नया ताजा

पसंदीदा आलेख

आगामी कार्यक्रम

खासम-खास

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

Submitted by Editorial Team on Tue, 04/11/2017 - 10:09
Source:
बागमती


बकुची-अख्तियारपुर में बागमती और लखनदेई का संगम स्थलसत्तर के दशक में जब बागमती नदी पर तटबन्ध बनाया जा रहा था, तब ग्रामीणों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। उस वक्त कुछ दूर तक तटबन्ध बने, लेकिन लोगों के विरोध के मद्देनजर काम बन्द कर दिया गया था। इस घटना के लगभग चार दशक गुजर जाने के बाद दोबारा बिहार सरकार बाकी हिस्से पर तटबन्ध बनाना चाहती है और इस बार भी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि तटबन्ध बनने से उन्हें फायदे की जगह नुकसान होगा लेकिन सरकार का तर्क है कि वह तटबन्ध बनाकर बाढ़ को बाँध देगी। तटबन्ध की खिलाफत करने वाले लोगों के साथ सरकार की बातचीत हुई, तो तटबन्ध से होने वाले नफा-नुकसान का आकलन करने के लिये विशेषज्ञों की कमेटी बनाने पर सहमति बनी, लेकिन तटबन्ध के खिलाफ आन्दोलन करने वाले लोगों का आरोप है कि किसी भी तरह सरकार तटबन्ध बनाने पर आमादा है और वह आम लोगों के हित नहीं देख रही है।

Submitted by Editorial Team on Mon, 04/10/2017 - 16:18
Source:
दूषित पानी से पनप रही हैं बीमारियाँ


दूषित पानी से पनप रही हैं बीमारियाँआज समूची दुनिया प्रदूषित पानी की समस्या से जूझ रही है। हालात इतने विषम और भयावह हैं कि प्रदूषित पानी पीने से आज इंसान भयानक बीमारियों की चपेट में आकर अनचाहे मौत का शिकार हो रहा है। असलियत यह है कि पूरी दुनिया में जितनी मौतें सड़क दुर्घटना, एचआईवी या किसी और बीमारी से नहीं होतीं, उससे कई गुणा अधिक मौतें प्रदूषित पानी पीने से उपजी बीमारियों के कारण होती हैं।

यदि संयुक्त राष्ट्र की मानें तो समूची दुनिया में हर साल आठ लाख लोगों की मौत केवल प्रदूषित पानी पीने से होती है। संयुक्त राष्ट्र की बीते दिनों जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशिया, लैटिन अमरीका और अफ्रीका में हर साल तकरीब 35 लाख लोगों की मौतें दूषित पानी के सम्पर्क में आने से होने वाली बीमारियों के चलते होती हैं। गरीब देशों में यह समस्या और गम्भीर है।

Submitted by Editorial Team on Mon, 04/10/2017 - 13:49
Source:
तीस्ता नदी


तीस्ता नदीभारत एवं बांग्लादेश के बीच 22 समझौतों के जरिए सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। दोनों देशों के बीच रक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग, रेल एवं बस यात्रा शुरू करने समेत साइबर सुरक्षा से जुड़े अहम समझौते हुए हैं। भारत बांग्लादेश को 29 हजार करोड़ रुपए रियायती ब्याज दर पर कर्ज भी देगा। इसके अलावा बांग्लादेश को सैन्य आपूर्ति के लिये 50 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त कर्ज देने की भी घोषणा की है।

भारत द्वारा इतनी उदारता बरती जाने के बावजूद पिछले सात वर्ष से अनसुलझा पड़ा तीस्ता जल बँटवारे का मुद्दा लम्बित ही रह गया। हालांकि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भरोसा जताया है कि इस मुद्दे का हल जल्दी ही निकलेगा। तात्कालिक परिस्थितियों में भारत की इस उदारता को इसलिये औचित्यपूर्ण ठहराया जा सकता है, क्योंकि पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत में जहाँ निरन्तर आतंक का निर्यात करने में लगा है, वहीं चीन तिब्बती धर्म-गुरू दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा पर भारत से आँखें तरेरे हुए है।

प्रयास

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
Source:
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे
Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
Source:
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया
Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
Source:
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

Latest

खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
talab-gyan-sanskriti-:-ninv-se-shikhar-tak
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

बागमती को बाँधने में किसी का हित नहीं

Submitted by Editorial Team on Tue, 04/11/2017 - 10:09
Author
उमेश कुमार राय
बागमती


