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बिहार में बाढ़ से तबाही हिमालय से निकली नदियों में पानी के साथ गाद आने की समस्या नई नहीं है। बिहार, बंगाल और असम सदियों से इसे झेलते रहे हैं। इन राज्यों में गाद को व्यवस्थित करने की प्रकृति सम्मत व्यवस्था विकसित हुई थी। उस व्यवस्था के टूट जाने से यह समस्या विकराल हो गई है।
बिहार में नेपाल की ओर से आई नदियों में काफी मात्रा में गाद आती है। इस मामले में कोशी सबसे बदनाम नदी है। हिमालय के ऊँचे शिखरों से आई यह नदी बिहार में प्रवेश करने के थोड़ा ही पहले पहाड़ से मैदान में उतरती है। प्रवाह गति अचानक कम हो जाती है जिससे नदी सिल्ट छोड़ती है।
ईंधन से भरा एक जहाज समुद्र के रास्ते इंडोनेशिया से गुजरात के लिये रवाना हुआ था। 4 अगस्त, 2011 को यह जहाज मुम्बई तट से लगभग 37 किलोमीटर दूर अरब सागर (भारतीय सीमा) में डूब गया था।
जहाज के डूबने से इसमें मौजूद ईंधन व तेल का धीरे-धीरे रिसाव होने लगा जिससे समुद्र की पारिस्थितिकी और मुम्बई तट के आसपास की जैवविविधता को नुकसान हुआ था।
इस नुकसान की भरपाई के लिये राष्ट्रीय हरित पंचाट (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) ने पनामा स्थित डेल्टा शिपिंग मरीन सर्विसेज और उसकी कतर स्थित दो सहयोगी कम्पनी डेल्टा नेविगेशन डब्ल्यूएलएल और डेल्टा ग्रुप इंटरनेशनल पर 100 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगाया है।
सैमुअल राजकुमारजल प्रदूषण मानवता के सबसे बड़े संकटों में से एक है खासतौर पर प्रदूषित पेयजल। पूरी दुनिया के लोग पेय की कमी और दूषित पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। आज पूरे विश्व की 85 प्रतिशत आबादी सूखे के हालात में रह रही है और कुल 78.3 करोड़ लोगों की पहुँच में साफ पानी नहीं है।
भारत की बात करें तो पानी से सम्बन्धित कुछ आँकड़ों पर नजर डालना बेहद जरूरी है जैसे दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी भारत में बसती है लेकिन विश्व के कुल जल संसाधन का केवल 4 प्रतिशत ही भारत के पास है। जबकि भारत में भूजल का दोहन पूरे विश्व में सबसे ज्यादा होता है यहाँ तक कि चीन भी इस मामले में हमसे पीछे है।
हाल के आँकड़ों के मुताबिक भारत की कुल एक चौथाई यानी लगभग 33 करोड़ आबादी पीने के पानी की कमी से जूझ रही है।
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गाद प्रबन्धन से निकलेगी समाधान की राह
हिमालय से निकली नदियों में पानी के साथ गाद आने की समस्या नई नहीं है। बिहार, बंगाल और असम सदियों से इसे झेलते रहे हैं। इन राज्यों में गाद को व्यवस्थित करने की प्रकृति सम्मत व्यवस्था विकसित हुई थी। उस व्यवस्था के टूट जाने से यह समस्या विकराल हो गई है।
बिहार में नेपाल की ओर से आई नदियों में काफी मात्रा में गाद आती है। इस मामले में कोशी सबसे बदनाम नदी है। हिमालय के ऊँचे शिखरों से आई यह नदी बिहार में प्रवेश करने के थोड़ा ही पहले पहाड़ से मैदान में उतरती है। प्रवाह गति अचानक कम हो जाती है जिससे नदी सिल्ट छोड़ती है।
सागर की बदकिस्मती
ईंधन से भरा एक जहाज समुद्र के रास्ते इंडोनेशिया से गुजरात के लिये रवाना हुआ था। 4 अगस्त, 2011 को यह जहाज मुम्बई तट से लगभग 37 किलोमीटर दूर अरब सागर (भारतीय सीमा) में डूब गया था।
जहाज के डूबने से इसमें मौजूद ईंधन व तेल का धीरे-धीरे रिसाव होने लगा जिससे समुद्र की पारिस्थितिकी और मुम्बई तट के आसपास की जैवविविधता को नुकसान हुआ था।
इस नुकसान की भरपाई के लिये राष्ट्रीय हरित पंचाट (नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल) ने पनामा स्थित डेल्टा शिपिंग मरीन सर्विसेज और उसकी कतर स्थित दो सहयोगी कम्पनी डेल्टा नेविगेशन डब्ल्यूएलएल और डेल्टा ग्रुप इंटरनेशनल पर 100 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति लगाया है।
साक्षात्कार: जानें मोबाइल पर पानी में फ्लोराइड की मात्रा
जल प्रदूषण मानवता के सबसे बड़े संकटों में से एक है खासतौर पर प्रदूषित पेयजल। पूरी दुनिया के लोग पेय की कमी और दूषित पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। आज पूरे विश्व की 85 प्रतिशत आबादी सूखे के हालात में रह रही है और कुल 78.3 करोड़ लोगों की पहुँच में साफ पानी नहीं है।
भारत की बात करें तो पानी से सम्बन्धित कुछ आँकड़ों पर नजर डालना बेहद जरूरी है जैसे दुनिया की 16 प्रतिशत आबादी भारत में बसती है लेकिन विश्व के कुल जल संसाधन का केवल 4 प्रतिशत ही भारत के पास है। जबकि भारत में भूजल का दोहन पूरे विश्व में सबसे ज्यादा होता है यहाँ तक कि चीन भी इस मामले में हमसे पीछे है।
हाल के आँकड़ों के मुताबिक भारत की कुल एक चौथाई यानी लगभग 33 करोड़ आबादी पीने के पानी की कमी से जूझ रही है।
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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