तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

पिछले दिनों बिहार राज्य के नालन्दा के खंड़हरों से लगभग डेढ़ किलोमीटर आगे सूर्य मन्दिर के निकट स्थित सूरजकुण्ड तालाब को देखने का हम तीन साथियों (ज्ञानेन्द्र रावत, अरुण तिवारी और लेखक) को अवसर मिला। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह तालाब कृष्ण कालीन है और रुकमणी जी का स्थान है। इस तालाब के पास दो गांव - सूरजपुर और बडगांव स्थित हैं। सूरजपुर लगभग 2500 घरों का बडा गांव है। यहां सूर्य मन्दिर बहुत प्राचीन मन्दिर है। हर साल चैत्र माह में लगभग एक लाख लोग सूर्य को अध्र्य चढ़ाने आते हैं। इस तालाब का आकार चकोर है। तालाब के अन्दर, चारों कोनों पर कुए तथा बीच में बावडी है। कुओं तथा बावडी की मौजूदगी की जानकारी
पिछले दिनों बिहार राज्य के नालन्दा के खंड़हरों से लगभग डेढ़ किलोमीटर आगे सूर्य मन्दिर के निकट स्थित सूरजकुण्ड तालाब को देखने का हम तीन साथियों (ज्ञानेन्द्र रावत, अरुण तिवारी और लेखक) को अवसर मिला। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह तालाब कृष्ण कालीन है और रुकमणी जी का स्थान है। इस तालाब के पास दो गांव - सूरजपुर और बडगांव स्थित हैं। सूरजपुर लगभग 2500 घरों का बडा गांव है। यहां सूर्य मन्दिर बहुत प्राचीन मन्दिर है। हर साल चैत्र माह में लगभग एक लाख लोग सूर्य को अध्र्य चढ़ाने आते हैं। इस तालाब का आकार चकोर है। तालाब के अन्दर, चारों कोनों पर कुए तथा बीच में बावडी है। कुओं तथा बावडी की मौजूदगी की जानकारी
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