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उत्तराखण्ड के बजट में कृषि और पानी पर भी ध्यान दिया गयापाँच वर्षों के भीतर किसानों की आय दोगुनी करने के लिये सरकार ने आम बजट में कृषि और औद्यानिकी क्षेत्र पर फोकस किया है। प्रदेश के किसानों की तरक्की और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये बजट में नई योजनाओं की घोषणा की गई। उत्तराखंड को ऑर्गेनिक और हर्बल स्टेट बनाने के लिये 1500 करोड़ का प्रावधान किया गया। साथ ही कृषि के लिये 966.68 करोड़ एवं औद्यानिकी के लिये 311.23 करोड़ का अनुमानित बजट का प्रावधान सरकार ने किया है।
(प्रख्यात पानी कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह के वैश्विक जल अनुभवों पर आधारित एक शृंखला)
सीरिया, दुष्काल के चंगुल में
जल संकट20 से 25 अक्टूबर, 2015 को टर्की के अंकारा में संयुक्त राष्ट्र संघ का एक सम्मेलन था। यह सम्मेलन, रेगिस्तान भूमि के फैलते दायरे को नियंत्रित करने पर राय-मशविरे के लिये बुलाया गया था। चूँकि, अलवर, राजस्थान के ग्रामीणों के साथ मिलकर तरुण भारत संघ इस विषय में कुछ सफल कर पाया है; लिहाजा, मुझे वहाँ की नोट स्पीकर के तौर पर आमंत्रित किया गया था।
पानी के लिये कतार में खड़े केप टाउनवासीदक्षिण अफ्रीका की राजधानी केप टाउन बन्दरगाह, बाग-बगीचों व पर्वत शृंखलाओं के लिये मशहूर है।
यह एक खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट भी है, जो दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर खींचता है।
यहाँ पहले जनजातियाँ रहा करती थीं। इस क्षेत्र में यूरोपियनों की घुसपैठ 1652 में हुई। चूँकि यह जलमार्ग से भी जुड़ता था, इसलिये इसे व्यापारिक केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जाने लगा और धीरे-धीरे यह शहर दुनिया के सबसे सुन्दर शहरों में शुमार हो गया।
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बजट में खेतीबाड़ी पर फोकस किसानों में आयेगी खुशहाली
पाँच वर्षों के भीतर किसानों की आय दोगुनी करने के लिये सरकार ने आम बजट में कृषि और औद्यानिकी क्षेत्र पर फोकस किया है। प्रदेश के किसानों की तरक्की और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये बजट में नई योजनाओं की घोषणा की गई। उत्तराखंड को ऑर्गेनिक और हर्बल स्टेट बनाने के लिये 1500 करोड़ का प्रावधान किया गया। साथ ही कृषि के लिये 966.68 करोड़ एवं औद्यानिकी के लिये 311.23 करोड़ का अनुमानित बजट का प्रावधान सरकार ने किया है।
युद्ध और शान्ति के बीच जल - भाग दो
(प्रख्यात पानी कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह के वैश्विक जल अनुभवों पर आधारित एक शृंखला)
सीरिया, दुष्काल के चंगुल में
20 से 25 अक्टूबर, 2015 को टर्की के अंकारा में संयुक्त राष्ट्र संघ का एक सम्मेलन था। यह सम्मेलन, रेगिस्तान भूमि के फैलते दायरे को नियंत्रित करने पर राय-मशविरे के लिये बुलाया गया था। चूँकि, अलवर, राजस्थान के ग्रामीणों के साथ मिलकर तरुण भारत संघ इस विषय में कुछ सफल कर पाया है; लिहाजा, मुझे वहाँ की नोट स्पीकर के तौर पर आमंत्रित किया गया था।
केप टाउन का जलसंकट भारत के लिये भी सबक
दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केप टाउन बन्दरगाह, बाग-बगीचों व पर्वत शृंखलाओं के लिये मशहूर है।
यह एक खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट भी है, जो दुनिया भर के लोगों को अपनी ओर खींचता है।
यहाँ पहले जनजातियाँ रहा करती थीं। इस क्षेत्र में यूरोपियनों की घुसपैठ 1652 में हुई। चूँकि यह जलमार्ग से भी जुड़ता था, इसलिये इसे व्यापारिक केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जाने लगा और धीरे-धीरे यह शहर दुनिया के सबसे सुन्दर शहरों में शुमार हो गया।
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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नोटिस बोर्ड
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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