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(प्रख्यात पानी कार्यकर्ता श्री राजेन्द्र सिंह के वैश्विक जल अनुभवों पर आधारित एक शृंखला)
आत्मघाती टर्की, दबंग इज़रायल और बेपानी फिलिस्तीन
जल संकटआज टर्की-सीरिया-इराक विवाद ने शिया-सुन्नी और आतंकवादी त्रासदी का रूप भले ही ले लिया हो, शुरुआती विवाद तो जल बंटवारा ही रहा है। टर्की कहता है कि अधिक योगदान करने वाले को अधिक पानी लेने का हक है। सीरिया और इराक कह रहे हैं कि उनकी ज़रूरत ज्यादा है। अतः उन्हे उनकी ज़रूरत के हिसाब से पानी मिलना चाहिए। टर्की का दावा है कि इफरीटिस नदी में आने वाले कुल पानी में 88.7 प्रतिशत योगदान तो अकेले उसका ही है। वह तो कुल 43 प्रतिशत पानी ही मांग रहा है।
जलालपुर में सूखी सई नदीनदी की पहली स्मृतियों में ट्रेन की खिड़की से झाँकता धुँधलका कौंधता हैं। बचपन में पुल से गुजरती ट्रेन की धड़-धड़ सुनते ही हम उचककर खिड़की से झाँकते। लगता था ऊपर से लोहे के भारी-भरकम पिलर्स गिर रहे हैं। उनके गिरने की लयबद्ध आवाज आ रही है। हमारी ट्रेन भी उतनी ही तेजी से भाग रही होती थी।
खड़ीनभारत एक कृषि प्रधान एवं ग्रामीण सम्पन्न देश है। भारत की खेती और उद्योग मानसून पर आधारित रहे हैं। अगर देश में मानसून समय से आता है तो खेती अच्छी होती है। पानी की चमक समाज के हर वर्ग में देखने को मिलती है। भारत की खेती और किसान का जीवन पानी के बिना वीरान और सूना है।
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युद्ध और शान्ति के बीच जल - भाग तीन
(प्रख्यात पानी कार्यकर्ता श्री राजेन्द्र सिंह के वैश्विक जल अनुभवों पर आधारित एक शृंखला)
आत्मघाती टर्की, दबंग इज़रायल और बेपानी फिलिस्तीन
आज टर्की-सीरिया-इराक विवाद ने शिया-सुन्नी और आतंकवादी त्रासदी का रूप भले ही ले लिया हो, शुरुआती विवाद तो जल बंटवारा ही रहा है। टर्की कहता है कि अधिक योगदान करने वाले को अधिक पानी लेने का हक है। सीरिया और इराक कह रहे हैं कि उनकी ज़रूरत ज्यादा है। अतः उन्हे उनकी ज़रूरत के हिसाब से पानी मिलना चाहिए। टर्की का दावा है कि इफरीटिस नदी में आने वाले कुल पानी में 88.7 प्रतिशत योगदान तो अकेले उसका ही है। वह तो कुल 43 प्रतिशत पानी ही मांग रहा है।
एक खो गई नदी की तलाश
परम्परागत जल संरक्षण पद्धतियाँ
कृषि और उद्योग
भारत एक कृषि प्रधान एवं ग्रामीण सम्पन्न देश है। भारत की खेती और उद्योग मानसून पर आधारित रहे हैं। अगर देश में मानसून समय से आता है तो खेती अच्छी होती है। पानी की चमक समाज के हर वर्ग में देखने को मिलती है। भारत की खेती और किसान का जीवन पानी के बिना वीरान और सूना है।
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सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन
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'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ
28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें
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