खासम-खास

तालाब ज्ञान-संस्कृति : नींव से शिखर तक
परम्परागत तालाबों पर अनुपम मिश्र की किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’, पहली बार, वर्ष 1993 में प्रकाशित हुई थी। इस किताब में…
केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण  : कुछ तथ्य, कुछ जानकारियां
भूजल का दोहन, भूस्वामी की जमीन की सीमा तक सीमित नहीं होता। वह अनेक पैरामीटर पर निर्भर होता है। उपर्युक्त आधार पर कहा जा…
आजादी के 75 साल की सौगात: अमृत सरोवर योजना
नीति आयोग के सन 2018 के अनुमान के अनुसार 60 करोड़ लोग शुद्ध पेयजल की गंभीर से अतिगंभीर कमी से ग्रसित हैं और हर साल लगभग…
नदियों की सेहत और अविरलता का बैरोमीटर है गर्मी का मौसम
हकीकत में नदियों की सेहत और प्रवाह की अविरलता एवं बायोडायवर्सिटी की जांच का सही वक्त गर्मी का मौसम होता है क्योंकि इसी…
श्रीलंका का बढ़ता जल संकट : बढ़ता आर्थिक संकट (Growing water crisis of Sri Lanka means increasing economic crisis. in Hindi)
श्रीलंका आज चर्चा का विषय है। 900 मिमी से लेकर 5000 मिमी तक की वर्षा वाला देश अगर सूखे की वजह से आर्थिक संकट की बात करे…
विश्व जल दिवस 2022 : कुछ सोच, कुछ विचार
इस साल के विश्व जल दिवस साल का बीज वाक्य है ‘अदृश्य भूजल को दृश्य बनाना’। नीति निर्माताओं, समाज और देश का ध्यान आकर्षित…
बांधों पर मंडराता खतरा: टिकाऊ माडल की तलाश
भारत में पानी की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है वहीं गाद जमाव के कारण बुढ़ाते बडे बाधों की भंडारण क्षमता लगातार कम हो रही…
भारत की सूखती नदियाँ और बेखबरी का आलम
नोडल विभाग की भूजल शाखा, साल में चार बार भूजल स्तर के परिवर्तन को दर्ज करती है। परिवर्तन के आधार पर भूजल दोहन के…
नगरों पर गहराता जल संकट
अनुमान है कि सन 2050 तक भारत की नगरीय आबादी लगभग 80 करोड़ हो जावेगी। इस जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव वैसे तो प्रत्येक…
हिन्दुकुश हिमालय पर्वतमाला: दी थर्ड पोल
हिन्दुकुश हिमालय पर्वत श्रंखला से निकलने वाली नदियों के कछारों को, मौटे तौर पर पठारी क्षेत्र, तीखे तथा खडे ढ़ाल वाले…
सामाजिक स्वीकार्यता की कसौटी पर बांध
भारतीय समाज लगभग 6000 साल पहले से पानी से दो मोर्चों पर जूझ रहा है। पहला मोर्चा है बाढ़ और दूसरा मोर्चा है पानी की…
बेतवा नदी घाटी के प्रारंभिक कछार के भूजल संसाधन - कुछ विचारणीय बिन्दु
बेतवा नदी-तंत्र के प्रारंभिक हिस्सों का कुल रकबा 20600 वर्ग किलोमीटर है। यह रकबा मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थित…
बावडी: कुछ अनछुए पहलू
सदियों से बावडी हमारी सनातन जल प्रदाय व्यवस्था का अभिन्न अंग रही है। अलग-अलग इलाकों में बावडियों को अलग-अलग नामों यथा…
संकट में है भूजल और नदी का रिश्ता
पिछले कुछ बरसों से, नदियों और भूजल का पुराना अन्तरंग कुदरती रिश्ता बुरी तरह बिगड़ा हुआ है। अनदेखी के कारण इन दिनों वह…
आज भी खरे है तालाब-अध्याय 03 संसार सागर के नायक
अपनी पुस्तक आज भी खरे हैं तालाब के तीसरे अध्याय संसार सागर के नायक में अनुपम मिश्र ने देश भर में विभिन्न समुदायों के उन…
