तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

रोहिणी नीलेकणी वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है “जल प्रदूषण”, जो करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले रही है, आज की सबसे बड़ी जरूरत है कि हम पानी के अपने स्थानीय स्रोतों को पुनर्जीवित करें और उन्हें संरक्षित करें ताकि एक तरफ़ तो सूखे से बचाव हो सके, वहीं दूसरी तरफ़ साफ़ पानी की उपलब्धता हो सके। साफ पानी को हमें अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक मानकर भारत में पर्यावरण स्वच्छता के तरीके भी हासिल किये जा सकें। - रोहिणी निलेकणी
रोहिणी निलेकणी, “अर्घ्यम” की अध्यक्षा और संस्थापक हैं, “अर्घ्यम” की स्थापना उन्होंने सन् 2005 में की थी।
रोहिणी नीलेकणी वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या है “जल प्रदूषण”, जो करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले रही है, आज की सबसे बड़ी जरूरत है कि हम पानी के अपने स्थानीय स्रोतों को पुनर्जीवित करें और उन्हें संरक्षित करें ताकि एक तरफ़ तो सूखे से बचाव हो सके, वहीं दूसरी तरफ़ साफ़ पानी की उपलब्धता हो सके। साफ पानी को हमें अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक मानकर भारत में पर्यावरण स्वच्छता के तरीके भी हासिल किये जा सकें। - रोहिणी निलेकणी
रोहिणी निलेकणी, “अर्घ्यम” की अध्यक्षा और संस्थापक हैं, “अर्घ्यम” की स्थापना उन्होंने सन् 2005 में की थी।
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