नया ताजा
आगामी कार्यक्रम
खासम-खास
Content
प्रख्यात कवि अदम गोंडवी की एक मशहूर कविता की दो पंक्तियाँ कुछ यूँ हैं-
तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,
मगर ये आँकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है।
पश्चिम बंगाल में आर्सेनिक को लेकर राज्य सरकार के दावे और उन दावों की जमीनी हकीकत को देखें तो ये पंक्तियाँ काफी मौजूँ लगती हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार बड़े गर्व से यह दावा कर रही है कि आर्सेनिक प्रभावित 91 प्रतिशत लोगों तक आर्सेनिक मुक्त पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है लेकिन राज्य सचिवालय से महज 70 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले के सुटिया ग्राम पंचायत के गाँवों में इस दावे की हकीकत दम तोड़ती दिखी।
यहाँ के मधुसूदन काठी, तेघरिया व अन्य गाँवों में रहने वाले सैकड़ों लोग अब भी आर्सेनिक मिश्रित पानी पीने को विवश हैं। तेघरिया में तो आर्सेनिक युक्त पानी के सेवन के कारण कई लोग कैंसर की चपेट में आ गए और उन्होंने दम तोड़ दिया।
नदी संस्कृति के मामले में भारत कभी विश्व का सिरमौर था। संसार के किसी भी क्षेत्र की तुलना में सर्वाधिक नदियाँ हिमालय अधिष्ठाता शिव की जटाओं से निकलकर भारत के कोने-कोने को शस्य-श्यामला बनती रही हैं। तमाम नदियाँ करोड़ों लोगों की जीवन का सेतु और आजीविका का स्थायी स्रोत होने के साथ-साथ जैव विविधता, पर्यावरणीय और पारिस्थितिक सन्तुलन की मुख्य जीवनरेखा रही हैं।
ऋग्वेद में वर्णित सरस्वती नदी भी इनमें से एक थी। करीब पाँच हजार वर्ष पहले सरस्वती के विलुप्त होने के कारण चाहे कुछ भी रहे हों, लेकिन सरस्वती की याद दिलाने वाले इस पावन स्रोत को करोड़ों-करोड़ लोग आज भी गुनगुनाते हैं।
इस साल जनवरी खत्म होते-होते मौसम ने अचानक तेवर बदल दिये। दिल्ली वाले इन्तजार ही करते रहे कि इस साल कड़ाके की ठंड व कोहरा कब पड़ेगा कि शरीर आधी बाँह की शर्ट के लिय मचलने लगा। और फिर मार्च शुरू होते ही जब उम्मीद थी कि अब मौसम का रंग सुर्ख होगा, फसल ठीक से पकेगी; उसी समय बादल बरस गए और ओलों ने किसानों के सपने धराशाही कर दिये।
जरा गम्भीरता से अपने अतीत के पन्नों का पलट कर देखें तो पाएँगे कि मौसम की यह बेईमानी बीते एक दशक से कुछ ज्यादा ही समाज को तंग कर रही है। हाल ही में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी कहा है कि फरवरी में तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि ने पूर्व के महीनों के रिकार्ड को तोड़ दिया है।
Pagination
प्रयास
नोटिस बोर्ड
Latest
खासम-खास
Content
जमीनी हकीकत के सामने दम तोड़ता सरकारी दावा
प्रख्यात कवि अदम गोंडवी की एक मशहूर कविता की दो पंक्तियाँ कुछ यूँ हैं-
तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,
मगर ये आँकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है।
पश्चिम बंगाल में आर्सेनिक को लेकर राज्य सरकार के दावे और उन दावों की जमीनी हकीकत को देखें तो ये पंक्तियाँ काफी मौजूँ लगती हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार बड़े गर्व से यह दावा कर रही है कि आर्सेनिक प्रभावित 91 प्रतिशत लोगों तक आर्सेनिक मुक्त पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है लेकिन राज्य सचिवालय से महज 70 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले के सुटिया ग्राम पंचायत के गाँवों में इस दावे की हकीकत दम तोड़ती दिखी।
यहाँ के मधुसूदन काठी, तेघरिया व अन्य गाँवों में रहने वाले सैकड़ों लोग अब भी आर्सेनिक मिश्रित पानी पीने को विवश हैं। तेघरिया में तो आर्सेनिक युक्त पानी के सेवन के कारण कई लोग कैंसर की चपेट में आ गए और उन्होंने दम तोड़ दिया।
तब लुप्त नहीं होगी कोई सरस्वती
नदी संस्कृति के मामले में भारत कभी विश्व का सिरमौर था। संसार के किसी भी क्षेत्र की तुलना में सर्वाधिक नदियाँ हिमालय अधिष्ठाता शिव की जटाओं से निकलकर भारत के कोने-कोने को शस्य-श्यामला बनती रही हैं। तमाम नदियाँ करोड़ों लोगों की जीवन का सेतु और आजीविका का स्थायी स्रोत होने के साथ-साथ जैव विविधता, पर्यावरणीय और पारिस्थितिक सन्तुलन की मुख्य जीवनरेखा रही हैं।
ऋग्वेद में वर्णित सरस्वती नदी भी इनमें से एक थी। करीब पाँच हजार वर्ष पहले सरस्वती के विलुप्त होने के कारण चाहे कुछ भी रहे हों, लेकिन सरस्वती की याद दिलाने वाले इस पावन स्रोत को करोड़ों-करोड़ लोग आज भी गुनगुनाते हैं।
धरती के बढ़ते तापमान से संकट में है इंसानी अस्तित्व
इस साल जनवरी खत्म होते-होते मौसम ने अचानक तेवर बदल दिये। दिल्ली वाले इन्तजार ही करते रहे कि इस साल कड़ाके की ठंड व कोहरा कब पड़ेगा कि शरीर आधी बाँह की शर्ट के लिय मचलने लगा। और फिर मार्च शुरू होते ही जब उम्मीद थी कि अब मौसम का रंग सुर्ख होगा, फसल ठीक से पकेगी; उसी समय बादल बरस गए और ओलों ने किसानों के सपने धराशाही कर दिये।
जरा गम्भीरता से अपने अतीत के पन्नों का पलट कर देखें तो पाएँगे कि मौसम की यह बेईमानी बीते एक दशक से कुछ ज्यादा ही समाज को तंग कर रही है। हाल ही में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी कहा है कि फरवरी में तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि ने पूर्व के महीनों के रिकार्ड को तोड़ दिया है।
Pagination
प्रयास
सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Read more about सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
- Comments
नोटिस बोर्ड
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Read more about 28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
- Comments
पसंदीदा आलेख