नया ताजा

पसंदीदा आलेख

आगामी कार्यक्रम

खासम-खास

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

Submitted by Editorial Team on Mon, 05/23/2022 - 10:03
Source:
14 May 2022, हस्तक्षेप, सहारा समय
ग्रीन जॉब्स, Source: Wikipedia
इस बार हीटवेव या यूं कहें कि अत्यधिक गर्मी की लहर काफी चर्चा में है। हालांकि भारत में ग्रीष्मकाल गर्म ही होता है‚ और मई में अधिकतम तापमान का 35 डि़ग्री सेल्सियस से अधिक होना असामान्य नहीं है‚ लेकिन पिछले कुछ सालों से बहुत गर्म दिनों की लगातार बिगड़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है। रिपोर्ट बताती हैं कि भारत के लिए सबसे गर्म दिन 1950 के दशक में प्रति वर्ष 40 दिनों से बढ़कर 2020 में 100 दिन हो गए हैं। इस तेज वृद्धि और 35 डिग्री से अधिक के ताप सूचकांक का स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है जो भारत के कई हिस्सों में आम लोग पहले से ही अनुभव कर रहे हैं। लेकिन अधिक चिंता की बात यह है कि कई जलवायु मॉडल ने अनुमान लगाया है कि 2050 तक कार्बन उत्सर्जन के दोगुना होने के साथ यह परिदृश्य और भी खराब हो जाएगा। ऐसी स्थिति में‚ सदी के अंत तक तापमान में औसतन 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी‚ जिसका अर्थ है अभूतपूर्व और लंबे समय तक चलने वाली गर्मी‚ अत्यधिक मौसम‚ अस्पताल में भर्ती होने से लेकर मृत्यु तक का खतरा।
Submitted by Editorial Team on Mon, 05/23/2022 - 09:47
Source:
14 May 2022, हस्तक्षेप, सहारा समय
ग्रीन इनर्जी Source: Wikipedia
उत्तरी यूरोप के नॉर्डिक देश (स्वीडन‚ डेनमार्क‚ नॉर्वे‚ फिनलैंड और आइसलैंड) दुनिया की सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हैं। इन देशों की साझा इकोनॉमी 1.6 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुकी है‚ जबकि आबादी सिर्फ 2 करोड़ 70 लाख है। ये देश प्रति व्यक्ति आय के मोर्चे पर ही नहीं‚ खुशहाली के इंडेक्स पर भी शीर्ष पर हैं। समावेशी विकास (सस्टेनेबल डवलपमेंट) की इस इबारत के पीछे यहां की ऊर्जा आत्मनिर्भरता अहम कारक है। जनसांख्यिकी और भौगोलिक रूप से नॉर्डिक देशों की भारत से तुलना भले ही उचित न हो लेकिन ऊर्जा आत्मनिर्भरता के स्वप्न को साकार करने में हमें इन छोटे देशों के साथ दीर्घकालिक भागीदारी करनी होगी।
Submitted by Shivendra on Sat, 05/21/2022 - 12:56
Source:
IIT-कानपुर के शोधकर्ताओं ने पानी साफ करने वाला सबसे सस्ता उपकरण बनाया
यह डिवाइस ₹2 प्रति लीटर की कम लागत पर दूषित मुक्त आर्गेनिक पानी का उत्पादन कर सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस उपकरण का उपयोग

प्रयास

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
Source:
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे
Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
Source:
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया
Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
Source:
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

Latest

खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
talab-gyan-sanskriti-:-ninv-se-shikhar-tak
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

