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इकोसैन शौचालयपूरे देश में 2 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किये गए स्वच्छ भारत अभियान ने 76 प्रतिशत ग्रामीण घरों और 97 प्रतिशत से अधिक शहरी घरों में शौचालय बनाने में मदद की है, जबकि पहले ग्रामीण क्षेत्रों में 38 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 91 प्रतिशत घरों में शौचालय थे। इन आँकड़ों से ही पता चल जाता है कि अभियान 2 अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो जाने का अपना उद्देश्य प्राप्त करने की दिशा में बढ़ रहा है।
जलवायु परिवर्तनजलवायु पर्यावरण को नियंत्रित करने वाला प्रमुख कारक है, क्योंकि जलवायु से प्राकृतिक वनस्पति, मिट्टी, जलराशि तथा जीव जन्तु प्रभावित होते हैं। जलवायु मानव की मानसिक तथा शारीरिक क्रियाओं पर प्रभाव डालती है। मानव पर प्रभाव डालने वाले तत्वों के जलवायु सर्वाधिक प्रभावशाली है क्योंकि यह पर्यावरण के अन्य कारकों को भी नियंत्रित करती है।
ग्लोबल वार्मिंगजीवाश्म ईंधन के दहन और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के कारण जलवायु परिवर्तन की गम्भीर समस्या उत्पन्न हुई है। यदि जलवायु परिवर्तन को समय रहते न रोका गया तो लाखों लोग भुखमरी, जल संकट और बाढ़ जैसी विपदाओं का शिकार होंगे। यह संकट पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा। यद्यपि जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर गरीब देशों पर पड़ेगा।
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मल प्रबन्धन - स्वच्छ भारत अभियान के लिये चुनौती (Sewage management - Challenge for Swachh Bharat Abhiyan)
पूरे देश में 2 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किये गए स्वच्छ भारत अभियान ने 76 प्रतिशत ग्रामीण घरों और 97 प्रतिशत से अधिक शहरी घरों में शौचालय बनाने में मदद की है, जबकि पहले ग्रामीण क्षेत्रों में 38 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 91 प्रतिशत घरों में शौचालय थे। इन आँकड़ों से ही पता चल जाता है कि अभियान 2 अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो जाने का अपना उद्देश्य प्राप्त करने की दिशा में बढ़ रहा है।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण
जलवायु पर्यावरण को नियंत्रित करने वाला प्रमुख कारक है, क्योंकि जलवायु से प्राकृतिक वनस्पति, मिट्टी, जलराशि तथा जीव जन्तु प्रभावित होते हैं। जलवायु मानव की मानसिक तथा शारीरिक क्रियाओं पर प्रभाव डालती है। मानव पर प्रभाव डालने वाले तत्वों के जलवायु सर्वाधिक प्रभावशाली है क्योंकि यह पर्यावरण के अन्य कारकों को भी नियंत्रित करती है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
जीवाश्म ईंधन के दहन और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन के कारण जलवायु परिवर्तन की गम्भीर समस्या उत्पन्न हुई है। यदि जलवायु परिवर्तन को समय रहते न रोका गया तो लाखों लोग भुखमरी, जल संकट और बाढ़ जैसी विपदाओं का शिकार होंगे। यह संकट पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा। यद्यपि जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर गरीब देशों पर पड़ेगा।
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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