तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

यह कोई छिपा तथ्य नहीं है कि प्लास्टिक आज पर्यावरण प्रदूषण का आम कारक है। सरकारों की ओर से इस पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाने के बारे में लम्बे समय से आश्वासन दिए जाते रहे हैं। मगर हकीकत यही है कि सरकारों और सम्बन्धित महकमों ने प्लास्टिक पर रोक लगाने सम्बन्धी जरूरी कदम नहीं उठाए, जबकि एनजीटी यानी राष्ट्रीय हरित अधिकरण से लेकर देश की अदालतों तक ने अलग-अलग मामलों में सरकारों को इसे लेकर कई बार निर्देश दिया है। पर इस सबका कोई ठोस असर जमीन पर होता हुआ नहीं दिखा है। अब सीपीसीबी यानी केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को यह जानकारी दी है कि अठारह राज्य प्लास्टिक की थैली पर पूरी तरह प्रतिबन्ध ल
दुनिया में कोई ऐसा काम नहीं है जो इंसान की पहुँच से दूर हो। कोई भी मुकाम हासिल करने के लिए आपको सिर्फ दो चीजें ही चाहिए, पहला तो दृढ़ निश्चय और दूसरा कभी न टूटने वाला हौसला। राजस्थान का लापोड़िया गाँव उसी का उदाहरण है। यहाँ के लोग बेहद मुश्किल समय में एक लक्ष्य बनाकर आगे बढ़े और सफलता प्राप्त की।
यह कोई छिपा तथ्य नहीं है कि प्लास्टिक आज पर्यावरण प्रदूषण का आम कारक है। सरकारों की ओर से इस पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाने के बारे में लम्बे समय से आश्वासन दिए जाते रहे हैं। मगर हकीकत यही है कि सरकारों और सम्बन्धित महकमों ने प्लास्टिक पर रोक लगाने सम्बन्धी जरूरी कदम नहीं उठाए, जबकि एनजीटी यानी राष्ट्रीय हरित अधिकरण से लेकर देश की अदालतों तक ने अलग-अलग मामलों में सरकारों को इसे लेकर कई बार निर्देश दिया है। पर इस सबका कोई ठोस असर जमीन पर होता हुआ नहीं दिखा है। अब सीपीसीबी यानी केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को यह जानकारी दी है कि अठारह राज्य प्लास्टिक की थैली पर पूरी तरह प्रतिबन्ध ल
दुनिया में कोई ऐसा काम नहीं है जो इंसान की पहुँच से दूर हो। कोई भी मुकाम हासिल करने के लिए आपको सिर्फ दो चीजें ही चाहिए, पहला तो दृढ़ निश्चय और दूसरा कभी न टूटने वाला हौसला। राजस्थान का लापोड़िया गाँव उसी का उदाहरण है। यहाँ के लोग बेहद मुश्किल समय में एक लक्ष्य बनाकर आगे बढ़े और सफलता प्राप्त की।
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