तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

बच्चो, आपने वर्षा से पहले या वर्षा के दौरान आसमान में बिजली चमकती तो अवश्य देखी होगी। अक्सर ही जब आकाश में बादल छा जाते हैं और तेज हवा चलती है तो बिजली चमकती है। बिजली वर्षा आने से पहले अथवा वर्षा के बीच भी चमकती हुई देखी जाती है। आओ जाने कि बिजली चमकती क्यों है?
देश के सबसे महत्वपूर्ण सामरिक महत्व के स्थान श्रीहरिकोटा की पड़ोसी पुलीकट झील को दुर्लभ हंसावर या राजहंस का सबसे मुफीद आश्रय-स्थल माना जाता रहा है। विडंबना है कि इंसान की थोड़ी सी लापरवाही के चलते देश की दूसरी सबसे विशाल खारे पानी की झील का अस्तित्व खतरे में है। चेन्नई से कोई 60 किलोमीटर दूर स्थित यह झील महज पानी का दरिया नहीं है, लगातार सिकुड़ती जल-निधि पर कई किस्म की मछलियों, पक्षी और हजारों मछुआरे परिवारों का जीवन भी निर्भर है। यह दो राज्यों में फैली हुई है- आंध्र प्रदेश का नेल्लोर जिला और तमिलनाडु का तिरूवल्लूर जिला। यहां के पानी में विषैले रसायनों की मात्रा बढ़ रही है,
बच्चो, आपने वर्षा से पहले या वर्षा के दौरान आसमान में बिजली चमकती तो अवश्य देखी होगी। अक्सर ही जब आकाश में बादल छा जाते हैं और तेज हवा चलती है तो बिजली चमकती है। बिजली वर्षा आने से पहले अथवा वर्षा के बीच भी चमकती हुई देखी जाती है। आओ जाने कि बिजली चमकती क्यों है?
देश के सबसे महत्वपूर्ण सामरिक महत्व के स्थान श्रीहरिकोटा की पड़ोसी पुलीकट झील को दुर्लभ हंसावर या राजहंस का सबसे मुफीद आश्रय-स्थल माना जाता रहा है। विडंबना है कि इंसान की थोड़ी सी लापरवाही के चलते देश की दूसरी सबसे विशाल खारे पानी की झील का अस्तित्व खतरे में है। चेन्नई से कोई 60 किलोमीटर दूर स्थित यह झील महज पानी का दरिया नहीं है, लगातार सिकुड़ती जल-निधि पर कई किस्म की मछलियों, पक्षी और हजारों मछुआरे परिवारों का जीवन भी निर्भर है। यह दो राज्यों में फैली हुई है- आंध्र प्रदेश का नेल्लोर जिला और तमिलनाडु का तिरूवल्लूर जिला। यहां के पानी में विषैले रसायनों की मात्रा बढ़ रही है,
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