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खासम-खास

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

Submitted by Hindi on Sat, 08/12/2017 - 10:39
Source:

शौच और सोच के बीच एक व्यंग्यकथा


डायरेक्टर :श्री नारायण सिंह
लेखक: सिद्धार्थ-गरिमा
कलाकार : अक्षय कुमार, भूमि पेडणेकर, सुधीर पांडेय और अनुपम खेर
मूवी टाइप : ड्रामा
अवधि : 2 घंटा 35 मिनट

आज भी खुले में शौच बड़ा मुद्दा है, अभी भी देश में साठ फीसदी से ज्यादा लोग खुले में शौच के आदी हैं। ‘खुले में शौच’ एक आदत है, साथ ही एक सोच है, जिसने भारत को गंदगी का नाबदान बना रखा है। फिल्म खेतों और खुले में शौच करने की आदत पर करारा व्यंग्य है।

कहानी की शुरुआत


मथुरा का नंदगाँव अभी पूरी तरह नींद की आगोश में है। रात का अंतिम पहर खत्म होने में कुछेक घंटे बाकी हैं। महिलाएँ हाथों में लोटा और लालटेन लेकर निकल पड़ी हैं। रास्ते में वे एक-दूसरे से खूब हँसी-मजाक करती हैं। यह वक्त उनके लिये आजादी का वक्त है।

Submitted by Hindi on Wed, 08/09/2017 - 11:11
Source:

पचास के दशक से यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदी हिण्डन का उद्गम सहारनपुर में पुर का टांडा गाँव के जंगल को माना जाता रहा है, लेकिन नई खोज से हिण्डन नदी के उद्गम को लेकर चल रही जद्दोजहद आखिर अब समाप्त हो चुकी है। ब्रिटिश गजेटियर, सेटेलाइट मैपिंग और ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हायड्रोलॉजी’, रुड़की के अनुसार हिण्डन का वास्तविक स्थल शिवालिक हिल्स के नीचे की पहाड़ियाँ हैं। यहाँ पानी घने जंगल और कुछ झरनों से बहता है, जिससे कि हिण्डन नदी बनती है। यह नदी सहारनपुर जनपद की बेहट तहसील के मुजफ्फराबाद ब्लॉक के ऊपरी भाग के निचले हिस्से से निकलती है। इस धारा को यहाँ बसे वन गुर्जर कालूवाला खोल व गुलेरिया के नाम से जानते हैं जोकि आगे चलने पर हिण्डन बनती है,
Submitted by Editorial Team on Thu, 07/20/2017 - 16:41
Source:
स्केलेटल फ्लोरोसिस से पीड़ित बच्चा


स्केलेटल फ्लोरोसिस से पीड़ित बच्चाधार। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में फ्लोराइड को लेकर जिस तरह की जागरुकता की आवश्यकता है, वह मैदानी स्तर पर नहीं दिख रही है।

दरअसल कुपोषण और फ्लोराइड दोनों का आपस में सम्बन्ध है। जिले में कुपोषण के कारण कई बच्चे इसका शिकार होते जा रहे हैं। वहीं अभी भी लड़के और लड़कियों में खानपान में भेदभाव किया जा रहा है। इसी वजह से फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में जहाँ कुपोषण है, वहाँ पर बच्चों की स्थिति चिन्ताजनक है। माना जा रहा है कि कैल्शियम, विटामिन सी से लेकर अन्य कई जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं इसीलिये इस तरह की स्थिति बनी है।

फ्लोराइड की मात्रा पानी में अधिक होने के कारण बच्चे दन्तीय फ्लोरोसिस से प्रभावित हो रहे हैं। इस तरह के हालात में कहीं-न-कहीं बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

प्रयास

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
Source:
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे
Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
Source:
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया
Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
Source:
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
talab-gyan-sanskriti-:-ninv-se-shikhar-tak
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

टॉयलेट, एक प्रेम कथा - Toilet, Ek Prem Katha

Submitted by Hindi on Sat, 08/12/2017 - 10:39
Author
उमेश कुमार राय

शौच और सोच के बीच एक व्यंग्यकथा


डायरेक्टर :श्री नारायण सिंह
लेखक: सिद्धार्थ-गरिमा
कलाकार : अक्षय कुमार, भूमि पेडणेकर, सुधीर पांडेय और अनुपम खेर
मूवी टाइप : ड्रामा
अवधि : 2 घंटा 35 मिनट