आज भी खरे हैं तालाब- पाल के किनारे लिखा इतिहास का संगीतमय वाचन
अपनी पुस्तक “आज भी खरे हैं तालाब” में श्री अनुपम जी ने समूचे भारत के तालाबों, जल-संचयन पद्धतियों, जल-प्रबन्धन, झीलों…
नदी प्रवाह की घट-बढ़ को समझने का प्रयास
कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती। समझ के आधार पर विकसित व्यावहारिक ज्ञान की ऊँचाई की कोई सीमा नहीं होती। सटीक ज्ञान…
नदी चेतना यात्रा : कन्टूर और जल संरक्षण के सम्बन्ध को समझने का प्रयास 
कन्टूरों के वितरण से कछार के ढ़ाल की जानकारी का अनुमान लग जाता है। टोपोशीट पर जहाँ दो कन्टूर पास-पास होते हैं वहाँ ढ़ाल…
नदी चेतना यात्रा : समाज की प्रजातांत्रिक शक्ति और नदी के प्राकृतिक संसाधनों की बहाली 
मनुष्य की विकास यात्रा का इतिहास बताता है कि मानव सभ्यता का विकास नदियों के किनारे हुआ है। यह विकास चाहे भारत में हुआ…
नदी चेतना यात्रा : राज से सम्वाद के लिए होमवर्क करता समाज 
पिछले तीन दिनों (22 जून से 24 जून) से बिहार में बीस-पच्चीस संवेदनशील लोग नदी चेतना यात्रा के लिए होमवर्क कर रहे हैं। यह…
मध्यप्रदेश के प्रमुख सिंचाई जलाशय: कुछ संभावनायें, कुछ अनुमान
मध्यप्रदेश के अनेक सिंचाई जलाशय अपनी आयु का काफी बड़ा हिस्सा पूरा कर चुके हैं। उनमें से अनेक में गाद जमाव की समस्या है…
'राज' से संवाद की तैयारी करता समाज
इन दिनों बिहार में राज से संवाद की तैयारी करते समाज द्वारा पानी रे पानी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत…
पर्यावरण दिवस से नदी दिवस तक
इन दिनों बिहार राज्य में पानी और जंगल के लिए पानी रे पानी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत 5 जून से 27…
सुखना झील: समाधान का रोडमेप
<p>चंडीगढ़ की सुखना झील पर उच्च न्यायालय का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया है। यह फैसला अनेक मायनों में लैन्डमार्क…
कोविड-19 के दौर में पानी की उपलब्धता पर गहराता संकट
कोविड-19 के जिस दौर में ध्वस्त होती अर्थ-व्यवस्था, श्रमिकों का पलायन और कोरोना के इलाज के लिए उपयुक्त दवा के अभाव में…
जल संकट के आईने में समाधान की खोज  
पेयजल संकट ने दस्तक दे दी है। वह कहीं कम है तो कहीं अधिक। कहीं वह ग्रीष्मकालीन खेती के लिए है तो कहीं वह आने वाले दिनों…
लॉकडाउनः कुछ यक्ष प्रश्न
आपातकाल में ही चीजें कसौटी पर रखकर परखी जाती हैं। कुछ लोगों को लगता है कि एक ओर यदि लाॅकडाउन ने सामाजिक सुरक्षा से जुडे…
नदियों के सूखने का कारण
बीसवीं सदी के पहले कालखंड तक भारत की अधिकांश नदियाँ बारहमासी थीं। उस दौरान यदि कोई नदी सूखती थी तो वह सूखना अपवाद…
नदी विज्ञान और भारत का नदी तंत्र
नदी विज्ञान अपेक्षाकृत नया विज्ञान है इसलिए उन सब लोगों, जो नदी के गैर-मानसूनी प्रवाह की बहाली पर काम कर रहे हैं, को…
उत्तम खेती, मध्यम बान
उत्तम खेती, मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी, भीख निदान, उसी लोक विज्ञान पर आधारित वह कालजयी कहावत है जो इस लेख का शीर्षक है।…
गाद प्रबन्ध: तब और अब
