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खासम-खास

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

Submitted by RuralWater on Sun, 02/14/2016 - 16:19
Source:
G.D. Agrawal


स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - पाँचवाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:

दिसम्बर, 2008 तक मैंने तय कर लिया था कि फिर अनशन करुँगा। मेरे सामने प्रश्न था कि कहाँ करुँ? दिल्ली में पहला अनशन तो मैंने महाराणा प्रताप भवन में किया था।

27-28 जून तक वे भी कहने लगे थे कि कब खाली करोगे। मैंने सोचा कि दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित मालवीय स्मृति भवन में करुँ। सोच थी कि इसे बीएचयू एलुमनी एसोसिएशन ने बनवाया है; मैं भी बीएचयू एलुमनी ही हूँ और मालवीय जी का गंगाजी के लिये बहुत कन्ट्रीब्युशन था; अच्छा रहेगा। बी एम जायसवाल, मालवीय भवन के प्रबन्धक थे। उनसे मिला। वह खुश थे। उन्होंने कहा कि बोर्ड बदल गया है। अब महेश शर्मा जी इसके अध्यक्ष हैं। गिरधर मालवीय जी भी बोर्ड में हैं। बाद में पता चला कि ये तीनों समर्थन में थे, लेकिन सांसद राजा कर्णसिंह जी ने मना कर दिया।

Submitted by RuralWater on Sat, 02/13/2016 - 16:14
Source:
Yamuna


उम्मीद थी कि लोगों को जीवन जीने की कला सिखाने वाला ‘आर्ट ऑफ लिविंग’, यमुना के जीवन जीने की कला में खलल डालने से बचेगा; साथ ही वह यह भी नहीं चाहेगा कि उनके आयोजन में आकर कोई यमुना प्रेमी खलल डाले। किन्तु इस लेख के लिखे जाने तक जो क्रिया और प्रतिक्रिया हुई, उससे इस उम्मीद को झटका लगा है।

गौरतलब है कि इस आयोजन को मंजूरी दिये जाने के विरोध में ‘यमुना जिये अभियान’ संयोजक श्री मनोज मिश्र ने राष्ट्रीय हरित पंचाट में अपनी याचिका दायर कर दी है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिबन्ध के बावजूद यमुना खादर की करीब 25 हेक्टेयर पर मलबा डम्प किया जा रहा है। उन्होंने इसे यमुना के पर्यावास के लिये घातक बताया है।

Submitted by RuralWater on Sat, 02/13/2016 - 12:14
Source:
Namami Gange


पिछले पखवाड़े ये संकेत मिल गया कि नमामि गंगे की गाड़ी की स्टेरिंग तो गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती के हाथों में ही रहेगी लेकिन ब्रेक, क्लच, एक्सीलेटर और गेयर पर नियंत्रण दूसरे मंत्रियों और पीएमओ का रहेगा।

अपेक्षित परिणाम ना मिलते देख पीएमओ ने नमामि गंगे से कई मंत्रालयों को जोड़ दिया है अब पर्यावरण मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन, मानव संसाधन मंत्रालय, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, युवा एवं खेल मंत्रालय, पोत परिवहन मंत्रालय मिलकर नमामि गंगे की गाड़ी को आगे बढ़ाएँगे।

इन मंत्रालयों के बीच 30 जनवरी को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए हैं। सहमति पत्र के अनुसार, गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिये सात मुख्य क्षेत्रों की पहचान की गई है साथ ही 21 कार्य बिन्दु तय किये गए हैं।

प्रयास

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
Source:
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे
Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
Source:
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया
Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
Source:
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक

Submitted by Editorial Team on Tue, 10/04/2022 - 16:13
Author
कृष्ण गोपाल 'व्यास’
talab-gyan-sanskriti-:-ninv-se-shikhar-tak
कूरम में पुनर्निर्मित समथमन मंदिर तालाब। फोटो - indiawaterportal
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में अनुपम ने समाज से प्राप्त जानकारी के आधार पर भारत के विभिन्न भागों में बने तालाबों के बारे में व्यापक विवरण प्रस्तुत किया है। अर्थात आज भी खरे हैं तालाब में दर्ज विवरण परम्परागत तालाबों पर समाज की राय है। उनका दृष्टिबोध है। उन विवरणों में समाज की भावनायें, आस्था, मान्यतायें, रीति-रिवाज तथा परम्परागत तालाबों के निर्माण से जुड़े कर्मकाण्ड दर्ज हैं। प्रस्तुति और शैली अनुपम की है।

