तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार भारत में कुल 4500 से ज्यादा बड़े बांध हैं। इसके अलावा 700 से ज्यादा बड़े बांध प्रस्तावित या निर्माणाधीन हैं। विश्व बांध आयोग के अनुसार बड़े बांधो के अतर्गत वे बांध आते हैं जिनकी ऊंचाई निम्नतम सतह स्तर से 15 मीटर या उससे ज्यादा हो। इनमें से सैकड़ो बांध ऐसे हैं जो पचास साल से ज्यादा पुराने हैं और उनमें से कई तो अपनी उम्र भी पूरी कर चुके हैं। ऐसे में बांधो का उपयोग जारी रहना काफी जोखिम भरा होता है। भारत में अब तक बांधो से करीब 214 अरब घन मीटर जल संग्रहण क्षमता तैयार किया जा चुका है। जबकि भारत सरकार द्वारा एकीकृत जल संसाधन विकास के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग के अनुसार प्रति वर्ष 1.3 अरब घन मीटर की दर से संग्रहण क्षमता में कमी आ रही है। इसकी प्रमुख वजह है जलाशयों में गाद की मात्रा बढ़ना। इस समस्या के निराकरण के लिए आवश्यक है कि उचित रूप से बांधों का नियमित रखरखाव व मरम्मत किया जाय।
-दिलीप बीदावत
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार भारत में कुल 4500 से ज्यादा बड़े बांध हैं। इसके अलावा 700 से ज्यादा बड़े बांध प्रस्तावित या निर्माणाधीन हैं। विश्व बांध आयोग के अनुसार बड़े बांधो के अतर्गत वे बांध आते हैं जिनकी ऊंचाई निम्नतम सतह स्तर से 15 मीटर या उससे ज्यादा हो। इनमें से सैकड़ो बांध ऐसे हैं जो पचास साल से ज्यादा पुराने हैं और उनमें से कई तो अपनी उम्र भी पूरी कर चुके हैं। ऐसे में बांधो का उपयोग जारी रहना काफी जोखिम भरा होता है। भारत में अब तक बांधो से करीब 214 अरब घन मीटर जल संग्रहण क्षमता तैयार किया जा चुका है। जबकि भारत सरकार द्वारा एकीकृत जल संसाधन विकास के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग के अनुसार प्रति वर्ष 1.3 अरब घन मीटर की दर से संग्रहण क्षमता में कमी आ रही है। इसकी प्रमुख वजह है जलाशयों में गाद की मात्रा बढ़ना। इस समस्या के निराकरण के लिए आवश्यक है कि उचित रूप से बांधों का नियमित रखरखाव व मरम्मत किया जाय।
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