जाएगा। इसलिए इंदौर के मस्जिदों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जल संरक्षण की दृष्टि से काफी सकारात्मक निर्णय है। दरअसल इंदौर में करीब 300 मस्जिदे हैं। हर मस्जिद में 200 लोग रोजाना दो वक्त की नमाज पढ़ने जाते हैं। वजू के लिए हर वक्त एक व्यक्ति को करीब पांच लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है।
Submitted by Shivendra on Sat, 07/27/2019 - 16:16
Source:
हरिभूमि 5 जून 2019
change lifestyle to save earth
पर्यावरण को बचाने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी। तपती धरती बढ़ते संकट, खत्म होते जंगल और हवा में घुलते प्रदूषण के जहर से शिकायत तो सभी को है पर पर्यावरण के बिगड़ते हालातों के प्रति जिम्मेदारी का अहसास सरकारी अमले में ही नहीं आमजन में भी कम ही दिखता है। जबकि पर्यावरण का मुद्दा समग्र समुदाय से जुड़ा मुद्दा है। उचित योजनाओं के साथ-साथ धरती पर उपलब्ध संसाधनों का संयमित उपभोग और सही जीवनशैली ही इस व्यापक विषय को प्रभावी रूप से सम्बोधित कर सकती है। यहाँ तक कि पर्यावरण संरक्षण की सरकारी या गैर सरकारी पहल भी तभी कारगर हो सकती है
Submitted by Shivendra on Sat, 07/27/2019 - 11:44
Source:
दैनिक नवज्योति, 11 जून 2019
indus water treaty
सिन्धु जल समझौता रद्द कीजिए। नए विदेश मंत्री जयशंकर के सामने प्रमुख चुनौती पाकिस्तान के साथ सम्बन्धों को सुधारने की है। हमने पाकिस्तान को आर्थिक दृष्टि से घेरने का प्रयास किया था। बीती एनडीए सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले माल पर आयात कर वृद्धि की थी, लेकिन यह पाकिस्तान को भारी नही पड़ रहा है चूंकि पाकिस्तान के कुल निर्यातों में केवल 1.4 प्रतिशत भारत को जाते हैं। पाकिस्तान ने सऊदी अरब और चीन से मदद लेने में सफलता हासिल की है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी उससे मदद की है। अतः हमारी आर्थिक मोर्चेबंदी सफल नहीं हुई है।

प्रयास

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
Source:
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे
Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
Source:
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया
Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
Source:
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
talab-gyan-sanskriti-:-ninv-se-shikhar-tak
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

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मस्जिदों में बचेगा 18 करोड़ लीटर पानी

Submitted by Shivendra on Mon, 07/29/2019 - 08:14
save water in mosque
मस्जिदों में बचेगा 18 करोड़ लीटर पानी।मस्जिदों में बचेगा 18 करोड़ लीटर पानी। इंदौर पहले ही पानी की बड़ी किल्लत से जूझ रहा है। इंदौर शहर जीरो वाटर जोन की तरफ भी तेजी से बढ़ रहा है। जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ग्रे-वाटर कानून को सख्ती से लागू करने जा रही है। कानून के अंतर्गत काॅलोनी, टाउनशिप और इमारत बनाने वालो को किचन की पाइप लाइन अलग से डालनी होगी। इस पानी को ट्रीटमेंट के बाद वापस घरों में उपयोग किया जाएगा, जहां इसे टाॅयलेट और अन्यों कामों में उपयोग किया जाएगा। इसलिए इंदौर के मस्जिदों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जल संरक्षण की दृष्टि से काफी सकारात्मक निर्णय है। दरअसल इंदौर में करीब 300 मस्जिदे हैं। हर मस्जिद में 200 लोग रोजाना दो वक्त की नमाज पढ़ने जाते हैं। वजू के लिए हर वक्त एक व्यक्ति को करीब पांच लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है।

पर्यावरण को बचाने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी

Submitted by Shivendra on Sat, 07/27/2019 - 16:16
Source
हरिभूमि 5 जून 2019
change lifestyle to save earth
पर्यावरण को बचाने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी।पर्यावरण को बचाने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी। तपती धरती बढ़ते संकट, खत्म होते जंगल और हवा में घुलते प्रदूषण के जहर से शिकायत तो सभी को है पर पर्यावरण के बिगड़ते हालातों के प्रति जिम्मेदारी का अहसास सरकारी अमले में ही नहीं आमजन में भी कम ही दिखता है। जबकि पर्यावरण का मुद्दा समग्र समुदाय से जुड़ा मुद्दा है। उचित योजनाओं के साथ-साथ धरती पर उपलब्ध संसाधनों का संयमित उपभोग और सही जीवनशैली ही इस व्यापक विषय को प्रभावी रूप से सम्बोधित कर सकती है। यहाँ तक कि पर्यावरण संरक्षण की सरकारी या गैर सरकारी पहल भी तभी कारगर हो सकती है

सिन्धु जल समझौता रद्द कीजिए

Submitted by Shivendra on Sat, 07/27/2019 - 11:44
Source
दैनिक नवज्योति, 11 जून 2019
indus water treaty
सिन्धु जल समझौता रद्द कीजिए।सिन्धु जल समझौता रद्द कीजिए। नए विदेश मंत्री जयशंकर के सामने प्रमुख चुनौती पाकिस्तान के साथ सम्बन्धों को सुधारने की है। हमने पाकिस्तान को आर्थिक दृष्टि से घेरने का प्रयास किया था। बीती एनडीए सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले माल पर आयात कर वृद्धि की थी, लेकिन यह पाकिस्तान को भारी नही पड़ रहा है चूंकि पाकिस्तान के कुल निर्यातों में केवल 1.4 प्रतिशत भारत को जाते हैं। पाकिस्तान ने सऊदी अरब और चीन से मदद लेने में सफलता हासिल की है। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी उससे मदद की है। अतः हमारी आर्थिक मोर्चेबंदी सफल नहीं हुई है।

प्रयास

सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
sitapur-aur-hardoi-ke-36-gaon-milaakar-ho-raha-hai-'naimisharany-tirth-vikas-parishad'-gathan
Source
लोकसम्मान पत्रिका, दिसम्बर-2022
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
sanjoy-ghosh-media-awards-–-2022
Source
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे

​यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
USERC-dvara-tin-divasiy-jal-vigyan-prashikshan-prarambh
Source
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया

28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें

Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
28-july-ko-ayojit-hone-vale-jal-shiksha-vyakhyan-shrinkhala-par-bhag-lene-ke-liye-panjikaran-karayen
Source
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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