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मनुष्य का जन्म प्रकृति में हुआ और उसका विकास भी प्रकृति के सानिध्य में हुआ। इसीलिये प्रकृति और मनुष्य के बीच हजारों साल से सह-अस्तित्व की भूमिका बनी चली आई। गोया, मनुष्य ने सभ्यता के विकासक्रम में मनुष्येतर प्राणियों और पेड़-पौधों के महत्त्व को समझा तो कई जीवों और पेड़ों को देव-तुल्य मानकर उनके संर
देशी-विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र और नैनीताल की संजीवनी नैनी झील सूखने के कगार पर है। इस बार ठंड के मौसम में ही झील के जलस्तर में जबरदस्त गिरावट आ गई। नैनी झील के पानी का स्तर करीब चार फीट नीचे पहुँच गया है। झील के जलस्तर में पिछले साल के मुकाबले करीब 9 फीट और 2014 के मुकाबले 7.5 फीट ज्याद
स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - 18वाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:
निलय के बाद बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता कौन करे? मौजूद सदस्यों में कर्नाटक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हनुमत राव ही सीनियर मोस्ट थे। उन्होंने ही चेयर किया। कार्य समिति ने केस करने हेतु अप्रूव कर दिया। अगले दो दिन में मैंने मिनिट्स (बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट) तैयार कर दिये। मिनिट्स को साइन के लिये निलय चौधरी के पास भेजा।
आमतौर पर वह किसी भी फाइल में अधिकतम 15 दिन में साइन कर देते थे। मिनिट्स पढ़कर वह बोले कि इसे रहने ही दो। मैंने ऐसा करने से मना किया, तो बोले - ‘अच्छा इसमें बदलो। लिखो कि इस पर अगली बोर्ड बैठक में निर्णय किया जाएगा।’ इससे देरी होगी; जानने के बावजूद मैंने मंजूर कर लिया।
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जंगल में आग - वनों को मानव-शून्य बनाने का परिणाम
मनुष्य का जन्म प्रकृति में हुआ और उसका विकास भी प्रकृति के सानिध्य में हुआ। इसीलिये प्रकृति और मनुष्य के बीच हजारों साल से सह-अस्तित्व की भूमिका बनी चली आई। गोया, मनुष्य ने सभ्यता के विकासक्रम में मनुष्येतर प्राणियों और पेड़-पौधों के महत्त्व को समझा तो कई जीवों और पेड़ों को देव-तुल्य मानकर उनके संर
बेरुखी झेलती झील
देशी-विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र और नैनीताल की संजीवनी नैनी झील सूखने के कगार पर है। इस बार ठंड के मौसम में ही झील के जलस्तर में जबरदस्त गिरावट आ गई। नैनी झील के पानी का स्तर करीब चार फीट नीचे पहुँच गया है। झील के जलस्तर में पिछले साल के मुकाबले करीब 9 फीट और 2014 के मुकाबले 7.5 फीट ज्याद
मेरा सबसे वाइड एक्सपोजर तो इंस्टीट्युशन्स के साथ हुआ : स्वामी सानंद
स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - 18वाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:
निलय के बाद बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता कौन करे? मौजूद सदस्यों में कर्नाटक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हनुमत राव ही सीनियर मोस्ट थे। उन्होंने ही चेयर किया। कार्य समिति ने केस करने हेतु अप्रूव कर दिया। अगले दो दिन में मैंने मिनिट्स (बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट) तैयार कर दिये। मिनिट्स को साइन के लिये निलय चौधरी के पास भेजा।
आमतौर पर वह किसी भी फाइल में अधिकतम 15 दिन में साइन कर देते थे। मिनिट्स पढ़कर वह बोले कि इसे रहने ही दो। मैंने ऐसा करने से मना किया, तो बोले - ‘अच्छा इसमें बदलो। लिखो कि इस पर अगली बोर्ड बैठक में निर्णय किया जाएगा।’ इससे देरी होगी; जानने के बावजूद मैंने मंजूर कर लिया।
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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नोटिस बोर्ड
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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