तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

प्रख्यात कवि अदम गोंडवी की एक मशहूर कविता की दो पंक्तियाँ कुछ यूँ हैं-
तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,
मगर ये आँकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है।
पश्चिम बंगाल में आर्सेनिक को लेकर राज्य सरकार के दावे और उन दावों की जमीनी हकीकत को देखें तो ये पंक्तियाँ काफी मौजूँ लगती हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार बड़े गर्व से यह दावा कर रही है कि आर्सेनिक प्रभावित 91 प्रतिशत लोगों तक आर्सेनिक मुक्त पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है लेकिन राज्य सचिवालय से महज 70 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले के सुटिया ग्राम पंचायत के गाँवों में इस दावे की हकीकत दम तोड़ती दिखी।
यहाँ के मधुसूदन काठी, तेघरिया व अन्य गाँवों में रहने वाले सैकड़ों लोग अब भी आर्सेनिक मिश्रित पानी पीने को विवश हैं। तेघरिया में तो आर्सेनिक युक्त पानी के सेवन के कारण कई लोग कैंसर की चपेट में आ गए और उन्होंने दम तोड़ दिया।
प्रख्यात कवि अदम गोंडवी की एक मशहूर कविता की दो पंक्तियाँ कुछ यूँ हैं-
तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है,
मगर ये आँकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है।पश्चिम बंगाल में आर्सेनिक को लेकर राज्य सरकार के दावे और उन दावों की जमीनी हकीकत को देखें तो ये पंक्तियाँ काफी मौजूँ लगती हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार बड़े गर्व से यह दावा कर रही है कि आर्सेनिक प्रभावित 91 प्रतिशत लोगों तक आर्सेनिक मुक्त पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है लेकिन राज्य सचिवालय से महज 70 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले के सुटिया ग्राम पंचायत के गाँवों में इस दावे की हकीकत दम तोड़ती दिखी।
यहाँ के मधुसूदन काठी, तेघरिया व अन्य गाँवों में रहने वाले सैकड़ों लोग अब भी आर्सेनिक मिश्रित पानी पीने को विवश हैं। तेघरिया में तो आर्सेनिक युक्त पानी के सेवन के कारण कई लोग कैंसर की चपेट में आ गए और उन्होंने दम तोड़ दिया।
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