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खासम-खास

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

Submitted by Hindi on Tue, 06/13/2017 - 11:48
Source:
Sonanchal Vikas Manch


मध्य प्रदेश राज्य के पूर्व में छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटे अनूपपुर, उमरिया और शहडोल जिलों को मिलाकर शहडोल संभाग बना है। इस संभाग की कुल आबादी लगभग 24.60 लाख है। संभाग प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। अच्छी खासी बरसात होती है। इस क्षेत्र में कोयले की बहुत सी खदानें हैं। उन खदानों के कारण पूरे देश में इस इलाके की पहचान मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्र के रूप में है। कोयले के अलावा इस इलाके में घने जंगल हैं। इस इलाके की मुख्य नदी सोन है। संभाग की पहचान अपेक्षाकृत पिछड़े इलाके के रूप में है। इस संभाग में अनेक जनजातियाँ निवास करती हैं।

Submitted by Hindi on Sun, 06/11/2017 - 10:56
Source:
Dinesh Mishra


5 सितम्बर 1984 को सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड में हेमपुर गाँव के पास कोसी नदी का तटबंध टूटा था और कोसी ने 196 गाँवों को अपनी आगोश में ले लिया था। करीब 5 लाख लोग तटबंध के बचे हुए हिस्से पर शरण लिये हुए थे। दूर तक पानी और सिर्फ पानी ही दिख रहा था। पूरे क्षेत्र में त्राहिमाम मचा हुआ था।

उसी वक्त एक 38 वर्षीय इंजीनियर के पास संदेश आता है कि सहरसा में कुछ समस्याएँ हैं और उसे वहाँ जाकर काम करना है। संदेश देनेवाले शख्स थे एक दूसरे इंजीनियर विकास भाई जो वाराणसी में रहा करते थे और 1966 में सर्वोदय कार्यकर्ता हो गये थे।

Submitted by Hindi on Sat, 06/10/2017 - 16:37
Source:
राष्ट्रीय सहारा, हस्तक्षेप, नई दिल्ली, 10 जून, 2017


ट्रंप का ‘अमरीका फर्स्ट’ और ‘अमरीका ग्रेट अगेन’ का नारा अमरीकी समाज को कट्टर राष्ट्रवाद के रास्ते पर ले जा सकता है। इसके अपने खतरे हैं, जो अमरीकी समाज के बहुलतावादी ढाँचे के ताने-बाने को कमजोर करेंगे। यह सोच अपने राजनीतिक विरोधियों को देश का दुश्मन बताती है। आशंका है कि ट्रंप की नीतियों से कहीं अमरीका अलग-थलग न पड़ जाए।

कोई खुद के लिए, तो कुछ आने वाली पीढ़ियों के लिए चिंतित है। प्रकृति के असंतुलन और पर्यावरण के खतरे ने ऐसी ही चिंता सभी देशों के लिए पैदा कर दी है। 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने की अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा से दुनिया के तमाम देश और उनके नेता आर्श्चयचकित हैं।

प्रयास

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
Source:
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे
Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
Source:
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया
Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
Source:
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
talab-gyan-sanskriti-:-ninv-se-shikhar-tak
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

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प्राकृतिक संसाधनों की बदहाली से विचलित सोनांचल विकास मंच

Submitted by Hindi on Tue, 06/13/2017 - 11:48
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
Sonanchal Vikas Manch


. मध्य प्रदेश राज्य के पूर्व में छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से सटे अनूपपुर, उमरिया और शहडोल जिलों को मिलाकर शहडोल संभाग बना है। इस संभाग की कुल आबादी लगभग 24.60 लाख है। संभाग प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न है। अच्छी खासी बरसात होती है। इस क्षेत्र में कोयले की बहुत सी खदानें हैं। उन खदानों के कारण पूरे देश में इस इलाके की पहचान मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्र के रूप में है। कोयले के अलावा इस इलाके में घने जंगल हैं। इस इलाके की मुख्य नदी सोन है। संभाग की पहचान अपेक्षाकृत पिछड़े इलाके के रूप में है। इस संभाग में अनेक जनजातियाँ निवास करती हैं।

एक इंजीनियर, जो नदियों का होकर रह गया : दिनेश कुमार मिश्रा

Submitted by Hindi on Sun, 06/11/2017 - 10:56
Author
उमेश कुमार राय
Dinesh Mishra


. 5 सितम्बर 1984 को सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड में हेमपुर गाँव के पास कोसी नदी का तटबंध टूटा था और कोसी ने 196 गाँवों को अपनी आगोश में ले लिया था। करीब 5 लाख लोग तटबंध के बचे हुए हिस्से पर शरण लिये हुए थे। दूर तक पानी और सिर्फ पानी ही दिख रहा था। पूरे क्षेत्र में त्राहिमाम मचा हुआ था।

उसी वक्त एक 38 वर्षीय इंजीनियर के पास संदेश आता है कि सहरसा में कुछ समस्याएँ हैं और उसे वहाँ जाकर काम करना है। संदेश देनेवाले शख्स थे एक दूसरे इंजीनियर विकास भाई जो वाराणसी में रहा करते थे और 1966 में सर्वोदय कार्यकर्ता हो गये थे।

कोई तो बदलेगा ट्रंप या फैसला

Submitted by Hindi on Sat, 06/10/2017 - 16:37
Author
डॉ. विजय राय
Source
राष्ट्रीय सहारा, हस्तक्षेप, नई दिल्ली, 10 जून, 2017


ट्रंप का ‘अमरीका फर्स्ट’ और ‘अमरीका ग्रेट अगेन’ का नारा अमरीकी समाज को कट्टर राष्ट्रवाद के रास्ते पर ले जा सकता है। इसके अपने खतरे हैं, जो अमरीकी समाज के बहुलतावादी ढाँचे के ताने-बाने को कमजोर करेंगे। यह सोच अपने राजनीतिक विरोधियों को देश का दुश्मन बताती है। आशंका है कि ट्रंप की नीतियों से कहीं अमरीका अलग-थलग न पड़ जाए।

जलवायु परिवर्तन ढा रहा कहर कोई खुद के लिए, तो कुछ आने वाली पीढ़ियों के लिए चिंतित है। प्रकृति के असंतुलन और पर्यावरण के खतरे ने ऐसी ही चिंता सभी देशों के लिए पैदा कर दी है। 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने की अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा से दुनिया के तमाम देश और उनके नेता आर्श्चयचकित हैं।

प्रयास

सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
sitapur-aur-hardoi-ke-36-gaon-milaakar-ho-raha-hai-'naimisharany-tirth-vikas-parishad'-gathan
Source
लोकसम्मान पत्रिका, दिसम्बर-2022
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
sanjoy-ghosh-media-awards-–-2022
Source
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे

​यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
USERC-dvara-tin-divasiy-jal-vigyan-prashikshan-prarambh
Source
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया

28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें

Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
28-july-ko-ayojit-hone-vale-jal-shiksha-vyakhyan-shrinkhala-par-bhag-lene-ke-liye-panjikaran-karayen
Source
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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