ग्रीन ऊर्जा में हैं लाखों जॉब्स और सुनहरे मौके

Submitted by Editorial Team on Mon, 05/23/2022 - 10:03
green-urja-mein-hain-lakhon-jobs-aur-sunhre-mauke
Source
14 May 2022, हस्तक्षेप, सहारा समय
ग्रीन जॉब्स, Source: Wikipedia
इस बार हीटवेव या यूं कहें कि अत्यधिक गर्मी की लहर काफी चर्चा में है। हालांकि भारत में ग्रीष्मकाल गर्म ही होता है‚ और मई में अधिकतम तापमान का 35 डि़ग्री सेल्सियस से अधिक होना असामान्य नहीं है‚ लेकिन पिछले कुछ सालों से बहुत गर्म दिनों की लगातार बिगड़ती प्रवृत्ति चिंताजनक है। रिपोर्ट बताती हैं कि भारत के लिए सबसे गर्म दिन 1950 के दशक में प्रति वर्ष 40 दिनों से बढ़कर 2020 में 100 दिन हो गए हैं। इस तेज वृद्धि और 35 डिग्री से अधिक के ताप सूचकांक का स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है जो भारत के कई हिस्सों में आम लोग पहले से ही अनुभव कर रहे हैं। लेकिन अधिक चिंता की बात यह है कि कई जलवायु मॉडल ने अनुमान लगाया है कि 2050 तक कार्बन उत्सर्जन के दोगुना होने के साथ यह परिदृश्य और भी खराब हो जाएगा। ऐसी स्थिति में‚ सदी के अंत तक तापमान में औसतन 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी‚ जिसका अर्थ है अभूतपूर्व और लंबे समय तक चलने वाली गर्मी‚ अत्यधिक मौसम‚ अस्पताल में भर्ती होने से लेकर मृत्यु तक का खतरा।

ग्रीन एनर्जी के लिए नॉर्डिक देशों का साथ जरूरी

Submitted by Editorial Team on Mon, 05/23/2022 - 09:47
green-energy-ke-liye-nordic-deshon-ka-sath-jaruri
Source
14 May 2022, हस्तक्षेप, सहारा समय
ग्रीन इनर्जी Source: Wikipedia
उत्तरी यूरोप के नॉर्डिक देश (स्वीडन‚ डेनमार्क‚ नॉर्वे‚ फिनलैंड और आइसलैंड) दुनिया की सबसे विकसित अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हैं। इन देशों की साझा इकोनॉमी 1.6 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुकी है‚ जबकि आबादी सिर्फ 2 करोड़ 70 लाख है। ये देश प्रति व्यक्ति आय के मोर्चे पर ही नहीं‚ खुशहाली के इंडेक्स पर भी शीर्ष पर हैं। समावेशी विकास (सस्टेनेबल डवलपमेंट) की इस इबारत के पीछे यहां की ऊर्जा आत्मनिर्भरता अहम कारक है। जनसांख्यिकी और भौगोलिक रूप से नॉर्डिक देशों की भारत से तुलना भले ही उचित न हो लेकिन ऊर्जा आत्मनिर्भरता के स्वप्न को साकार करने में हमें इन छोटे देशों के साथ दीर्घकालिक भागीदारी करनी होगी।

IIT-कानपुर के शोधकर्ताओं ने पानी साफ करने वाला सबसे सस्ता उपकरण बनाया

Submitted by Shivendra on Sat, 05/21/2022 - 12:56
IIT-kanpur-ke-shodhakartaon-ne-pani-saaf-karne-wala-sabse-sasta-upkaran-banaya
IIT-कानपुर के शोधकर्ताओं ने पानी साफ करने वाला सबसे सस्ता उपकरण बनाया
यह डिवाइस ₹2 प्रति लीटर की कम लागत पर दूषित मुक्त आर्गेनिक पानी का उत्पादन कर सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस उपकरण का उपयोग

प्रयास

सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
sitapur-aur-hardoi-ke-36-gaon-milaakar-ho-raha-hai-'naimisharany-tirth-vikas-parishad'-gathan
Source
लोकसम्मान पत्रिका, दिसम्बर-2022
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
sanjoy-ghosh-media-awards-–-2022
Source
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे

​यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
USERC-dvara-tin-divasiy-jal-vigyan-prashikshan-prarambh
Source
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया

28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें

Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
28-july-ko-ayojit-hone-vale-jal-shiksha-vyakhyan-shrinkhala-par-bhag-lene-ke-liye-panjikaran-karayen
Source
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

Upcoming Event

Popular Articles