बकुची-अख्तियारपुर में बागमती और लखनदेई का संगम स्थलबकुची-अख्तियारपुर में बागमती और लखनदेई का संगम स्थलसत्तर के दशक में जब बागमती नदी पर तटबन्ध बनाया जा रहा था, तब ग्रामीणों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। उस वक्त कुछ दूर तक तटबन्ध बने, लेकिन लोगों के विरोध के मद्देनजर काम बन्द कर दिया गया था। इस घटना के लगभग चार दशक गुजर जाने के बाद दोबारा बिहार सरकार बाकी हिस्से पर तटबन्ध बनाना चाहती है और इस बार भी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि तटबन्ध बनने से उन्हें फायदे की जगह नुकसान होगा लेकिन सरकार का तर्क है कि वह तटबन्ध बनाकर बाढ़ को बाँध देगी। तटबन्ध की खिलाफत करने वाले लोगों के साथ सरकार की बातचीत हुई, तो तटबन्ध से होने वाले नफा-नुकसान का आकलन करने के लिये विशेषज्ञों की कमेटी बनाने पर सहमति बनी, लेकिन तटबन्ध के खिलाफ आन्दोलन करने वाले लोगों का आरोप है कि किसी भी तरह सरकार तटबन्ध बनाने पर आमादा है और वह आम लोगों के हित नहीं देख रही है।

प्रदूषित पानी आज भी एक भीषण समस्या

Submitted by Editorial Team on Mon, 04/10/2017 - 16:18
Author
ज्ञानेन्द्र रावत
दूषित पानी से पनप रही हैं बीमारियाँ


दूषित पानी से पनप रही हैं बीमारियाँदूषित पानी से पनप रही हैं बीमारियाँआज समूची दुनिया प्रदूषित पानी की समस्या से जूझ रही है। हालात इतने विषम और भयावह हैं कि प्रदूषित पानी पीने से आज इंसान भयानक बीमारियों की चपेट में आकर अनचाहे मौत का शिकार हो रहा है। असलियत यह है कि पूरी दुनिया में जितनी मौतें सड़क दुर्घटना, एचआईवी या किसी और बीमारी से नहीं होतीं, उससे कई गुणा अधिक मौतें प्रदूषित पानी पीने से उपजी बीमारियों के कारण होती हैं।

यदि संयुक्त राष्ट्र की मानें तो समूची दुनिया में हर साल आठ लाख लोगों की मौत केवल प्रदूषित पानी पीने से होती है। संयुक्त राष्ट्र की बीते दिनों जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशिया, लैटिन अमरीका और अफ्रीका में हर साल तकरीब 35 लाख लोगों की मौतें दूषित पानी के सम्पर्क में आने से होने वाली बीमारियों के चलते होती हैं। गरीब देशों में यह समस्या और गम्भीर है।

तीस्ता के जल बँटवारे का नहीं हुआ समाधान

Submitted by Editorial Team on Mon, 04/10/2017 - 13:49
Author
प्रमोद भार्गव
तीस्ता नदी


तीस्ता नदीतीस्ता नदीभारत एवं बांग्लादेश के बीच 22 समझौतों के जरिए सहयोग का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। दोनों देशों के बीच रक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग, रेल एवं बस यात्रा शुरू करने समेत साइबर सुरक्षा से जुड़े अहम समझौते हुए हैं। भारत बांग्लादेश को 29 हजार करोड़ रुपए रियायती ब्याज दर पर कर्ज भी देगा। इसके अलावा बांग्लादेश को सैन्य आपूर्ति के लिये 50 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त कर्ज देने की भी घोषणा की है।

भारत द्वारा इतनी उदारता बरती जाने के बावजूद पिछले सात वर्ष से अनसुलझा पड़ा तीस्ता जल बँटवारे का मुद्दा लम्बित ही रह गया। हालांकि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भरोसा जताया है कि इस मुद्दे का हल जल्दी ही निकलेगा। तात्कालिक परिस्थितियों में भारत की इस उदारता को इसलिये औचित्यपूर्ण ठहराया जा सकता है, क्योंकि पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत में जहाँ निरन्तर आतंक का निर्यात करने में लगा है, वहीं चीन तिब्बती धर्म-गुरू दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा पर भारत से आँखें तरेरे हुए है।

प्रयास

सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
sitapur-aur-hardoi-ke-36-gaon-milaakar-ho-raha-hai-'naimisharany-tirth-vikas-parishad'-gathan
Source
लोकसम्मान पत्रिका, दिसम्बर-2022
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
sanjoy-ghosh-media-awards-–-2022
Source
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे

​यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
USERC-dvara-tin-divasiy-jal-vigyan-prashikshan-prarambh
Source
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया

28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें

Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
28-july-ko-ayojit-hone-vale-jal-shiksha-vyakhyan-shrinkhala-par-bhag-lene-ke-liye-panjikaran-karayen
Source
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

Upcoming Event

Popular Articles