तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

पानी का संकट मौसमी नहीं, स्थायी हो गया है। कुछ समय पहले तक सतपुड़ा अंचल में पानी की बहुत समस्या नहीं थी। कुएँ, तालाब, बावड़ियाँ, झरने जैसे परम्परागत स्रोत सदानीरा थे। लेकिन अब मैदानी क्षेत्र में पानी हर साल नीचे चला जा रहा है और यहाँ के परम्परागत स्रोत सूख गए हैं।
स्वामी सानंद उत्तर संवाद
21वें कथन के साथ ‘स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद शृंखला’ सम्पन्न हुई, तो अलग-अलग सवाल कई के मन में उठे; गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान के आदरणीय रमेश भाई, यमुना जिये अभियान के श्री मनोज मिश्र, नदियों के हालात से निराश डॉ. ओंकार मित्तल व कई अन्य समेत स्वयं मेरे मन में भी। यह स्पष्ट है कि स्वामी जी ने पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी के आश्वासन पर अपना पूर्व अनशन सम्पन्न किया था।
स्वामी श्री निश्चलानंद जी ने स्वामी सानंद को आश्वस्त किया था कि यदि भाजपा सत्ता में आई, तो वह गंगा के पक्ष में निर्णय करेगी। अनशन सम्पन्न करते हुए स्वामी सानंद ने कहा था कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद तीन महीने प्रतीक्षा करुँगा। यदि तीन महीने में प्रधानमंत्री ने अनुकूल घोषणा नहीं की, तो अपने निर्णय पर पुनः विचार करुँगा।
21वें कथन के साथ ‘स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद शृंखला’ सम्पन्न हुई, तो अलग-अलग सवाल कई के मन में उठे; गाँधी शान्ति प्रतिष्ठान के आदरणीय रमेश भाई, यमुना जिये अभियान के श्री मनोज मिश्र, नदियों के हालात से निराश डॉ. ओंकार मित्तल व कई अन्य समेत स्वयं मेरे मन में भी। यह स्पष्ट है कि स्वामी जी ने पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी के आश्वासन पर अपना पूर्व अनशन सम्पन्न किया था।
स्वामी श्री निश्चलानंद जी ने स्वामी सानंद को आश्वस्त किया था कि यदि भाजपा सत्ता में आई, तो वह गंगा के पक्ष में निर्णय करेगी। अनशन सम्पन्न करते हुए स्वामी सानंद ने कहा था कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद तीन महीने प्रतीक्षा करुँगा। यदि तीन महीने में प्रधानमंत्री ने अनुकूल घोषणा नहीं की, तो अपने निर्णय पर पुनः विचार करुँगा।
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