.आज भी खुले में शौच बड़ा मुद्दा है, अभी भी देश में साठ फीसदी से ज्यादा लोग खुले में शौच के आदी हैं। ‘खुले में शौच’ एक आदत है, साथ ही एक सोच है, जिसने भारत को गंदगी का नाबदान बना रखा है। फिल्म खेतों और खुले में शौच करने की आदत पर करारा व्यंग्य है।

कहानी की शुरुआत


मथुरा का नंदगाँव अभी पूरी तरह नींद की आगोश में है। रात का अंतिम पहर खत्म होने में कुछेक घंटे बाकी हैं। महिलाएँ हाथों में लोटा और लालटेन लेकर निकल पड़ी हैं। रास्ते में वे एक-दूसरे से खूब हँसी-मजाक करती हैं। यह वक्त उनके लिये आजादी का वक्त है।

निर्मल हिण्डन उद्गम यात्रा से प्रमाणित हुआ हिण्डन का वास्तविक उद्गम

Submitted by Hindi on Wed, 08/09/2017 - 11:11
Author
रमन कान्त

.पचास के दशक से यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदी हिण्डन का उद्गम सहारनपुर में पुर का टांडा गाँव के जंगल को माना जाता रहा है, लेकिन नई खोज से हिण्डन नदी के उद्गम को लेकर चल रही जद्दोजहद आखिर अब समाप्त हो चुकी है। ब्रिटिश गजेटियर, सेटेलाइट मैपिंग और ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हायड्रोलॉजी’, रुड़की के अनुसार हिण्डन का वास्तविक स्थल शिवालिक हिल्स के नीचे की पहाड़ियाँ हैं। यहाँ पानी घने जंगल और कुछ झरनों से बहता है, जिससे कि हिण्डन नदी बनती है। यह नदी सहारनपुर जनपद की बेहट तहसील के मुजफ्फराबाद ब्लॉक के ऊपरी भाग के निचले हिस्से से निकलती है। इस धारा को यहाँ बसे वन गुर्जर कालूवाला खोल व गुलेरिया के नाम से जानते हैं जोकि आगे चलने पर हिण्डन बनती है,

कुपोषण के कारण फैल रहा है बच्चों में फ्लोरोसिस

Submitted by Editorial Team on Thu, 07/20/2017 - 16:41
Author
प्रेमविजय पाटिल
स्केलेटल फ्लोरोसिस से पीड़ित बच्चा


स्केलेटल फ्लोरोसिस से पीड़ित बच्चास्केलेटल फ्लोरोसिस से पीड़ित बच्चाधार। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में फ्लोराइड को लेकर जिस तरह की जागरुकता की आवश्यकता है, वह मैदानी स्तर पर नहीं दिख रही है।

दरअसल कुपोषण और फ्लोराइड दोनों का आपस में सम्बन्ध है। जिले में कुपोषण के कारण कई बच्चे इसका शिकार होते जा रहे हैं। वहीं अभी भी लड़के और लड़कियों में खानपान में भेदभाव किया जा रहा है। इसी वजह से फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में जहाँ कुपोषण है, वहाँ पर बच्चों की स्थिति चिन्ताजनक है। माना जा रहा है कि कैल्शियम, विटामिन सी से लेकर अन्य कई जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं इसीलिये इस तरह की स्थिति बनी है।

फ्लोराइड की मात्रा पानी में अधिक होने के कारण बच्चे दन्तीय फ्लोरोसिस से प्रभावित हो रहे हैं। इस तरह के हालात में कहीं-न-कहीं बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

प्रयास

सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
sitapur-aur-hardoi-ke-36-gaon-milaakar-ho-raha-hai-'naimisharany-tirth-vikas-parishad'-gathan
Source
लोकसम्मान पत्रिका, दिसम्बर-2022
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
sanjoy-ghosh-media-awards-–-2022
Source
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे

​यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
USERC-dvara-tin-divasiy-jal-vigyan-prashikshan-prarambh
Source
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया

28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें

Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
28-july-ko-ayojit-hone-vale-jal-shiksha-vyakhyan-shrinkhala-par-bhag-lene-ke-liye-panjikaran-karayen
Source
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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