तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

गंगा के प्रवाह में अवरोध का बिहार पर सबसे अधिक असर पड़ा है। फरक्का बराज की वजह से गंगा की हालत ऐसी सर्पणी की तरह हो गई है जिसके मुँह को जकड़ दिया गया हो और छटपटा रही हो। नदी फूलती है, तेजी से कटाव करती है और बराज से फुँफकारती हुई निकलती है। हर बराज से ऐसा होता है। फरक्का की हालत अधिक विकराल है। बिहार उसका शिकार है।
फरक्का बराज से टकराकर बाढ़ के पानी का उलटा प्रवाह होता है। गंगा की सहायक नदियाँ- कोशी और गंडक आदि नदियों के पानी का विसर्जन थम जाता है, बल्कि उलटा प्रवाह होता है। कटिहार जिले के बड़े इलाके में भयानक कटाव, जलजमाव होता है।
इधर भागलपुर, मुंगेर से पटना जिले तक और उधर खगड़िया, बेगुसराय, समस्तीपुर, हाजीपुर से छपरा तक जगह-जगह लोग गंगा की छटपटाहट को झेल रहे हैं।
दिल्ली के ईस्ट पटेल नगर की बेहद उदास और सुनसान सड़क पर एक फ्लैटनुमा मकान में सफाई कर्मचारी आन्दोलन का दफ्तर है। दफ्तर में बामुश्किल एक दर्जन लोग काम करते होंगे। दफ्तर की दीवारों पर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की कई सफेद-स्याह तस्वीरें और भीम यात्रा की पोस्टर लगी हैं। इसी दफ्तर में बैठते हैं संगठन के नेशनल कनवेनर बेजवाड़ा विल्सन। बेजवाड़ा विल्सन को इस वर्ष रेमन मैगसेसे अवार्ड मिला है। रेमन मैगसेसे अवार्ड को एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है।
उनके दफ्तर का रंग-रूप कॉरपोरेट दफ्तरों से बिल्कुल अलग है। एकदम साधारण-बेजवाड़ा विल्सन की तरह ही। अपनी बात भी वे बेहद सामान्य तरीके से रखते हैं।
गंगा के प्रवाह में अवरोध का बिहार पर सबसे अधिक असर पड़ा है। फरक्का बराज की वजह से गंगा की हालत ऐसी सर्पणी की तरह हो गई है जिसके मुँह को जकड़ दिया गया हो और छटपटा रही हो। नदी फूलती है, तेजी से कटाव करती है और बराज से फुँफकारती हुई निकलती है। हर बराज से ऐसा होता है। फरक्का की हालत अधिक विकराल है। बिहार उसका शिकार है।
फरक्का बराज से टकराकर बाढ़ के पानी का उलटा प्रवाह होता है। गंगा की सहायक नदियाँ- कोशी और गंडक आदि नदियों के पानी का विसर्जन थम जाता है, बल्कि उलटा प्रवाह होता है। कटिहार जिले के बड़े इलाके में भयानक कटाव, जलजमाव होता है।
इधर भागलपुर, मुंगेर से पटना जिले तक और उधर खगड़िया, बेगुसराय, समस्तीपुर, हाजीपुर से छपरा तक जगह-जगह लोग गंगा की छटपटाहट को झेल रहे हैं।
दिल्ली के ईस्ट पटेल नगर की बेहद उदास और सुनसान सड़क पर एक फ्लैटनुमा मकान में सफाई कर्मचारी आन्दोलन का दफ्तर है। दफ्तर में बामुश्किल एक दर्जन लोग काम करते होंगे। दफ्तर की दीवारों पर बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की कई सफेद-स्याह तस्वीरें और भीम यात्रा की पोस्टर लगी हैं। इसी दफ्तर में बैठते हैं संगठन के नेशनल कनवेनर बेजवाड़ा विल्सन। बेजवाड़ा विल्सन को इस वर्ष रेमन मैगसेसे अवार्ड मिला है। रेमन मैगसेसे अवार्ड को एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है।
उनके दफ्तर का रंग-रूप कॉरपोरेट दफ्तरों से बिल्कुल अलग है। एकदम साधारण-बेजवाड़ा विल्सन की तरह ही। अपनी बात भी वे बेहद सामान्य तरीके से रखते हैं।
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