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खासम-खास

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

Submitted by editorial on Wed, 12/19/2018 - 15:33
Source:
कॉ़प24
कॉप 24शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण भारत में ऊर्जा की माँग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। और इसे पूरा करने का सबसे अधिक दबाव कोयला चलित ताप विद्युत संयंत्रों पर है। यही वजह है कि ये ताप विद्युत संयंत्र देश में सबसे बड़े कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक बन गए हैं। इस बात की चर्चा संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) की ईस्ट एंग्लिया (East Anglia) यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार तैयार किये गए ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट (Global Carbon Project) नामक दस्तावेज में की गई है।
Submitted by editorial on Wed, 12/19/2018 - 15:05
Source:
कॉप24
कॉप 24संयुक्त राष्ट्र का जलवायु सम्मेलन 14 दिसम्बर को पोलैंड के केटोवाइस में सम्पन्न होना था। यह सम्मेलन दो दिसम्बर से शुरू हुआ था। लेकिन, कुछ मुद्दों पर आम सहमति नहीं होने के कारण 14 दिसम्बर की देर रात तक सम्मेलन को जारी रखना पड़ा। बताया जाता है कि सम्मेलन में उपस्थित अतिथियों को देर रात तक सम्मलेन में शामिल होना पड़ा। कहा जा रहा है कि मौके पर उपस्थित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के बीच पेरिस समझौते पर कुछ हद तक सहमति बनी, लेकिन बड़े मुद्दों को लेकर असहमति थी।
Submitted by editorial on Sat, 12/08/2018 - 13:23
Source:
गन्ना
कृषि क्षेत्र पर सिंचाई की मारपाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ ही खाद्यान्न उत्पादन में विश्व में दूसरे पायदान पर आने वाले भारत के लिये अपनी जनसंख्या का पेट भरना आज भी एक बड़ी चुनौती है। हाल ही में 119 देशों के लिये जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2018 (Global Hunger Index) में भारत 103 नम्बर पर रहा। इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी पीछे है।

प्रयास

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
Source:
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे
Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
Source:
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया
Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
Source:
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
talab-gyan-sanskriti-:-ninv-se-shikhar-tak
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

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ताप विद्युत संयंत्र से भारत में सबसे ज्यादा CO2 उत्सर्जन

Submitted by editorial on Wed, 12/19/2018 - 15:33
Author
राकेश रंजन
कॉ़प24
कॉप 24कॉप 24शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण भारत में ऊर्जा की माँग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। और इसे पूरा करने का सबसे अधिक दबाव कोयला चलित ताप विद्युत संयंत्रों पर है। यही वजह है कि ये ताप विद्युत संयंत्र देश में सबसे बड़े कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक बन गए हैं। इस बात की चर्चा संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) की ईस्ट एंग्लिया (East Anglia) यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार तैयार किये गए ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट (Global Carbon Project) नामक दस्तावेज में की गई है।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन का हासिल

Submitted by editorial on Wed, 12/19/2018 - 15:05
Author
उमेश कुमार राय
कॉप24
कॉप 24कॉप 24संयुक्त राष्ट्र का जलवायु सम्मेलन 14 दिसम्बर को पोलैंड के केटोवाइस में सम्पन्न होना था। यह सम्मेलन दो दिसम्बर से शुरू हुआ था। लेकिन, कुछ मुद्दों पर आम सहमति नहीं होने के कारण 14 दिसम्बर की देर रात तक सम्मेलन को जारी रखना पड़ा। बताया जाता है कि सम्मेलन में उपस्थित अतिथियों को देर रात तक सम्मलेन में शामिल होना पड़ा। कहा जा रहा है कि मौके पर उपस्थित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के बीच पेरिस समझौते पर कुछ हद तक सहमति बनी, लेकिन बड़े मुद्दों को लेकर असहमति थी।

कृषि क्षेत्र पर सिंचाई की मार और भारत में भुखमरी

Submitted by editorial on Sat, 12/08/2018 - 13:23
Author
राकेश रंजन
गन्ना
कृषि क्षेत्र पर सिंचाई की मारकृषि क्षेत्र पर सिंचाई की मारपाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ ही खाद्यान्न उत्पादन में विश्व में दूसरे पायदान पर आने वाले भारत के लिये अपनी जनसंख्या का पेट भरना आज भी एक बड़ी चुनौती है। हाल ही में 119 देशों के लिये जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2018 (Global Hunger Index) में भारत 103 नम्बर पर रहा। इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी पीछे है।

प्रयास

सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
sitapur-aur-hardoi-ke-36-gaon-milaakar-ho-raha-hai-'naimisharany-tirth-vikas-parishad'-gathan
Source
लोकसम्मान पत्रिका, दिसम्बर-2022
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
sanjoy-ghosh-media-awards-–-2022
Source
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे

​यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
USERC-dvara-tin-divasiy-jal-vigyan-prashikshan-prarambh
Source
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया

28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें

Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
28-july-ko-ayojit-hone-vale-jal-shiksha-vyakhyan-shrinkhala-par-bhag-lene-ke-liye-panjikaran-karayen
Source
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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