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प्रस्तुत प्रेजेन्टेशन सीबीएसई- कक्षा दस एनसीईआरटी की भूगोल की पाठ्यपुस्तक- समकालीन भारत II पर आधारित है।
प्रेजेन्टेशन की विभिन्न स्लाइड़ो का विवरण जानने के लिये अटैचमेंट देखे।
धरती के गर्म होते मिजाज, इसकी वजह से हो रहे जलवायु परिवर्तन और अंतत: मानव के साथ-साथ तमाम जंतुओं और वनस्पतियों, वृक्ष प्रजातियों, फसलों इत्यादि पर हो रहे असर को कम करने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें इन तमाम विषयों के प्रति संवेदनशीलता की परम आवश्यकता है। आज पूरे विश्व की निगाह आगामी दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र के कोपेनहेगेन सम्मेलन पर टिकी है। इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से जुड़े उन तमाम विषयों पर चर्चा होनी है जिनका संबध संपूर्ण मानवता, जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन से है। आज के हालात में जलवायु परिवर्तन गंभीर और संवेदनशील मामला बन गया है इसलिए जलवायु में आ रहे बदलाव को रोकने के लिए तरह-तरह के उपाय जारी हैं।
हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि विश्व की लगभग 21 प्रतिशत आबादी महासागरों से लगे 30 किलोमीटर तटीय क्षेत्र में निवास करती है इसलिए अन्य जीवों के साथ-साथ मानव समाज के लिए भी प्रदूषण मुक्त महासागर कल्याणकारी साबित होंगे। इसके अलावा पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने वाले पारितंत्रों में समुद्र की उपयोगिता को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम समुद्री पारितंत्र के संतुलन को बनाए रखें।
महासागर पृथ्वी पर जीवन का प्रतीक है। पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों से माना जाता है। महासागरीय जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। आज महासागर असीम जैवविविधता का भंडार है। हमारी पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है। महासागरों में पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग 97 प्रतिशत जल समाया है। महासागरों की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यदि पृथ्वी के सभी महासागरों को एक विशाल महासागर मान लिया जाए तो उसकी तुलना में पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक छोटे द्वीप से प्रतीत होंगे। मुख्यतया पृथ्वी पर पाँच महासागर हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव महासागर और दक्षिणी ध्रुव महासागर। महासागरों का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्व मानव के लिए इन्हें अतिमहत्वपूर्ण बनाता है। इसलिए महासागरों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 08 जून को विश्व महासागर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम युवा बदलाव की अगली लहर।Pagination
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वैश्विक जल संसाधन
जलवायु परिवर्तन और वंचित समाज
धरती के गर्म होते मिजाज, इसकी वजह से हो रहे जलवायु परिवर्तन और अंतत: मानव के साथ-साथ तमाम जंतुओं और वनस्पतियों, वृक्ष प्रजातियों, फसलों इत्यादि पर हो रहे असर को कम करने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें इन तमाम विषयों के प्रति संवेदनशीलता की परम आवश्यकता है। आज पूरे विश्व की निगाह आगामी दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र के कोपेनहेगेन सम्मेलन पर टिकी है। इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से जुड़े उन तमाम विषयों पर चर्चा होनी है जिनका संबध संपूर्ण मानवता, जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन से है। आज के हालात में जलवायु परिवर्तन गंभीर और संवेदनशील मामला बन गया है इसलिए जलवायु में आ रहे बदलाव को रोकने के लिए तरह-तरह के उपाय जारी हैं।
अनोखे पारिस्थितिकी तंत्र महासागर
हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि विश्व की लगभग 21 प्रतिशत आबादी महासागरों से लगे 30 किलोमीटर तटीय क्षेत्र में निवास करती है इसलिए अन्य जीवों के साथ-साथ मानव समाज के लिए भी प्रदूषण मुक्त महासागर कल्याणकारी साबित होंगे। इसके अलावा पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने वाले पारितंत्रों में समुद्र की उपयोगिता को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम समुद्री पारितंत्र के संतुलन को बनाए रखें।
महासागर पृथ्वी पर जीवन का प्रतीक है। पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों से माना जाता है। महासागरीय जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। आज महासागर असीम जैवविविधता का भंडार है। हमारी पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है। महासागरों में पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग 97 प्रतिशत जल समाया है। महासागरों की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यदि पृथ्वी के सभी महासागरों को एक विशाल महासागर मान लिया जाए तो उसकी तुलना में पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक छोटे द्वीप से प्रतीत होंगे। मुख्यतया पृथ्वी पर पाँच महासागर हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं- प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर, अटलांटिक महासागर, उत्तरी ध्रुव महासागर और दक्षिणी ध्रुव महासागर। महासागरों का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्व मानव के लिए इन्हें अतिमहत्वपूर्ण बनाता है। इसलिए महासागरों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 08 जून को विश्व महासागर दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम युवा बदलाव की अगली लहर।Pagination
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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