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आखिर जो होना था, वह हो गया। केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश की रेणुका बांध परियोजना पर रोक लगा दी है। केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 31 अगस्त 2010 की तिथि वाले अपने पत्र में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में प्रस्तावित रेणुका बांध परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड के आवेदन पर परियोजना को अनुमति देने से इनकार कर दिया। मंत्रालय को यह अहम निर्णय लेना पड़ा क्योंकि इस परियोजना के लिए 775 हेक्टेअर वनभूमि में पेड़ों की कटाई करके उसके डाइवर्जन की मांग की गई थी। इस परियोजना को दिल्ली सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा ‘‘राष्ट्रीय हित’’ के नाम पर आ
पश्चिमी महाराष्ट्र में पहाडियों के बीच बसे जलगांव के किसान टपक सिंचाई और कॉन्टै्रक्ट फार्मिग के जरिए दो से तीन गुना उत्पादन बढाने में कामयाब हुए हैं। 'मोर क्रॉप, पर ड्रॉप' पर आधारित तकनीक ने किसानों और कृषि व्यवसाय को नई दिशा दी है।
भोपाल के भव्य भारत भवन में ठहरे फिल्म निर्माता श्री चित्रे की नींद उचटी थी बाहर के कुछ शोरगुल से। पूस की रात करीब तीन बजे थे। कड़कड़ाती सर्दी। कमरे की खिड़कियां बंद थीं। चित्रे और उनकी पत्नी रोहिणी ने खिड़की खोलकर इस शोरगुल का कारण जानना चाहा। खिड़की खोलते ही तीखी गैस का झोंका आया। उन्होंने आंखों में जलन महसूस की और उनका दम घुटने लगा।
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रेणुका बांध परियोजना पर पर्यावरण मंत्रालय की रोक
आखिर जो होना था, वह हो गया। केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश की रेणुका बांध परियोजना पर रोक लगा दी है। केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 31 अगस्त 2010 की तिथि वाले अपने पत्र में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में प्रस्तावित रेणुका बांध परियोजना के लिए हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड के आवेदन पर परियोजना को अनुमति देने से इनकार कर दिया। मंत्रालय को यह अहम निर्णय लेना पड़ा क्योंकि इस परियोजना के लिए 775 हेक्टेअर वनभूमि में पेड़ों की कटाई करके उसके डाइवर्जन की मांग की गई थी। इस परियोजना को दिल्ली सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा ‘‘राष्ट्रीय हित’’ के नाम पर आ
बूंद—बूंद में बरकत
भोपालः मृत्यु की नदी की कुछ बूंदें
भोपाल के भव्य भारत भवन में ठहरे फिल्म निर्माता श्री चित्रे की नींद उचटी थी बाहर के कुछ शोरगुल से। पूस की रात करीब तीन बजे थे। कड़कड़ाती सर्दी। कमरे की खिड़कियां बंद थीं। चित्रे और उनकी पत्नी रोहिणी ने खिड़की खोलकर इस शोरगुल का कारण जानना चाहा। खिड़की खोलते ही तीखी गैस का झोंका आया। उन्होंने आंखों में जलन महसूस की और उनका दम घुटने लगा।
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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