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भू-जल का कृत्रिम पुनर्भरण
क्षेत्र की भौगोलिक संरचना किस प्रकार है, यह जानना अतिमहत्वपूर्ण है। क्षेत्र समतल है या ढालूदार। ढालूदार क्षेत्र में ढाल…
ऐसे किया जा सकता है जल संग्रहण
कृत्रिम भरण की विधियाँ कोई नई बात नहीं है। आदिकाल से जिन क्षेत्रों में वर्षा बहुत कम होती थी, वहां इसका उपयोग लोग करते…
इंदौर का पानी
हमें याद रखना होगा देश में इंदौर में प्रसारित जल सबसे महंगा है। इंदौर वासियों को घरों तक पानी पहुंचाने से सरकार को…
मालवा को आगाह . .
मानसूनी बादल के आगमन पर यही नमी दबाव की वृद्धि में अधिक होती है। फलस्वरूप रिमझिम के तराने लेकर आ जाती है बरसात, लेकिन…
पानी : समुदाय, संवेदना और समय
पानी के मामले में आम जन पर मेरा भरोसा खुरई अनुविभाग में एसडीओ (राजस्व) के रूप में कार्य करते हुए कायम हुआ। एक छोटा सा…
डेढ़ हजार में नदी जिन्दा
हमारी यात्रा का पहला पड़ाव खरगोन जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर भीकनगांव है। यहां से हम झिरन्या रोड पर 8-10 किमी. दूर…
शिप्रा तट सभ्यताओं की जननी रहा है
शिप्रा तट पर राजा प्रद्योत के समय उज्जैन वर्तमान गढ़कालिका क्षेत्र में बसी हुई थी। वहां शिप्रा का तटबन्ध बनाया गया था।…
शिप्रा की पन्द्रह बहनें
दो सौ किलोमीटर बहकर शिप्रा आलोटी तहसील में चम्बल में मिल जाती है। यह स्थान सिपावरा कहलाता है। वहाँ पर घाट, मन्दिर हैं…
मालवा की गंगा-शिप्रा
वहां से भी होकर वह शिप्रा इन्दौर-नेमावर पथ पर अरण्या ग्राम से प्रकट होकर आज भी बह रही है। यह बताया जाता है कि शिप्रा…