Content

स्पष्ट हुई आदेश और अपील की मिलीभगत - स्वामी सानंद

Submitted by RuralWater on Sun, 02/14/2016 - 16:19
Author
अरुण तिवारी
G.D. Agrawal


स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - पाँचवाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है:

. दिसम्बर, 2008 तक मैंने तय कर लिया था कि फिर अनशन करुँगा। मेरे सामने प्रश्न था कि कहाँ करुँ? दिल्ली में पहला अनशन तो मैंने महाराणा प्रताप भवन में किया था।

27-28 जून तक वे भी कहने लगे थे कि कब खाली करोगे। मैंने सोचा कि दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित मालवीय स्मृति भवन में करुँ। सोच थी कि इसे बीएचयू एलुमनी एसोसिएशन ने बनवाया है; मैं भी बीएचयू एलुमनी ही हूँ और मालवीय जी का गंगाजी के लिये बहुत कन्ट्रीब्युशन था; अच्छा रहेगा। बी एम जायसवाल, मालवीय भवन के प्रबन्धक थे। उनसे मिला। वह खुश थे। उन्होंने कहा कि बोर्ड बदल गया है। अब महेश शर्मा जी इसके अध्यक्ष हैं। गिरधर मालवीय जी भी बोर्ड में हैं। बाद में पता चला कि ये तीनों समर्थन में थे, लेकिन सांसद राजा कर्णसिंह जी ने मना कर दिया।

हरित पंचाट पहुँची यमुना

Submitted by RuralWater on Sat, 02/13/2016 - 16:14
Author
अरुण तिवारी
Yamuna


.उम्मीद थी कि लोगों को जीवन जीने की कला सिखाने वाला ‘आर्ट ऑफ लिविंग’, यमुना के जीवन जीने की कला में खलल डालने से बचेगा; साथ ही वह यह भी नहीं चाहेगा कि उनके आयोजन में आकर कोई यमुना प्रेमी खलल डाले। किन्तु इस लेख के लिखे जाने तक जो क्रिया और प्रतिक्रिया हुई, उससे इस उम्मीद को झटका लगा है।

गौरतलब है कि इस आयोजन को मंजूरी दिये जाने के विरोध में ‘यमुना जिये अभियान’ संयोजक श्री मनोज मिश्र ने राष्ट्रीय हरित पंचाट में अपनी याचिका दायर कर दी है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिबन्ध के बावजूद यमुना खादर की करीब 25 हेक्टेयर पर मलबा डम्प किया जा रहा है। उन्होंने इसे यमुना के पर्यावास के लिये घातक बताया है।

कुछ यू चलेगी नमामि गंगे की गाड़ी

Submitted by RuralWater on Sat, 02/13/2016 - 12:14
Author
अभय मिश्र
Namami Gange


.पिछले पखवाड़े ये संकेत मिल गया कि नमामि गंगे की गाड़ी की स्टेरिंग तो गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती के हाथों में ही रहेगी लेकिन ब्रेक, क्लच, एक्सीलेटर और गेयर पर नियंत्रण दूसरे मंत्रियों और पीएमओ का रहेगा।

अपेक्षित परिणाम ना मिलते देख पीएमओ ने नमामि गंगे से कई मंत्रालयों को जोड़ दिया है अब पर्यावरण मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन, मानव संसाधन मंत्रालय, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, युवा एवं खेल मंत्रालय, पोत परिवहन मंत्रालय मिलकर नमामि गंगे की गाड़ी को आगे बढ़ाएँगे।

इन मंत्रालयों के बीच 30 जनवरी को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गए हैं। सहमति पत्र के अनुसार, गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिये सात मुख्य क्षेत्रों की पहचान की गई है साथ ही 21 कार्य बिन्दु तय किये गए हैं।