पुरातात्विक और ऐतिहासिक प्रमाणों से पता चलता है कि चन्द्रगुप्त मौर्य (321 से 297 ईसवी पूर्व) के शासन काल में तालाबों,…
शुद्ध जल उपलब्धता - मध्यप्रदेश के बढ़ते सधे कदम 
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लोगों को पीने के साफ पानी को उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार के स्तर पर लगातार चिन्तन…
खेती किसानी के लिए बजट 2020
कृषि में बजट की जरुरत इस तरह है जैसे मानव को वायु की क्योंकि वर्तमान समय में जब उद्योगीकरण और शहरीकरण अपनी चरम सीमा पर…
खेती, पानी और पर्यावरण की दृष्टि से बजट 2020
वित्तमंत्री ने आम बजट में मध्यमवर्ग, महिलाओं और युवाओं सबको कुछ न कुछ तोहफे दिए, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान उनका ग्रामीण…
नदियों के गैर-मानसूनी प्रवाह की बहाली 
भारत की लगभग सभी नदियों का मानसूनी प्रवाह लगभग अप्रभावित है, पर उनके गैर-मानसूनी प्रवाह में कमी आ रही है। अर्थात समस्या…
गांधी का प्रकृति चिन्तन
महात्मा गांधी के प्रकृति चिन्तन से सम्बन्धित संदेश आज भी प्रासंगिक हैं क्योंकि उनके लेखों तथा विचारों में पर्यावरण…
अटल भूजल योजना: कुछ यक्ष प्रश्न
देश में पानी का टोटा नही है। आंकड़े बताते हैं कि भारत की धरती पर लगभग 4000 लाख हेक्टेयर मीटर पानी बरसता है। उसमें सतही…
भागलपुर की चम्पा: आस अभी बाकी हैे
11 दिसम्बर, 2019 को बिहार राज्य के भागलपुर जिले की चम्पा नदी को देखने का अवसर मिला। यह अवसर जुटाया पटना के पत्रकार पंकज…
शिप्रा नदी के पुनर्जीवन का रोड मेप
मध्यप्रदेश के मालवा अंचल की पवित्रतम नदी का नाम है शिप्रा। इस नदी का उदगम, धार जिले के उत्तर में स्थित विन्ध्याचल…
आहर-पईन प्रणाली और गया के रसलपुर का सूर्य मन्दिर पोखर
उस तालाब के पास में लगभग 80 फुट गहरा एक नलकूप लगा है। मैंने ग्राम वासियों की मदद से उसके इतिहास और पानी के आने-जाने के…
मध्य प्रदेश जलाधिकार अधिनियम: हक़दारी या निजीकरण की तैयारी ?
चर्चा है कि मध्य प्रदेश, इन दिनों जलाधिकार अधिनियम बनाने वाला भारत का पहला राज्य बनने की तैयारी में व्यस्त है। वर्ष-…
उत्तराखण्ड राज्य जल नीति - 2019
जल अत्यन्त महत्वपूर्ण और अपर्याप्त प्राकृतिक संसाधनों में से एक है, जो जीवन, जीवकोपार्जन, कृषि, चिरस्थायी सामाजिक विकास…
भारत के सन्दर्भ में खेती की बेहतरीन तकनीकें
पिछले 40 वर्षों के दौरान भारत का खाद्यान्न उत्पादन दो गुना से अधिक बढ़ा है। 1979 में पांचवी पंचवर्षीय योजना के अंत में…
जल संरक्षण - आवश्यकता एवं उपाय
हम सभी जानते हैं कि जल सभी जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए कितना महत्त्वपूर्ण है। आपने यह भी जानकारी प्राप्त कर ली…
रूफ वाटर हार्वेस्टिंग - कुछ विचारणीय पहलू 
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समाधान खोजता भूजल संकट
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नदी तंत्र पर मानवीय हस्तक्षेप और जलवायु बदलाव का प्रभाव
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नदी मैनुअल - ताकि नदियाँ बहती रहें
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