तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

स्वच्छ जलस्रोतों में विलयित या निलंबित वाह्य पदार्थ, अशुद्धियां मिल जाती हैं, जिससे जल के गुणों में परिवर्तन हो जाता है। यह जल उपयोग करने लायक न रह कर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बन जाता है। इसे 'जल प्रदूषण' कहते हैं। ये वाह्य पदार्थ मल-मूत्र, रसायन, उर्वरक, कीटनाशक एवं औद्योगिक अपशिष्ट हो सकते हैं। निरंतर बहने वाली नदियों में शहरी कूड़ा करकट या अनुपचारित मलजल का लगातार मिलते रहना; झीलों जलाशयों के आसपास गंदगी का मिलना; वर्षा ऋतु में कृषि भूमि से जल बह कर नदियों में गिरना; औद्योगिक अपशिष्ट का एकत्रित जल रिसकर भूजल में मिलना; समुद्रों में तेल वाहक जहाजों से तेल रिसकर अथवा समुद्र तट प
स्वच्छ जलस्रोतों में विलयित या निलंबित वाह्य पदार्थ, अशुद्धियां मिल जाती हैं, जिससे जल के गुणों में परिवर्तन हो जाता है। यह जल उपयोग करने लायक न रह कर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बन जाता है। इसे 'जल प्रदूषण' कहते हैं। ये वाह्य पदार्थ मल-मूत्र, रसायन, उर्वरक, कीटनाशक एवं औद्योगिक अपशिष्ट हो सकते हैं। निरंतर बहने वाली नदियों में शहरी कूड़ा करकट या अनुपचारित मलजल का लगातार मिलते रहना; झीलों जलाशयों के आसपास गंदगी का मिलना; वर्षा ऋतु में कृषि भूमि से जल बह कर नदियों में गिरना; औद्योगिक अपशिष्ट का एकत्रित जल रिसकर भूजल में मिलना; समुद्रों में तेल वाहक जहाजों से तेल रिसकर अथवा समुद्र तट प
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