प्रयास

सीतापुर और हरदोई के 36 गांव मिलाकर हो रहा है ‘नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद’ गठन  

Submitted by Editorial Team on Thu, 12/08/2022 - 13:06
sitapur-aur-hardoi-ke-36-gaon-milaakar-ho-raha-hai-'naimisharany-tirth-vikas-parishad'-gathan
Source
लोकसम्मान पत्रिका, दिसम्बर-2022
सीतापुर का नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र, फोटो साभार - उप्र सरकार
श्री नैभिषारण्य धाम तीर्थ परिषद के गठन को प्रदेश मंत्रिमएडल ने स्वीकृति प्रदान की, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इसके अंतर्गत नैमिषारण्य की होली के अवसर पर चौरासी कोसी 5 दिवसीय परिक्रमा पथ और उस पर स्थापित सम्पूर्ण देश की संह्कृति एवं एकात्मता के वह सभी तीर्थ एवं उनके स्थल केंद्रित हैं। इस सम्पूर्ण नैमिशारण्य क्षेत्र में लोक भारती पिछले 10 वर्ष से कार्य कर रही है। नैमिषाराण्य क्षेत्र के भूगर्भ जल स्रोतो का अध्ययन एवं उनके पुनर्नीवन पर लगातार कार्य चल रहा है। वर्षा नल सरक्षण एवं संम्भरण हेतु तालाबें के पुनर्नीवन अनियान के जवर्गत 119 तालाबों का पृनरुद्धार लोक भारती के प्रयासों से सम्पन्न हुआ है।

नोटिस बोर्ड

'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022

Submitted by Shivendra on Tue, 09/06/2022 - 14:16
sanjoy-ghosh-media-awards-–-2022
Source
चरखा फीचर
'संजॉय घोष मीडिया अवार्ड्स – 2022
कार्य अनुभव के विवरण के साथ संक्षिप्त पाठ्यक्रम जीवन लगभग 800-1000 शब्दों का एक प्रस्ताव, जिसमें उस विशेष विषयगत क्षेत्र को रेखांकित किया गया हो, जिसमें आवेदक काम करना चाहता है. प्रस्ताव में अध्ययन की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, कार्यप्रणाली, चयनित विषय की प्रासंगिकता के साथ-साथ इन लेखों से अपेक्षित प्रभाव के बारे में विवरण शामिल होनी चाहिए. साथ ही, इस बात का उल्लेख होनी चाहिए कि देश के विकास से जुड़ी बहस में इसके योगदान किस प्रकार हो सकता है? कृपया आलेख प्रस्तुत करने वाली भाषा भी निर्दिष्ट करें। लेख अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू में ही स्वीकार किए जाएंगे

​यूसर्क द्वारा तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ

Submitted by Shivendra on Tue, 08/23/2022 - 17:19
USERC-dvara-tin-divasiy-jal-vigyan-prashikshan-prarambh
Source
यूसर्क
जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र द्वारा आज दिनांक 23.08.22 को तीन दिवसीय जल विज्ञान प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रो.(डॉ.) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा जल के महत्व को देखते हुए विगत वर्ष 2021 को संयुक्त राष्ट्र की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ईको सिस्टम रेस्टोरेशन" के अंर्तगत आयोजित कार्यक्रम के निष्कर्षों के क्रम में जल विज्ञान विषयक लेक्चर सीरीज एवं जल विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रारंभ किया गया

28 जुलाई को यूसर्क द्वारा आयोजित जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला पर भाग लेने के लिए पंजीकरण करायें

Submitted by Shivendra on Mon, 07/25/2022 - 15:34
28-july-ko-ayojit-hone-vale-jal-shiksha-vyakhyan-shrinkhala-par-bhag-lene-ke-liye-panjikaran-karayen
Source
यूसर्क
जल शिक्षा व्याख्यान श्रृंखला
इस दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण  इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्था के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अपशिष्ट जल विभाग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रितेश विजय  सस्टेनेबल  वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट फॉर लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (Sustainable Wastewater Treatment for Liquid Waste Management) विषय  पर विशेषज्ञ तौर पर अपनी राय रखेंगे।

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