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हवा लोगों को जीवन देती है लेकिन अगर यही जीवन लेने लगे तो? सवाल अजीब जरूर है लेकिन इसे झुठलाया नहीं जा सकता है।
हाल ही में एक संस्थान द्वारा किये गये एक शोध में पता चला है कि दिल्ली की आबोहवा जहरीली हो गयी है और लोगों की जिंदगी के दिन कम कर रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ ट्रौपिकल मेटीरियोलॉजी Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM) द्वारा किये गये शोध में पता चला है कि वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली के लोगों के जीवनकाल से 6.4 वर्ष कम हो रहे हैं। इसका मतलब यह है कि जिन लोगों की जिंदगी 80 वर्षों की है वे 76 वर्ष ही जी पायेंगे।
जैसे-जैसे आर्ट ऑफ लिविंग के ‘वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल’ के आयोजन का समय पास आ रहा है वैसे-वैसे नदियों की चिन्ता करने वाले लोगों की चिन्ता और बढ़ती जा रही है। हमने इण्डिया वाटर पोर्टल की ओर से जब यमुना किनारे के कुछ स्थानीय साथियों से बातचीत की तो पाया कि लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से बड़ी आस लगाए बैठे हैं। आखिर यह लड़ाई नदियों के हक की लड़ाई है।
पूरी दुनिया में नदियों की पुनर्बहाली के लिये प्रयत्नशील रॉबर्ट कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में चलने वाले नेटवर्क ‘वाटरकीपर एलायंस’ की भारतीय प्रतिनिधि और यमुनावाटरकीपर का कहना है, “एनजीटी का जो भी फैसला होगा वो केवल यमुना के लिये नहीं बल्कि सभी नदियों के लिये होगा। अगर किसी एक को नदी के साथ छेड़छाड़ करने की इजाजत मिलती है तो देश की किसी भी नदी के साथ कोई भी कुछ भी करने के लिये आजाद हो जाएगा। नदी माँ है माँ के साथ छेड़छाड़ करने वाले को अपराधी की तरह कड़ी-से-कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि वो सबके लिये एक नजीर बने”
स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - आठवाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है :
स्वरूपानंद जी की प्रेरणा से इस बीच हमने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा कि कुम्भ से पहले कुछ कार्य हो जाना चाहिए।
प्रवाह की माँग, खेती का ख्याल
जनवरी-फरवरी में प्रयाग में गंगा प्रवाह 530 घन मीटर प्रति सेकेण्ड होता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि माघ मेले में प्राकृतिक प्रवाह का आधा हो; यह 265 घन मीटर प्रति सेकेण्ड हुआ। हमने नवम्बर तक 250 घन मीटर प्रति सेकेण्ड के प्रवाह की माँग की। हमने कहा कि यह निरन्तर हो। निगरानी के लिये मॉनिटरिंग कमेटी हो; ताकि नापा जा सके। कमेटी में हमारा प्रतिनिधि भी हो।
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जिंदगी लेती जहरीली हवा
हवा लोगों को जीवन देती है लेकिन अगर यही जीवन लेने लगे तो? सवाल अजीब जरूर है लेकिन इसे झुठलाया नहीं जा सकता है।
हाल ही में एक संस्थान द्वारा किये गये एक शोध में पता चला है कि दिल्ली की आबोहवा जहरीली हो गयी है और लोगों की जिंदगी के दिन कम कर रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ ट्रौपिकल मेटीरियोलॉजी Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM) द्वारा किये गये शोध में पता चला है कि वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली के लोगों के जीवनकाल से 6.4 वर्ष कम हो रहे हैं। इसका मतलब यह है कि जिन लोगों की जिंदगी 80 वर्षों की है वे 76 वर्ष ही जी पायेंगे।
हम हैं इनाम के हकदारः श्री श्री रविशंकर
जैसे-जैसे आर्ट ऑफ लिविंग के ‘वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल’ के आयोजन का समय पास आ रहा है वैसे-वैसे नदियों की चिन्ता करने वाले लोगों की चिन्ता और बढ़ती जा रही है। हमने इण्डिया वाटर पोर्टल की ओर से जब यमुना किनारे के कुछ स्थानीय साथियों से बातचीत की तो पाया कि लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से बड़ी आस लगाए बैठे हैं। आखिर यह लड़ाई नदियों के हक की लड़ाई है।
पूरी दुनिया में नदियों की पुनर्बहाली के लिये प्रयत्नशील रॉबर्ट कैनेडी जूनियर के नेतृत्व में चलने वाले नेटवर्क ‘वाटरकीपर एलायंस’ की भारतीय प्रतिनिधि और यमुनावाटरकीपर का कहना है, “एनजीटी का जो भी फैसला होगा वो केवल यमुना के लिये नहीं बल्कि सभी नदियों के लिये होगा। अगर किसी एक को नदी के साथ छेड़छाड़ करने की इजाजत मिलती है तो देश की किसी भी नदी के साथ कोई भी कुछ भी करने के लिये आजाद हो जाएगा। नदी माँ है माँ के साथ छेड़छाड़ करने वाले को अपराधी की तरह कड़ी-से-कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि वो सबके लिये एक नजीर बने”
गंगा तप की राह चला सन्यासी सानंद
स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - आठवाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है :
स्वरूपानंद जी की प्रेरणा से इस बीच हमने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा कि कुम्भ से पहले कुछ कार्य हो जाना चाहिए।
प्रवाह की माँग, खेती का ख्याल
जनवरी-फरवरी में प्रयाग में गंगा प्रवाह 530 घन मीटर प्रति सेकेण्ड होता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि माघ मेले में प्राकृतिक प्रवाह का आधा हो; यह 265 घन मीटर प्रति सेकेण्ड हुआ। हमने नवम्बर तक 250 घन मीटर प्रति सेकेण्ड के प्रवाह की माँग की। हमने कहा कि यह निरन्तर हो। निगरानी के लिये मॉनिटरिंग कमेटी हो; ताकि नापा जा सके। कमेटी में हमारा प्रतिनिधि भी हो।
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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