तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

पश्चिम बंगाल के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी आदिगंगा तिल-तिल अपना अस्तित्व खो रही है लेकिन इसे बचाने के लिए न तो केंद्र और न ही पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोई कारगर कदम उठाया जा रहा है।
आदिगंगा का इतिहास उतना ही पुराना है जितना गंगा का। गोमुखी से निकलने वाली गंगा जब पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है तो उसे हुगली कहा जाता है। इसी हुगली नदी की एक शाखा को आदिगंगा कहा जाता है। हेस्टिंग्स के निकट से यह शाखा निकली है जो दक्षिण कोलकाता के कालीघाट, टालीगंज, कूदघाट, बांसद्रोणी, नाकतल्ला, न्यू गरिया से होते हुए विद्याधरी नदी में मिल जाती है।
पश्चिम बंगाल के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी आदिगंगा तिल-तिल अपना अस्तित्व खो रही है लेकिन इसे बचाने के लिए न तो केंद्र और न ही पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोई कारगर कदम उठाया जा रहा है।
आदिगंगा का इतिहास उतना ही पुराना है जितना गंगा का। गोमुखी से निकलने वाली गंगा जब पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है तो उसे हुगली कहा जाता है। इसी हुगली नदी की एक शाखा को आदिगंगा कहा जाता है। हेस्टिंग्स के निकट से यह शाखा निकली है जो दक्षिण कोलकाता के कालीघाट, टालीगंज, कूदघाट, बांसद्रोणी, नाकतल्ला, न्यू गरिया से होते हुए विद्याधरी नदी में मिल जाती है।
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